जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, उनकी सूची बनाने की जिम्मेवारी नगर निगम, नगर परिषद, पंचायतों के निर्वाचित जन प्रतिनिधियों को दी जाय- अवधेश कुमार।*

*जन वितरण प्रणाली के द्वारा अनाज वितरण में धांधली और भेदभाव पर रोक लगाई जाय।*

*भाषण नहीं राशन दो, आंदोलन जारी रहेगा।*

ठाकुर वरुण कुमार।

पटना::- सीपीआई(एम) राज्य सचिव अवधेश कुमार ने कहा है कि पार्टी लॉक डाउन में राशन कार्ड की शर्त को समाप्त कर सभी जरूरतमंदों को 35 किलो अनाज, और 7500 रुपया देने की मांग निरंतर करती रही है। अब राज्य सरकार ने घोषणा की है कि जिनके पास राशन कार्ड नहीं है उन्हें भी सरकार अनाज देगी यह काफी विलंब से उठाया गया कदम है। राज्य सरकार के इस फैसले पर तुरंत अमल सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, उनकी सूची बनाने की जिम्मेवारी सरकार ने जीविका समूह के महिला कार्यकर्ताओं को दी है। ज्ञात हो की अधिकतर शहरों में और कई पंचायतों में भी जीविका समूह गठित नहीं है, इसलिए बेहतर होगा कि निर्वाचित नगर निकाय, पंचायत प्रतिनिधियों खासकर वार्ड सदस्य एवं पंचायत समिति के सदस्यों को भी सूची बनाने की जिम्मेवारी से जोड़ा जाए। निर्वाचित नगर निकाय, पंचायतों के अधिकारों में कटौती करना अनुचित और अलोकतांत्रिक है।


यह सर्वविदित है कि करोना महामारी के चलते कामगारों, दिहाड़ी एवं प्रवासी मजदूरों के साथ साथ अब निम्न मध्य वर्ग के लोगों के सामने भी आर्थिक तंगी बढ़ गई है। भूख से मौत और आत्महत्या की घटनाएं तेजी से बढ़ोतरी होने की खबरें प्राप्त हो रही है।
कार्ड धारियों के बीच मुफ्त अनाज वितरण की घोषणा पर पूर्ण अमल अभी बांकी है। कई जगहों पर अनाज नहीं पहुंचने, कम वजन, घटिया चावल – गेहूं देने की खबरें भी आ रही है ।राज्य सरकार को चाहिए कि अनाज वितरण में व्याप्त भ्रष्टाचार और भेदभाव पर रोक लगाए ।

पार्टी की सभी ब्रांच इकाईयों को निर्देश दिया गया है कि लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए सभी जरूरतमंद गरीब परिवारों को अनाज मिले। इसे सुनिश्चित करने के लिए पहल लें, और सूची बनाने की प्रक्रिया में जीविका महिलाओं, निर्वाचित,नगर निकाय, पंचायत प्रतिनिधियों को सहयोग करें।

इन बातों की जानकारी सीपीआई (एम) के सचिव मनोज कुमार चंद्रवंशी ने दिया है।

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