सीसी कैमरे के बंद होने और विवि पैट पर्चियां गड्ढे में मिलने से निष्पक्ष एवं पारदर्शी मतदान के दावे की खुली पोल – आरके राय

सत्ता फिसलती देख चुनाव आयोग और केंद्र सरकार के गुप्त निर्देश का डीएम कर रहे पालन

सीसी कैमरे के बंद होने और विवि पैट पर्चियां गड्ढे में मिलने से निष्पक्ष एवं पारदर्शी मतदान के दावे की खुली पोल – आरके राय

सत्ता फिसलती देख चुनाव आयोग और केंद्र सरकार के गुप्त निर्देश का डीएम कर रहे पालन

जेटी न्यूज,
समस्तीपुर: स्ट्रांग रूम सील होने के कुछ ही घंटों बाद शुक्रवार की रात सीसी कैमरों ने काम करना बंद कर दिया। लगभग आधे घंटे तक सीसी कैमरे बंद रहे।
इसकी खबर मिलते ही राजनीतिक गलियारों में चर्चा का बाजार गर्म हो गया कि यह घटना महज प्रशासनिक चूक या सरकार के इशारे पर की गई साजिश है। मामला जो भी हो चुनाव आयोग के निष्पक्ष चुनाव के दावे की पोल तो खुल ही गई।

बताते चलें कि शुक्रवार को सूर्योदय के कुछ घंटे पहले तक ईवीएम, वीवीपैट सहित अन्य सामग्री संग्रहण का कार्य चला था। संग्रहण कार्य संपन्न होने के बाद त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था और विभिन्न प्रत्याशियों की उपस्थिति में सभी ईवीएम और वीवी पौट को सीसी कैमरे की निगरानी में सील किया गया था। कैमरे बंद होने की घटना पर कडी आपत्ती दर्ज कराते हुए राजद जिला प्रवक्ता ने कहा कि यह बेहद गलत है। यह चुनाव अयोग तथा संबंधित पदाधिकारियों की लापरवाही का प्रमाण है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि सरकार के इशारे पर ऐसा किया जा रहा है।
वहीं सरायरंजन में वीवीपैट पर्चियों का गड्ढे में पाया जाना भी गहरी चिन्ता का विषय है। राजद प्रवक्ता ने कहा कि इतिहास गवाह है कि रिकार्ड मतदान हमेशा सत्ता के खिलाफ गया है। इस बार भी रिकार्ड तोर मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है। इसलिए एनडीए को सत्ता हाथ से फिसलती दिखने लगी है। ऐसे में केन्द्र के इशारे पर कुछ भी मुमकिन है।
इसी बीच सरायरंजन में केएसआर कॉलेज से 500 मीटर की दूरी पर गड्ढे में वीवीपैट की पर्ची मिलने की खबर ने तहलका मचा दिया। घटना की जानकारी मिलने पर जिला निर्वाचन पदाधिकारी रौशन कुशवाहा, एसपी अरविन्द प्रताप सिंह, एएसपी संजय पांडे, सहित तमाम आला अधिकारी सररंजन पहुंचे, बिखड़े वीवी पैट पर्चियों को विधिवत जब्त किया और तत्काल एआरओ को निलंबित कर दिया।


इस निलंबन को फौरी तौर पर खानापूर्ति की करवाई करार देते हुए अप्पन पार्टी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव राजकुमार राय ने कहा कि एआरओ को निलंबित करने से पहले जिला निर्वाचन पदाधिकारी को इस्तीफा देना चाहिए। यह या तो निश्चित रूप से उनकी और उनके योजना की विफलता है या फिर केंद्र सरकार और चुनाव आयोग द्वारा जारी किसी गुप्त निर्देश का परिणाम है।
श्री राय ने कहा कि चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद पहली प्रेस वार्ता में उनके हस्ताक्षर के बिना जारी प्रेस विज्ञप्ति संवाददाताओं को देने और एसआईआर से जुड़े सवाल पर भड़कने की जानकारी मिलने के बाद ही यह स्पष्ट हो गया था कि चुनाव में निष्पक्षता और पारदर्शिता का दावा हाथी का दिखाने वाला दांत ही साबित होगा। यह अनुमान सीसी कैमरे के आधे घंटे तक बंद होने और सड़क किनारे पर्ची मिलने से सही साबित हो गया।
बहरहाल इन दोनों मामलों को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों के रोष व्याप्त है।

राजद जिला प्रवक्ता राकेश ठाकुर ने इसे लोकतंत्र व संविधान के हनन का प्रयास बताते हुए जिला निर्वाचन आयोग एवं मुख्य निर्वाचन आयोग को इस गंभीर मामले में स्पष्टीकरण की मांग की है। वहीं दूसरी तरफ भाकपा माले जिला स्थाई समिति सदस्य सुरेन्द्र प्रसाद सिंह ने उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।।

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