सोनुपुर उत्तर में वसंतिक कृषि जन कल्याण चौपाल का आयोजन किसानों को नई तकनीक बीज व योजनाओं की विस्तृत जानकारी
सोनुपुर उत्तर में वसंतिक कृषि जन कल्याण चौपाल का आयोजन किसानों को नई तकनीक बीज व योजनाओं की विस्तृत जानकारी

सोनुपुर उत्तर में वसंतिक कृषि जन कल्याण चौपाल का आयोजन किसानों को नई तकनीक बीज व योजनाओं की विस्तृत जानकारी
जे ये न्यूज, समस्तीपुर/रोसड़ा :

प्रखंड अंतर्गत सोनुपुर उत्तर पंचायत में बुधवार को वासंतिक रबी कृषि जन कल्याण चौपाल का भव्य आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में भारी संख्या में किसान जुटे। चौपाल का उद्देश्य रबी सीजन की खेती हेतु किसानों को अद्यतन कृषि तकनीक, बीज वितरण, योजनाओं और वैज्ञानिक पद्धति की जानकारी दिया गया। किसानों को बीटीएम प्रीति कुमारी,एटीएम संतोष कुमार राय,आलोक देव ,कृषि समन्वयक आभा आनन्द, किसान सलाहकार अरविंद कुमार, पैक्स अध्यक्ष राम बाबू यादव ने संबोधित करते हुए कहा कि राज्य एवं केंद्र सरकार द्वारा किसानों के हित में कई लाभकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे सरकारी योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाकर अपनी आमदनी बढ़ाएं। कृषि ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और वैज्ञानिक पद्धति से खेती करने पर उत्पादन में कई गुना वृद्धि संभव है।कार्यक्रम में रबी बीजों गेहूं, मसूर, चना तथा अन्य दलहनी फसलों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गुणवत्तापूर्ण प्रमाणित बीजों के उपयोग से फसल उत्पादन में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी होती है। इसके साथ ही उन्होंने बीज उपचार, बोआई समय और उर्वरक प्रबंधन जैसे विषयों पर भी किसानों को आवश्यक सुझाव दिए। किसानों के लिए आयोजित किए जा रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम, परिभ्रमण, बीज टीकाकरण और रबी सीजन में लगाए जाने वाले फसलों की नई तकनीक के बारे में विस्तृत जानकारी साझा की। उन्होंने किसानों को बताया कि नई वैज्ञानिक विधियों के माध्यम से कम लागत में अधिक उत्पादन संभव है। कृषक अगर आधुनिक पद्धतियों को अपनाएँ, तो फसल उत्पादन और आय दोनों में वृद्धि सुनिश्चित है।खेती में आधुनिक उपकरणों और तकनीक के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने किसानों को यंत्रीकरण, ड्रिप इरिगेशन, तथा ड्रोन तकनीक का उपयोग कर खेती का दायरा बढ़ाने और उत्पादन को अधिकतम करने की सलाह दी। सिंचाई की वैज्ञानिक पद्धति अपनाने से जल संरक्षण के साथ-साथ पौधों को आवश्यक नमी समान रूप से मिलती है, जिससे फसल की गुणवत्ता और उत्पादन दोनों बढ़ते हैं। किसानों को सलाह दी कि वे खेती शुरू करने से पहले अपनी खेत की मिट्टी की जांच अवश्य कराएं। उन्होंने कहा कि मिट्टी जांच रिपोर्ट के आधार पर ही उचित उर्वरक और खाद का चयन किया जाना चाहिए। गलत उर्वरक उपयोग से फसल प्रभावित होती है और मिट्टी की गुणवत्ता भी खराब होती


