जिले में संभावित बाढ़ 2025 के मद्देनजर संभावित बाढ़ हेतु पूर्व तैयारी किया गया

जिले में संभावित बाढ़ 2025 के मद्देनजर संभावित बाढ़ हेतु पूर्व तैयारी किया गया जे टी न्यूज़, सुपौल : जिला मुख्यालय के सदर अस्पताल के सभागार भवन में जिले में संभावित बाढ़ 2025 के मद्देनजर संभावित बाढ़ प्रभावित प्रखंडो के पंचायत स्तरीय स्वास्थ्य कर्मियों यथा ANMs एवं CHOs का बाढ़ पूर्व तैयारी, प्रत्युत्तर एवं प्रबंधन विषयक उन्मुखीकरण किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत डा० एस० पी० सिन्हा ACMO सुपौल, मो० मिनातुल्लाह जिला कार्यक्रम प्रबंधक, DPC बाल कृष्णा चौधरी एवं श्रीमती अनुपमा चौधरी (SMC, यूनिसेफ सुपौल) एवं अशोक कुमार (जिला समन्वयक – GPSVS-UNICEF – BIAG सुपौल) के संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया । कार्यक्रम के दौरान ACMO ने प्रतिभागियों को समझाया कि सुपौल जिला बाढ़ के लिए काफी संवेदन शील माना जाता है। मानसून के दौरान कभी भी बाढ़ या बाढ़ जैसी स्थिति बन जाती है। इसमें स्वास्थ्य सेवाओं कि गुणवत्तापूर्ण संचालन होता रहे इसलिए पूर्व तैयारी हेतु आज उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।

मो० मिनातुल्लाह जिला कार्यक्रम प्रबंधक सुपौल के द्वारा समझाया गया कि अभी से पंचायत वार ड्यू लिस्ट अपडेट करना, नाजुक लाभार्थियों की पहचान व सूचि तैयार करना, दस्तावेजों का सही रख रखाव दवाओं का भण्डारण आदि तैयारियां आवश्यक होती है। इसी क्रम में

DPC श्री बाल कृष्णा चौधरी ने बताया कि ऊँचे स्थानों का चयन, कैम्प या शिविर में सुरक्षित प्रसव कि ब्यवस्था, स्वच्छता एवं साफसफाई आदि की योजना भी पूर्व तैयारी के अंतर्गत किया जाना है। इसी कड़ी में श्रीमती अनुपमा चौधरी (SMC, यूनिसेफ सुपौल) ने बताया कि बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं आदि के नियमित टीकाकरण कि पूर्व तैयारी के अंतर्गत लक्षित लाभार्थियों की पहचान तथा उनका आवश्यक टीकाकरण को ससमय पूरा कर लिया जाना है।

इस उन्मुखीकरण कार्यक्रम के अशोक कुमार (जिला समन्वयक GPSVS- UNICEF – BIAG सुपौल

) ने निम्न बिन्दुओं पर प्रकाश डाला।

वैसे सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं उप स्वास्थ्य केन्द्रों को चिन्हित किया जाना, जिन्हें डूबने का खतरा हो और उसकी सामग्रियों को सुरक्षित रखने का उपाय करना ।

सभी प्रखण्ड स्तर तक के स्वास्थ्य केन्द्रों एवं बाढ़ राहत शिविरों पर आवश्यक दवाओं का भंडारण (विषेशरूप से ओआरएस, क्लोरीन या हैलोजन टैबलेट, एंटि वेनम, ब्लीचिंग पावडर, पल्स आक्सीमीटर, आक्सीजन सिलिंडर,) आदि की ब्यवस्था करना।

जिन गर्भवती महिलाओं के प्रसव की तिथि करीब हो (1-2 माह के अंदर के) उनकी सूची तैयार रखें और उनके प्रसव की व्यवस्था के लिए सभी संबन्धित को सूचित करें।

सर्वे एवं ड्यू लिस्ट को अतिशीघ्र अपडेट करना।

बाढ़ राहत केन्द्रों पर पदास्थापित होने वाले स्वास्थ्य पदाधिकारियों/ कर्मियों का रोस्टर तैयार कर लिया जाय और उसका विकल्प भी तैयार रखा जाय।

पूर्व से ही जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय से समन्वय एवं मोबाइल वैन / बोट एम्ब्युलेन्स की व्यवस्था के बारे में प्रयास करना।

प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर आकस्मिक फंड की व्यवस्था एवं संबन्धित पदाधिकारी को उसके आकस्मिक उपयोग के लिए प्राधिकृत किया जाय।

स्वास्थ्य केन्द्रों / उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर सभी आवश्यक उपकरणों का मरम्मतीकरण / ब्यवस्था उपरोक्त के साथ ही साथ प्रतिभागियों के द्वारा प्रखंड के हिसाब से बिन्दुवार पूर्व तैयारी की अग्रिम कार्य योजना तैयार की गयी। इस उन्मुखीकरण कार्यक्रम में जिले के पांच प्रखंडो यथा निर्मली, मरौना, सरायगढ़ भपटियाही, किसनपुर, सुपौल के संभावित बाढ़ प्रभावित पंचायतों के ANMs एवं CHO,s तथा GPSVS- UNICEF के उपेन्द्र कुमार मल्लिक (लेखापाल) एवं प्रशिक्षक रमेन्द्र कुमार यादव ने भाग लिया। अंत में सभी को धन्यवाद के साथ आज के इस कार्यक्रम का समापन किया गया।

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