दर्जनों कॉलेज के शिक्षक कर्मचारी हत्या आत्महत्या और दवा के अभाव में अपना जीवन लीला समाप्त कर दिया

दर्जनों कॉलेज के शिक्षक कर्मचारी हत्या आत्महत्या और दवा के अभाव में अपना जीवन लीला समाप्त कर दिया
जे टी न्यूज़

 

समस्तीपुर : दर्जनों कॉलेज के शिक्षक कर्मचारी हत्या आत्महत्या और दवा के अभाव में अपना जीवन लीला समाप्त कर दिया परंतु भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में बनी बिहार की सरकार ने अपने मंत्री और विधायक की सुविधा को देखते हुए 25 से 30 तारीख के पास अंदर माननीय का वेतन बैंक में चला जाता है परंतु देश के भविष्य को सभारने बाले शिक्षक और कर्मचारियों को अनुदान की राशि 2014 से आज तक बकाया है क्योंकि कोई न कोई बहाना बनाकर इन शिक्षक और कर्मचारियों को (जैसे अमरलती किसी हरे-भरे पौधे पर डाल दिया जाता है तो धीरे-धीरे सूख जाता है) यही हाल कर्मचारियों को सरकार एक योजना के तहत करती आ रही है.

 

पिछले 15 वर्षों में सरकार बच्चों की तरह झुनझुना इन शिक्षको और कर्मचारी को दिखाकर 15 साल काट लिया और वेतन के बदले अनुदान देकर अपना उल्लू सीधा करते रहें. जैसा कि अधिकांश कॉलेज जिसे निजी कहा जाता है सत्ता में बैठे बस बड़े-बड़े विधायक और मंत्री और संत्री के हैं जिससे शिक्षक और कर्मचारी का शोषण ही नहीं किया जाता बल्कि यौन शोषण भी करते रहें. दुर्भाग्य है कि विधान परिषद में पूरे बिहार से करीब 1 शिक्षकों के प्रतिनिधि के रूप में और विधान परिषद जीत के जाते हैं. परंतु यह माननीय ऐसे बेशर्मी होते हैं कि अपने जिनके मत से जीत के आते हैं उनका एक भी काम नहीं करता और ना ही विधानसभा परिषद में आवाज उठाते हैं।

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