महिलाओं की बराबरी की लड़ाई,
कामरेड रंजन निरूला को लाल सलाम!
जे टी न्यूज
कामरेड रंजन निरूला (1945 ) की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
दिल्ली के एक विशेषाधिकार प्राप्त परिवार में जन्मी रंजन जी ने अपना जीवन सुविधाओं और आराम की ओर नहीं, बल्कि मेहनतकश वर्ग और महिलाओं के अधिकारों की लड़ाई को समर्पित कर दिया।
👩🏭 मज़दूर आंदोलन और महिला मुक्ति की अगुवाई
उन्होंने लंबे समय तक CITU (Centre of Indian Trade Unions) में काम किया और संगठन को मज़बूती दी।
महिला कर्मकार समन्वय समिति (Coordination Committee of Working Women) की संस्थापकों में रहीं।
जनवादी महिला समिति (JMS) की सक्रिय अगुआ रही और लाखों महिलाओं को संगठित करने में ऐतिहासिक योगदान दिया।
🟥 उनकी खासियत
मज़दूरों और खासकर महिला कर्मकारों की समस्याओं को गहराई से समझा और उनके लिए संघर्ष का रास्ता दिखाया।
साम्प्रदायिकता और फासीवादी ताक़तों के खिलाफ़ उन्होंने हमेशा निर्भीक आवाज़ उठाई।
वैचारिक दृढ़ता, राजनीतिक समझदारी और साथियों के प्रति ममता – यह उनका व्यक्तित्व था।
महिला कार्यकर्ताओं को नेतृत्व में आगे लाने के लिए उन्होंने विशेष प्रयास किए।
⚖️ उनकी विरासत
कामरेड रंजन का जीवन हमें यह सिखाता है कि सच्चा नेतृत्व वही है, जो सुविधाओं को ठुकराकर संघर्ष की राह चुने और समाज में समानता, न्याय और इंसाफ़ के लिए पूरी निष्ठा से काम करे।
आज उनकी जयंती पर, हम उनके संघर्षों और सपनों को आगे बढ़ाने का संकल्प लेते हैं —
👉 मज़दूर वर्ग की हक़ की लड़ाई,
👉 महिलाओं की बराबरी की लड़ाई,
और शोषण-मुक्त, न्यायपूर्ण समाज की लड़ाई।
CITU और जनवादी महिला समिति की ओर से कामरेड रंजन निरूला को भावभीनी श्रद्धांजलि।
लाल सलाम कामरेड रंजन!