शहर में कहीं भी मूत्रालय और पेय जल के लिए प्याऊ नहीं
शहर में कहीं भी मूत्रालय और पेय जल के लिए प्याऊ नहीं
जे टी न्यूज, समस्तीपुर:

नये नेवले समस्तीपुर नगर निगम के कर्मियों और पदाधि की अनोखी कार्यशैली एक बार फिर उजागर हुई है। नगर निगम के हुक्मरान टैक्स वसूली केलिए तो विभिन्न प्रकार के हथकंडे अपना रहे हैं मगर जन सुविधा बहाल करने या उपलब्ध कराने की ओर से निगाह फेरे बैठे हैं।
बताते चलें कि नगर निगम बनने के बाद भी शहर में कहीं भी मूत्रालय नहीं है न ही पेय जल केलिए प्याऊ है। यात्री विश्रामालय तो बहुत दूर की बात है चलंत सामुदायिक शौचालय भी न सिर्फ बेकार पड़े हैं, बल्कि कई तो कचरा घर में तब्दील हो चुके हैं। जिसका नतीजा है कि यात्रियों, और नगर वासियों को मजबूरी में खुले में शौच करना पड़ रहा है।
जबकि लोहिया स्वच्छता मिशन की सफलता सुनिश्चित करने को लेकर सरकार और नगर निगम प्रशासन खुले में शौच पर रोक लगाने में तत्पर दिख रहा है। इसके तहत अभी हाल में ही दो दिन पहले निगम के लेखा प्रभारी सुमित कुमार ने खुले में शौच कर रहे एक व्यक्ति को पकड़ लिया। उसका वीडियो सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हुआ।
लेकिन बड़े सवाल वहीं खड़े हैं— 1) जब शौचालय ही उपलब्ध नहीं, तो लोग जाएँ कहाँ? 2) कब तक शहर सुविधा बहाल किए बिना दिखावटी कार्रवाई झेलेगा?
सरकारी बस पड़ाव समेत कई जगह चलंत शौचालय वाहन जर्जर हालत में पड़े हैं। लंबे सफर से लौटने वाले यात्रियों के पास कोई विकल्प नहीं होने के कारण लोग मजबूरी में खुले में शौच आदि कर रहे हैं।
