समस्तीपुर स्थानीय पत्रकारों को पीएम मोदी के कार्यक्रम से दूर रखने मीडिया संगठनों में क्षोभ और रोष, विरोध तेज़, भाजपा कार्यालय के अनुशंसा पर पत्रकारों को पास जारी करने की तैयारी

समस्तीपुर स्थानीय पत्रकारों को पीएम मोदी के कार्यक्रम से दूर रखने मीडिया संगठनों में क्षोभ और रोष, विरोध तेज़, भाजपा कार्यालय के अनुशंसा पर पत्रकारों को पास जारी करने की तैयारी

समस्तीपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मीडिया कर्मियों से डर तो जग जाहिर है। मगर दस साल बाद पीएम के समस्तीपुर आगमन से पहले जिले में उनके कार्यक्रम के कवरेज को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। स्थानीय पत्रकारों को कार्यक्रम स्थल से दूर रखने के लिए कवरेज की अनुमति नहीं दिए जाने के खिलाफ जिले के प्रेस समुदाय में गहरा असंतोष व्याप्त है।
जानकारी के अनुसार, जिला प्रशासन और भाजपा पदाधिकारियों की ओर से अब तक किसी भी स्थानीय स्वतंत्र पत्रकार को आधिकारिक प्रेस पास नहीं दिया गया। स्थानीय पत्रकारों ने इस पर नाराज़गी जताते हुए कहा कि यह कदम लोकतंत्र और मीडिया की स्वतंत्रता पर आघात है।
मिली ताज़ा जानकारी के अनुसार, देर शाम भाजपा कार्यालय की ओर से जिले के लगभग 60 पत्रकारों की एक सूची जिला प्रशासन को सौंपी गई है, जिसके आधार पर प्रेस पास निर्गत करने की तैयारी की जा रही है।

इस पर कई गंभीर सवाल उठने लगे हैं —

क्या प्रधानमंत्री केवल भाजपा के प्रधानमंत्री हैं या पूरे देश के?
जब जिला जनसंपर्क कार्यालय के पास पहले से मान्यता प्राप्त पत्रकारों की सूची उपलब्ध है, तो उसी के आधार पर प्रेस पास क्यों नहीं जारी किए गए? क्या अब प्रधानमंत्री के सार्वजनिक कार्यक्रमों की रिपोर्टिंग केवल पार्टी अनुशंसा पर निर्भर करेगी?
क्या केवल भाजपा द्वारा सुझाए गए पत्रकार ही “पत्रकार” माने जाएंगे?
पत्रकारों का कहना है कि यह स्थिति न केवल मीडिया की स्वतंत्रता बल्कि भाजपा काल में लोकतंत्र की गरिमा और मर्यादा पर भी सवाल खड़ा करती है।
स्थानीय प्रेस संघों ने इसे “पत्रकारिता पर असंवैधानिक नियंत्रण का प्रयास” बताया है और कहा है कि वे इस मामले में जिला जनसंपर्क कार्यालय व निर्वाचन आयोग को औपचारिक शिकायत सौंपने की तैयारी कर रहे हैं। वहीं, जिला प्रशासन की ओर से इस पूरे विवाद पर अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि सूची की प्रक्रिया भाजपा कार्यालय से आने के बाद शुरू की गई है, लेकिन इससे यह प्रश्न और गहरा हो गया है कि आखिर स्वतंत्र मीडिया को किन आधारों पर अलग रखा गया। पत्रकार समुदाय ने चेतावनी दी है कि यदि यह एकपक्षीय रवैया जारी रहा, तो वे लोकतांत्रिक तरीके से विरोध प्रदर्शन करेंगे और राज्य स्तर पर अपनी बात रखेंगे।

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