जीवन में एक सच्चा दोस्त मानव जीवन को सार्थक कर सकता है: त्यागी
जीवन में एक सच्चा दोस्त मानव जीवन को सार्थक कर सकता है: त्यागी
जे टी न्यूज, खगड़िया: “मेरा तो जो भी कदम है वह तेरी राह में है, तू कहीं भी रहे ऐ दोस्त, मेरी निगाह में है” इस पंक्ति को चरितार्थ करते हुए चंदन के दोस्तों ने उसके और असमायिक निधन के बाद आवासबोर्ड रोड स्थित मंजू वाटिका में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता समाजसेवी ई. धर्मेंद्र कुमार एवं संचालन नागेंद्र सिंह त्यागी ने किया। ज्ञात हो कि सन्हौली निवासी अधिवक्ता संगम प्रसाद केसरी के बड़े सुपुत्र चंदन कुमार का 18 मई 2025 को बेंगलुरु में और असमायिक निधन हो गया था। बहुमुखी प्रतिभा के धनी चंदन खगड़िया से मैट्रिक करने के बाद दिल्ली में उच्च शिक्षा ग्रहण किया। उसके बाद एलआईसी में डीओ के पद पर पदस्थापित हुए और वर्तमान में एलआईसी में हीं साउथ सेंट्रल जोन के हेड थे। दिवंगत चंदन का व्यक्तित्व ऐसा था कि एक साधारण परिवार का बच्चा बेंगलुरु जैसे महानगर में अपने व्यवहार एवं कार्य कुशलता से ऐसा अमिट छाप छोड़ा की उसके और असमायिक निधन के बाद हजारों लोग उनके अंतिम दर्शन करने पहुंचे और सबों के मुख से एक हीं शब्द निकलता था कि ऐसा वैचारिक इंसान लाखों में भी नहीं मिलते हैं। चंदन का बचपन के दोस्त पर ऐसा प्रभाव था कि जहां किसी व्यक्ति के मरणोपरांत अपने परिवार के साथ-साथ सगे संबंधियों भी रिश्ता का खानापूर्ति के बाद उसे भूल जाते हैं, वहीं इसके दोस्तों ने परिवार से हटकर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन कर दोस्ती के लिए नई लकीर खींच दी। अपने अध्यक्षीय संबोधन में इंजीनियर धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि चंदन भले ही हमारे अनुज के तरह था लेकिन अपना भविष्य अपने दोस्तों में देखा करता था। उन्होंने कहा कि बचपन से हीं उसे सीखने की भूख थी और अपने छोटे से भी नीचे बैठकर उसे सीखना था और यही गुण उसे सर्वप्रिय बहुमुखी प्रतिभा का धनी बनाया। संचालन करते हुए नागेंद्र सिंह त्यागी ने कहा कि किसी व्यक्ति के मानव जीवन में एक सच्चा दोस्त मिलना भगवान से काम नहीं होता है। जिन्हें यह मिल जाता है उसका मानव जीवन सार्थक हो जाता है। जेएनकेटी हाई स्कूल के गुरु रहे अवकाश प्राप्त शिक्षक शैलेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि एक गुरु या शिक्षक की खुशी छात्र या शिष्य के सफलता में समाय रहता है। आज जब चंदन के बौद्धिक विचार के बारे में जानकारी मिली तो पहले तो बहुत दिल में दर्द हुआ, ऐसा अनुशासित हमसे पहले धरती छोड़ दिया। वहीं दूसरा पल सीना खुशी से चौड़ा हो गया कि मेरा शिष्य बड़े जगह पर जाकर अपना प्रतिभा का लोहा बनवाया।
सर्वप्रथम उपस्थित लोगों ने दिवंगत चंदन के तैल्य चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर भावपूर्ण श्रद्धांजलि दिया। पुनः खड़े होकर उनकी आत्मा के शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा। इस अवसर पर शिक्षक नेता मनीष कुमार सिंह, दिवंगत चंदन के दोस्त राकेश सिंह फूले, राजीव कुमार, शंभू कुमार सिंह, इतवारी पंडित, रणजीत सिंह, अधिवक्ता पंकज कुमार पप्पू, प्रवीण पपलू, संजय हसमुख, विवेकानंद चौरसिया, समाजसेवी मोहम्मद शाहबुद्दीन, हेमंत कुशवाहा, रामपुर पंचायत के मुखिया कृष्णानंद यादव, अधिवक्ता शशि कुमार, सुमन कुमार, प्रमोद यादव, लाल बहादुर केसरी, अभय कुमार गुड्डू, संजय सिंह, गुड्डू सिंह, प्रेम कुमार, इंजीनियर उदय वर्मा इत्यादि प्रमुख लोगों ने श्रद्धांजलि देते हुए संकल्प लिया कि जिस प्रकार दिवंगत चंदन ऊंचे पद पर जाकर अपने बचपन के एक मजदूर दोस्त से भी बचपन जैसा प्यार निभाते रहा, हमलोग भी मानव जीवन इस आकांक्षा को पूरा करते रहेंगे।
