यमुना में जगतपुर से रामघाट, वजीराबाद बैराज तक पदयात्रा
यमुना में जगतपुर से रामघाट, वजीराबाद बैराज तक पदयात्रा
जे टी न्यूज, दिल्ली: यमुना में जगतपुर से रामघाट, वजीराबाद बैराज तक पदयात्रा सर्व श्री राजेन्द्र रवि, ममता जी तथा रमेश चंद शर्मा 8 जून, 2025 रविवार को।
यमुना के खादर में सब्जी की खेती व्यापक स्तर पर हो रही है। जिसके कारण दोनों ओर हरियाली नजर आती है। पशु विशेषकर भैंसों को पानी में तैरते तथा आस-पास चरते हुए देखा जा सकता है। पानी साफ-सुथरा नहीं है। कहीं-कहीं जलकुंभी ने भी अपना साम्राज्य बना रखा है।
खादर क्षेत्र में मलबा डाला जा रहा है जिससे खादर क्षेत्र का विनाश हो रहा है।
रामघाट पर झील जैसा बना हुआ है। पक्के घाट, घाट के आसपास मंदिरों का निर्माण, पक्का निर्माण बढ़ता हुआ। घाट पर पंडित, पंडों की चौकियां स्थापित है। पानी साफ-सुथरा यहां भी नहीं। स्नान, कर्मकांड, पूजा पाठ आदि इसी में होता है। आस्था के नाम पर यह खिलवाड़ ही कहा जाएगा। पदयात्रा के दौरान बदबू भी बीच-बीच में महसूस की गई।
नई पीढ़ी यमुना को जानें, देखें, समझें, अपनाएं। इसके लिए जरूरी है कि वह यमुना कि जैसी भी स्थिति है उसे देखना तो शुरू करे। दिल्ली में यमुना पल्ला से लेकर ओखला दिल्ली की सीमा तक किस हालात में है। महान भारत की महान राजधानी में जहां सत्ता, प्रशासन, न्याय, उच्च अधिकारी, नेता, देश-दुनिया के पदाधिकारियों का जमावड़ा है। राष्ट्रपति भवन, संसद भवन, सर्वोच्च न्यायालय, एनजीटी, नदियों पर बने प्राधिकरण, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, विभागों से लेकर छोटे-बड़े कितने ही कार्यालयों की भरमार है। केन्द्रीय सरकार, दिल्ली सरकार सक्रिय है। नागरिकों के स्तर पर पर कुछ हलचलें हो रही है। लगता है कि ऊंट के मुंह में जीरा, सौ दिन चले अढ़ाई कोस, सबकुछ लुटा कर भी होश में नहीं आए। पैसा भरपूर खर्च हुआ है।
यमुना में सही, सच्चाई, हकीकत, सत्य में खुद के पानी की एक बूंद का बहाव नहीं मिल रहा है। नालों की दशा और दिशा महादशा के रूप में सबके सामने है। घर-बार, आस-पड़ोस, औद्योगिक कचरा सब यमुना को समर्पित किया जा रहा है। दिखावा खूब है। कथनी-करनी का अंतर साफ नजर आता है। प्रचार-प्रसार पर दबकर खर्चा हो रहा है। होर्डिंग, दावे बड़े-बड़े होते जा रहे है।
यमुना में अपना जल बहाव कब आएगा? यमुना स्नान लायक कब बनेगी? यमुना बदबू, कचरा मुक्त कब बनेगी? यमुना आईसीयू से कब बाहर आएगी? यमुना यमुना मां पुनः कब स्वस्थ नजर आएंगी? यमुना कब्जा मुक्त कब होगी?
जैसी भी हो फिर भी यमुना मैया की जय तो कहना ही है।
रमेश चंद शर्मा

