एसएम कॉलेज में खुला नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी का स्टडी सेंटर।

एसएम कॉलेज में खुला नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी का स्टडी सेंटर।

# एनओयू पटना के रजिस्ट्रार डॉ घनश्याम राय ने एसएम कॉलेज में स्टडी सेंटर खोलने को लेकर पूरी की कागजी कार्रवाई, एनओयू और एसएम कॉलेज के बीच हुआ एमओयू।

टीएमबीयू के प्रतिकुलपति और एनओयू के रजिस्ट्रार ने किया स्टडी सेंटर का उदघाटन।

राजनीति विज्ञान के असिस्टेंट प्रोफेसर व टीएमबीयू के पीआरओ डॉ दीपक कुमार दिनकर बने एनओयू के कोऑर्डिनेटर।

भागलपुर। टीएमबीयू के सुन्दरवती महिला महाविद्यालय में शनिवार को नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी (एनओयू) के स्टडी सेंटर का उदघाटन किया गया।
एनओयू के स्टडी सेंटर का उद्घाटन तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति (प्रोवीसी) प्रो. रमेश कुमार और नालन्दा खुला विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ घनश्याम राय ने महाविद्यालय के खेल मैदान स्थित ज्ञान-मुद्रा छात्रावास में संयुक्त रूप से फीता काटकर और नारियल फोड़ कर किया।

मौके पर टीएमबीयू के प्रतिकुलपति और एनओयू के रजिस्ट्रार ने स्टडी सेंटर के उदघाटन समारोह के शिलापट्ट का अनावरण भी किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता एसएम कॉलेज के प्राचार्य डॉ रमन सिन्हा ने की। जबकि संचालन राजनीति विज्ञान के असिस्टेंट प्रोफेसर व एनओयू स्टडी सेंटर के कोऑर्डिनेटर डॉ दीपक कुमार दिनकर कर रहे थे।
धन्यवाद ज्ञापन इंग्लिश विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ श्वेता सिंह कोमल ने किया।
अतिथियों के सम्मान में पॉलिटिकल साइंस की छात्रा साक्षी कुमारी, स्वाति सागर और रत्न प्रिया ने स्वागत गान गाया। जबकि इंग्लिश ऑनर्स की छात्रा शिवांगी सिंह, रिया सिंह, आयुषी आनंद और स्नेहा कुमारी ने परम्परागत रूप से भारतीय संस्कृति को रेखांकित करने वाले थीम पर सामूहिक नृत्य की प्रस्तुति दी।
इसके पूर्व अतिथियों ने दीप जलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। जीएफ हॉल में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए टीएमबीयू के प्रोवोसी प्रो. रमेश कुमार ने कहा कि ओपन यूनिवर्सिटी का स्टडी सेंटर खुल जाने से कामकाजी लोगों और महिलाओं को अध्ययन करने में काफी सहूलियत होगी। महाविद्यालय के विकास में भी डिस्टेंस एडुकेशन मददगार होगा। उन्होंने कहा कि रेगुलर मोड में किसी कारणवश पढ़ाई नहीं कर पाने वाले छात्र-छात्राओं के लिए एनओयू एक सशक्त प्लेटफार्म साबित होगा। इसमें काफी जॉब ओरिएंटेड कोर्स हैं जो अन्य विश्वविद्यालयों से भिन्न है। नैक मूल्यांकन में भी डिस्टेंस एडुकेशन सेंटर का महत्वपूर्ण रोल होता है। प्रोवोसी ने महाविद्यालय में एनओयू का स्टडी सेंटर खोले जाने की पहल की सराहना करते हुए प्रधानाचार्य और कोऑर्डिनेटर को बधाई भी दी। उन्होंने कहा कि एनओयू डिस्टेंस एडुकेशन का बिहार में सबसे बड़ी संस्था है।
नालन्दा ओपन यूनिवर्सिटी (एनओयू) पटना के कुलसचिव डॉ घनश्याम राय ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा की एनओयू डिस्टेंस एडुकेशन का एक मजबूत स्तम्भ है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में लगभग 107 कोर्स संचालित किए जा रहे हैं। चार दर्जन से अधिक सर्टिफिकेट कोर्स हैं। इसके अलावे कई पीजी डिप्लोमा कोर्स चलाये जा रहे हैं। ये सभी कोर्स जॉब ओरिएंटेड हैं। इसमें स्किल डेवलपमेंट पर ज्यादा जोर दिया गया है। ताकि छात्र हुनरमंद हो सके। आत्मनिर्भर भारत और गांधी के ग्राम स्वराज और स्वावलम्बन पर बल दिया गया है।
नालन्दा खुला विश्वविद्यालय (एनओयू) पटना के कुलसचिव डॉ घनश्याम राय ने अपने संबोधन में एनओयू के कोर्सेस को विस्तार से बतलाते हुए कहा कि बिहार के सभी बच्चे और बच्चियां विभिन्न कोर्सों में नामांकन लेकर अध्ययन कर सर्टिफिकेट प्राप्त करेंगे तभी वे हुनरमंद बनेंगे। उनमें स्वावलंबन और स्वरोजगार की भावना उत्पन्न होगी। गांधी का ग्राम स्वराज और स्वावलंबन तभी साकार होगा जब हर आदमी हुनरमंद बनेंगे। आवश्यकता की तमाम चीजों का उत्पादन ग्राम स्तर पर करेंगे और उसका उपयोग सामूहिक रूप से करेंगे। तभी ग्राम स्वराज का सपना साकार होगा।
एनओयू के रजिस्ट्रार ने कहा की गांधीजी के इसी सपने को साकार करने के लिए भारत में ग्राम पंचायत और ग्राम सभाओं को स्थानीय विकास तथा स्थानीय प्रशासन का मुख्य आधार बनाया गया है।
एनओयू के रजिस्ट्रार ने एसएम कॉलेज में स्टडी सेंटर खोलने की कागजी औपचारिकताएँ पूरी करने के बाद विधिवत इसकी घोषणा भी की। मौके पर रजिस्ट्रार ने सुन्दरवती महिला महाविद्यालय को एनओयू स्टडी सेंटर का कोड नम्बर 246 भी आवंटित कर दिया। मौके पर उन्होंने एनओयू में सभी कोर्सों में नामांकन प्रकिया से भी छात्राओं को अवगत कराया। कहा कि स्नातक और स्नातकोत्तर की छात्र – छात्राएं अपने पसंद के सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स अपनी पढ़ाई के अलावे कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि नामांकन ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड में जारी है। जिसकी विस्तृत सूचना व जानकारी एनओयू के वेबसाइट या एसएम कॉलेज के स्टडी सेंटर से ली जा सकती है।

