दस अक्टूबर को सासाराम में किसानों का ऐतिहासिक किसान महापंचायत होगा।

दस अक्टूबर को सासाराम में किसानों का ऐतिहासिक किसान महापंचायत होगा।

 

जेटी न्यूज़ औरंगाबाद : 10 अक्टूबर को सासाराम में किसानों का ऐतिहासिक किसान महापंचायत होगा।

 

किसान महापंचायत को राकेश टिकैत के अलावे संयुक्त किसान मोर्चा के अन्य राष्ट्रीय नेता संबोधित करेंगे।

किसान महापंचायत को सफल बनाने सैकड़ो ट्रैक्टर औरंगाबाद से सासाराम कूच करेंगे।

मगध और शाहाबाद के जनप्रतिनिधियों को भी तय करना पड़ेगा की वे प्रताड़ित किसानों के पक्ष में है या जुल्मी सरकार और प्रशासन के पक्ष में।

10 अक्टूबर सासाराम किसान महापंचायत को सफल बनाने के लिए आज स्व सत्येन्द्र नारायण सिंह स्मारक भवन औरंगाबाद में किसानों की आयोजित किसान चौपाल को संबोधित करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा बिहार के नेता दिनेश कुमार ने कहा कि बिना मुआवजा दिए, किसानों के खेतों में लहलहाती धान की फसलों को निर्दयता पूर्वक रोंदकर बर्बाद करना देश और किसान हित के खिलाफ है। इसके लिए जिम्मेदार पदाधिकारी पर जब तक कार्रवाई नहीं होगी और किसानों को नुकसान हुए फसलों का पर्याप्त मुआवजा नहीं मिलेगा,किसान प्रशासन को चैन से सोने नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि ना तो जमीन का सही तरीके से वर्गीकरण हुआ, ना ही किसानों को जमीन का वर्तमान बाजार दर से चार गुना मुआवजा मिला। अंचल कार्यालय में एल पी सी बनाने में भयानक लूट को संयुक्त किसान मोर्चा कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। अब आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा जंगे मैदान में उतर चुकी है। जनप्रतिनिधियों में एक माननीय सांसद सुधाकर सिंह को छोड़कर किसी जनप्रतिनिधि ने किसानों के ऊपर हुए जुल्म-अत्याचार की सुधि नहीं ली है। उन्हें भी अपना पक्ष स्पष्ट करना पड़ेगा। वर्ना किसान भी आने वाले दिनों में अपनी स्थिति स्पष्ट करेंगे और किसान पक्षी असली जनप्रतिनिधियों को चुनेंगे।

इस अवसर पर संयुक्त किसान मोर्चा के नेता अशोक प्रसाद सिंह ने कहा कि हमारे पुरखों ने अपने खेत को अपने बेटा से ज्यादा मानते थे। जिस प्रकार देश की सरहद पर हमारे सैनिक शहादत देते हैं और उनके पिता को जिस रूप में,जिस प्रकार पूरा देश सम्मान की दृष्टि से देखता है। उसी प्रकार विकास के लिए अगर कोई किसान अपना खेत दे रहा है,तो उसके साथ भी वही व्यवहार होना चाहिए। जब कोरोना महामारी में पूरा देश श्मशानी सन्नाटा छाया हुआ था। तब भी कृषि उद्योग चालू था। लोग बंगलौर और पुणे से पैदल इसलिए गांव आ रहे थे कि गांव में उनके पास सात कठ्ठा, नौ कठ्ठा या 13 कट्ठा उनकी अपनी जमीन थी। इसलिए खेत का हमारे जीवन में काफी महत्व है। रुपयों से जमीन की कीमत नही आंकी जा सकती। सरकार उस खेत को हमसे छीनना चाहती है जो हमारे लिए हमारी जान से भी प्यारी है।हमारे खेतों को हमसे छीन कर अपने प्यारे मित्र कॉरपोरेट को देना चाहती है।सरकार की साजिश और बदनीयत के खिलाफ हम सबों को एकजुट होकर संघर्ष में कूदना ही पड़ेगा। सासाराम किसान महापंचायत में औरंगाबाद से हजारों – हजार की संख्या में भाग लेकर इसे ऐतिहासिक बनाएंगे।

किसान चौपाल की अध्यक्षता राज कुमार सिंह ने की। किसान नेता मुखिया मनोज कुमार सिंह, नरेंद्र सिंह, विजेंद्र मेहता,जगत प्रसाद सिंह,भोला पंडित,रामजीवन, विक्की कुमार,अमरेश दुबे,अमरेंद्र पांडे,अनुज कुमार सिंह एवं अन्य किसान नेताओं ने भी किसान चौपाल को संबोधित किया।

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