नैक मूल्यांकन पर जागरूकता’ विषय पर कार्यशाला का आयोजन

सभी का फीडबेक फार्म भरा जाना चाहिए- निदेशक  

नैक मूल्यांकन पर जागरूकता’ विषय पर कार्यशाला का आयोजन

नैक के प्लेटफार्म से अपना मूल्यांकन होता है- कुलपति

 

सभी का फीडबेक फार्म भरा जाना चाहिए- निदेशक

जे टी न्यूज, मुंगेर: आरडी एंड डीजे कॉलेज एवं नैक, मुंगेर विश्वविद्यालय मुंगेर के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन रविवार को सभागार में किया गया। इस कार्यशाला का विषय ‘अवेयरनेस ऑन नैक एक्रीडिटेशन् अर्थात् नैक मूल्यांकन पर जागरूकता’ रखा गया था। इस कार्यशाला में अध्यक्ष सह मुख्य अतिथि के रूप में मुंगेर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो (डॉ) संजय कुमार, विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रो(डॉ ) एनके अग्रवाल डायरेक्टर हायर एजुकेशन गवर्नमेंट ऑफ़ बिहार और डॉ घनश्याम राय, कुलसचिव, मुंगेर विश्वविद्यालय मुंगेर रहे। इस कार्यशाला के संयोजक आरडी एंड डीजे कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रो( डॉ ) बिजेंद्र कुमार, आयोजन सचिव श्री मुनींद्र कुमार सिंह थे। मंच संचालन कार्यक्रम समन्वयक मुनींद्र कुमार सिंह ने किया । इस कार्यशाला का उद्देश्य नैक मूल्यांकन हेतु संस्थाओं के लिए जागरुकता एवं मार्गदर्शन है। इसके अलावा कॉलेज अपने सेल्फ स्टडी रिपोर्ट (एसएसआर रिपोर्ट) को कुशलता पूर्वक भर सके। इसके अलावा महाविद्यालय अपने परफॉर्मेंस को सुधारने के लिए उपायों को अपना सके। इस कार्यशाला में मुंगेर विश्वविद्यालय के सभी महाविद्यालयों के प्राचार्य आइक्यूएसी कोऑर्डिनेटर, डाटा एंट्री ऑपरेटर ने प्रतिभाग किया । आरडी एंड डीजे कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर श्री गोपाल प्रसाद चौधरी इस कार्यशाला के समन्वयक थे। इस कार्यशाला के सफल संचालन के लिए डॉ केसी पटनायक, प्रोग्राम एडवाइजर और एस एम नायाब, टेक्निकल एडवाइजर, पटना से आमंत्रित किए गए । आरडी एंड डीजे कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रो (डॉ) बिजेंद्र कुमार ने बताया कि 2017 में इस महाविद्यालय का पहली बार नैक मूल्यांकन हुआ था। कॉलेज द्वितीय चक्र हेतु नैक मूल्यांकन के लिए तैयारी कर रहा है। इस कार्यशाला के फलस्वरुप महाविद्यालय के नैक और आइक्यूएसी टीम लाभान्वित होंगे।

मुंगेर विश्वविद्यालय की कुलसचिव डॉ घनश्याम राय ने कहा कि शैक्षणिक संस्थान के परफॉर्मेंस के मूल्यांकन के लिए नैक करना अनिवार्य है। मुंगेर विश्वविद्यालय के सभी कॉलेजों का नैक मूल्यांकन की तैयारी हेतु यह कार्यशाला अत्यंत अनिवार्य है। नैक मूल्यांकन के विभिन्न मापदंडों पर चर्चा हुई। यह सिर्फ कार्यशाला ही नहीं बल्कि संस्थागत सुधार के प्रति कदम हैं। उच्च शिक्षा निदेशक प्रो एन के अग्रवाल ने अपने वक्तव्य में सबसे पहले शिक्षकों को स्वयं का मूल्यांकन करने एवं अपने अध्यापन कार्य पर गर्व एवं आत्मसम्मान की भावना के लिए प्रेरित किया। उनका मानना है कि शैक्षणिक संस्थान की उत्कृष्टता का स्तर ही शिक्षक की पहचान है। समाज आपका मूल्यांकन आपके संस्थान के स्तर के आधार पर ही करता है। अतः हमें मिलकर उच्च शिक्षा के स्तर का निर्माण करना होगा।

साथ ही इन्होंने सामाजिक एवं प्रशासनिक स्तर पर शिक्षक के व्यक्तित्व के प्रति घटते सम्मान की चिंता करते हुए सबको अपना उत्कृष्ट कार्य नैतिकता के साथ करने पर बल दिया।

आर्थिक , शैक्षणिक एवं प्रशासनिक प्रबंधन किसी भी विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय के स्तर निर्माण लिए सबसे महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

अध्यक्षीय वक्तव्य देते हुए मुंगेर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर (डाॅ.)संजय कुमार ने नैक कार्यशाला के सत्रों का मूल्यांकन करते हुए कहा कि सचमुच नैक संस्थान का नहीं अपितु शिक्षकों का ही मूल्यांकन होता है जिसमें हमारे शैक्षणिक अकादमिक एवं शोधकार्य के लिए निर्धारित कर्तव्यों का आंकलन ग्रेड के माध्यम से प्रस्तुत किया जाता है।

उन्होंने कहा कि उन्हें बेहद खुशी है कि 127 वर्ष पुराने महाविद्यालय में नैक मूल्यांकन थीम पर कार्यशाला का आयोजन किया गया और आशा हैं कि सभी महाविद्यालय इससे लाभान्वित होंगे । मुंगेर विश्वविद्यालय के डीएसडब्लू प्रो (डा) महेश्वर मिश्रा ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यशाला में कुल 35 कॉलेज के 180 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में अनुष्का श्री, वंशिका, हर्ष, मृतुंजय, सुधांशु, अनुनय घोष, अभिषेक कुमार सम्मान, एनएसएस कार्यालय कर्मी सौरव शांडिल्य, सुमंत कुमार की अहम भूमिका रही।

दरभंगा से देवघर जाने के क्रम में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के सीनेट एवं सिंडिकेट सदस्य प्रोफेसर (डॉ.) बैजनाथ चौधरी उर्फ ​​बैजू बाबू ने मुंगेर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर संजय कुमार और कुलसचिव डॉ. घनश्याम राय से शिष्टाचार मुलाकात की। नैक कार्यशाला के दौरान कुलपति व कुलसचिव ने बैजू बाबू को चादर व पौधा देकर सम्मानित किया।

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