इस अवसर पर गांधी का ग्राम स्वराज, स्वावलम्बन और शिक्षा : नालंदा खुला विश्वविद्यालय के विशेष संदर्भ में विषय पर एक संगोष्ठी भी आयोजित की गई।
संगोष्ठी के मुख्य वक्ता टीएमबीयू के पीजी गांधी विचार विभाग के हेड डॉ विजय कुमार ने कहा कि गांधी दर्शन को आत्मसात करने से ही मानवता का समग्र कल्याण सम्भव है। महात्मा गाँधी न केवल एक राजनीतिक व्यक्ति थे। अपितु जीवन और समाज के अनेक क्षेत्रों में उनकी देन अमूल्य है। उन्होंने राजनीतिक क्रान्ति के साथ-साथ सामाजिक क्रान्ति को भी जन्म दिया और इसमें शिक्षा को प्रमुख स्थान दिया। वे एक श्रेष्ठ विचारक थे। ‘बुनियादी शिक्षा प्रणाली’ उनके शैक्षिक विचारों का एक व्यावहारिक रूप है। गाँधीजी का विचार था कि भारत का प्रत्येक व्यक्ति शिक्षित बने। वे मात्र साक्षरता को शिक्षा नहीं मानते थे। वे इसे ज्ञान या ज्ञान का माध्यम भी स्वीकार नहीं करते थे।
उनके शब्दों में, “शिक्षा से मेरा अभिप्राय है- बालक और मनुष्य के शरीर, मस्तिष्क और आत्मा में पाये जाने वाले सर्वोत्तम गुणों का चतुर्मुखी विकास।” उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के समग्र चिंतन एवं दर्शन का केंद्र गांव ही रहा है। इसलिए गॉवों को सशक्त बनाना बेहद जरूरी है।
इसके पूर्व अतिथियों का स्वागत बुके, अंग वस्त्र और पौधा भेंट कर किया गया।
एनसीसी की कैडेटों ने केअर टेकर व इकोनॉमिक्स की असिस्टेंट प्रोफेसर चैतन्या दामू के नेतृत्व में अतिथियों का कार्यक्रम स्थल तक पायलेटिंग किया।

महाविद्यालय की डायरेक्ट्री का हुआ विमोचन।

कार्यक्रम के दौरान एसएम कॉलेज की टेलीफोन डायरेक्ट्री का विमोचन टीएमबीयू के प्रतिकुलपति प्रो. रमेश कुमार, नालंदा खुला विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ घनश्याम राय, प्राचार्य डॉ रमन सिन्हा, गांधी विचार हेड डॉ विजय कुमार, टीएमबीयू के पीआरओ डॉ दीपक कुमार दिनकर आदि ने किया।

दो पुस्तकों का भी हुआ लोकार्पण।

नालन्दा खुला विश्वविद्यालय के स्टडी सेंटर के उदघाटन के मौके पर प्रधानाचार्य डॉ रमन सिन्हा और डॉ शिवशंकर सिंह पारिजात की लिखी पुस्तक ‘रेल की पटरियों पर दौड़ती कहानियाँ’ और एसएम कॉलेज में इकोनॉमिक्स की हेड डॉ तबस्सुम परवीन की पुस्तक “रिलिजियस एन्ड इकोनॉमिक आईडियाज अंडर द विजन ऑफ कुरान एन्ड हदीथ” का लोकार्पण भी अतिथियों के द्वारा किया गया।

कार्यक्रम में इनकी रही उपस्थिति-

कार्यक्रम में प्रो. नीलम महतो, प्रो. रफीकुल हसन, डॉ मनोरमा सिंह, डॉ मुकेश कुमार सिंह, डॉ राजीव कुमार सिंह, डॉ प्रभात चन्द्रा, डॉ अनुराधा प्रसाद, डॉ आनंद शंकर, डॉ सुमित कुमार, एनओयू स्टडी सेंटर के असिस्टेंट कॉर्डिनेटर डॉ हिमांशु शेखर के अलावे एसओ फुलेश्वर साह, राजू कानन, धीरेन्द्र झा सहित बड़ी संख्या में छात्राएं मौजूद रहे।

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