ममता एचआईएमसी द्वारा नीरपुर में महिलाओ को दी गई धरेलु हिंसा की जानकारी
ममता एचआईएमसी द्वारा नीरपुर में महिलाओ को दी गई धरेलु हिंसा की जानकारी

जे टी न्यूज, खगड़िया,चौथम : ममता एचआईएमसी प्रोजेक्ट जागृती 4 के अंतर्गत पंचायत भवन नीरपुर में मंगलवार को महिलाओ व किशोरियो को धरेलु हिंसा की जानकारी दी गई। कार्यक्रम में पंचायत के मुखिया प्रिंस कुमार, सरपंच रविंद्र सिंह, जिला कोर्डिनेटर विवेक कुमार सिंहा, ब्लॉक कोर्डिनेटर मोहन कुमार, जिला मिशन समन्वयक आशुतोष कुमार, चिकित्स्क डॉ आशुतोष कुमार, डॉ प्रीति कुमारी, सिपाही प्रीति कुमारी, जीविका से खुशबु कुमारी, सिकंद्र सिंह, ओआरडब्लू पांडव कुमार, सोनू कुमार, मुस्कान कुमारी, प्रियंका कुमारी सहित सेकड़ो महिला उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संचालन पांडव कुमार ने किया।

कार्यक्रम में जिला कोर्डिनेटर विवेक कुमार सिंहा ने महिलाओ पर हो रहे घरेलु हिंसा के बारे में विस्तार से बताए। उन्होंने धरेलु हिंसा के खिलाफ आवाज उठाने, सहायता करने व उपाय के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। उन्होंने घरेलू हिंसा के प्रकार को भी समझाते हुए शारीरिक हिंसा ,यौन हिंसा, आर्थिक हिंसा व भावनात्मक हिंसा के बारे में विस्तार से बताएं।
उन्होंने ने बताया यदि विभिन्न प्रकार के हिंसाओ में से किसी भी प्रकार का आपके ऊपर हिंसा होती है तो आप इसके खिलाफ आवाज उठा सकते हैं । साथ ही हिंसा से बचाव के बारे में भी बताया गया कि जब घरेलू हिंसा हो तो आप अपने फ्रंटलाइन वर्कर और पुलिस की सहायता लेकर के इस घरेलू हिंसा से मुक्त हो सकते हैं। और सबसे ज्यादा आप स्वयं जागरूक होकर के खिलाफ कार्रवाई करवा सकते हैं ।
वही जिला मिशन समन्वयक के आशुतोष कुमार जी ने भी विस्तार से घरेलू हिंसा से बचाव के बारे में बताएं और हिंसा के बारे में भी बताते हुए उन्होंने कहा कि घरेलू हिंसा हर किसी के घर में हो रहा है लेकिन सही जानकारी उन्हें है नहीं की हिंसा होती क्या है उन्होंने घरेलू हिंसा पर हो रहे विवाद को सुलझाने के लिए टोल फ्री नंबर 181 पर संपर्क करने व बाल विवाह के लिए 1098 नंबर पर डायल करने की बात कही । साथ ही उन्होंने सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में बताएं और उन्होंने सभी से अपील किया कि वे सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएं व घरेलू हिंसा के खिलाफ भी आवाज उठाएं ।
मुखिया प्रिंस कुमार ने कहा कि आज हर परिवार में घरेलू हिंसा होती है चाहे वह आर्थिक कारण हो या शारीरिक हिंसा हो या अन्य हिंसा हो हम दोनों को परिवार को समझना होगा कि हिंसा है क्या । ये जरूरी नहीं की यदि गार्जियन के पास आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं है फिर भी हम उसकी मांग करते हैं और हम मन में बैठा ले की यह हिंसा है तो यह बिल्कुल ही गलत है जब उनके पास उपलब्ध संसाधन रहेगा तभी वह देंगे और यदि उनके पास नहीं है तो वे नही देंगे और ये हिंसा में नही आएगा। धरेलु हिंसा शिक्षा के आभाव में अधिक होता हे। यदि महिलाए शिक्षित हो तो निश्चित रूप से वे कानून की जानकारी लेंगी और हिंसा के खिलाफ आवाज उठा सकेंगी।

