समाज को जागरूक करने में “महिला संवाद” ने निभाई ऐतिहासिक भूमिका
समाज को जागरूक करने में “महिला संवाद” ने निभाई ऐतिहासिक भूमिका
जे टी न्यूज, अररिया :
महिला सशक्तिकरण और सामाजिक चेतना की दिशा में अभूतपूर्व पहल साबित हो रहा महिला संवाद कार्यक्रम, जो अब अपने अंतिम चरण में है। मंगलवार को इसके 61वें दिन जिले के 22 स्थानों पर संवाद का आयोजन किया गया, जिसमें लगभग 4287 महिलाओं ने भाग लिया।
जिले के कुल 2174 नियोजित स्थलों में से 2155 स्थानों पर अब तक संवाद पूरे किए जा चुके हैं, जो कार्यक्रम की पहुंच और प्रभाव को दर्शाता है।
महिलाओं ने रखी 59,000 से अधिक आकांक्षाएं
कार्यक्रम के दौरान अब तक कुल 59,454 आकांक्षाएं सामने आईं — जिनमें शामिल हैं:
शिक्षा और करियर से जुड़ी उम्मीदें
पारिवारिक और सामाजिक मुद्दे
यातायात और आधारभूत सुविधाओं की कमी
महिला सुरक्षा और नशा मुक्ति जैसे गंभीर सामाजिक विषय
ग्रामीण महिलाओं की सशक्त आवाज़ें:
ममता देवी (पलासी) — जिला कार्यालय तक यातायात की सुविधा का अभाव बताया। शाम के समय ऑटो न मिलने से महिलाएं फँस जाती हैं। छोटी बसों की मांग की।
प्रभा देवी (सिकटी) — नशे की लत से जूझते कम उम्र के बच्चों पर चिंता जताई। अपराधों में बढ़ोत्तरी और समाज पर उसके प्रभाव को लेकर प्रशासन से ठोस कदम की मांग की।
अन्य प्रतिभागी महिलाएं — महिला सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की और हिंसा की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन से तुरंत कार्रवाई की अपील की।
महिला संवाद का सकारात्मक प्रभाव:
🔹 पुरुषों में भी आई जागरूकता — सरकारी योजनाओं, अधिकारों और सेवाओं की जानकारी से लाभ उठा रहे हैं।
🔹 समस्याओं के समाधान से सामाजिक व्यवस्था में सुधार
🔹 सरकारी योजनाओं के प्रति बढ़ा विश्वास और सहभागिता
18 जून को होगा समापन
महिला संवाद कार्यक्रम 18 जून 2025 को विधिवत रूप से समाप्त होगा। बीते दो महीनों में यह कार्यक्रम सिर्फ संवाद नहीं, बल्कि एक सामाजिक आंदोलन बन गया है, जिसने नींव रखी है एक जागरूक, सशक्त और संवेदनशील समाज की।
“महिला संवाद” नारी चेतना की आवाज़ बना, जिसने न केवल महिलाओं को, बल्कि पूरे समाज को जागरूकता, सहभागिता और समाधान की राह दिखाई। यह कार्यक्रम आने वाले समय में नीतिगत सुधार और सामाजिक बदलाव का आधार बन सकता है।

