01 मई अन्तरराष्ट्रीय मजदूर दिवस पर सीटू ,एटक के द्रारा विशाल जुलूस निकाल कर सिकागो के सहिद मजदूरों को किया याद

01 मई अन्तरराष्ट्रीय मजदूर दिवस पर सीटू ,एटक के द्रारा विशाल जुलूस निकाल कर सिकागो के सहिद मजदूरों को किया याद

मजदूरों के विभिन्न योजनाओं में सरकार नया नियम बनाकर मजदूर को लाभों से वंचित करना चाहते हैं सरकार बर्दाश्त नहीं करेंगे:- संयुक्त मोर्चा
जे टी न्यूज/ कुलानन्द यादव

सहरसा :जिला में सीटू और एटक द्रारा बिहार राज्य निर्माण कामगार यूनियन, ई-रिक्सा चालक यूनियन, एमडीएम रसोईया यूनियन, भवन पथ निर्माण कामगार यूनियन, फुटपाथ दुकानदार यूनियन के संयुक्त तत्वावधान में शंकर चौक से हजारों मजदूरों का रैली शहर के डीबी रोड, थाना चौक कुंवर सिंह चौक होते सुपर मार्केट में जन सभा में तब्दील हो गया। वहीं सभा के अध्यक्षता एटक के जिला मंत्री प्रभुलाल दास सीटू के नसीम उद्दीन ने किया संचालन सीटू नेता दुखी शर्मा ने किया संबोधित करते माकपा के राज्य सचिव मंडल सदस्य विनोद कुमार ने कहा 1886 में यही दिन था, जब शिकागो में रात में जब मजदूरों की सभा पर गोली चलाई गई, तब सैकड़ों मजदूर मरे, अंधाधुंध गोलियां उसी क्रॉस फायर में 7 सिपाही भी मरे सुबह जब शिकागो शहर के मेहनतकश उठा तो उसने देखा पूरी सड़क लाल हुई पड़ी है, मजदुरों की शर्ट्स लाल रंग में रंगी हुई

उनके झंडे (मजदूरों के झंडे पहले सफेद हुआ करते थे, अमन और शांति के प्रतीकस्वरूप) जमीन पर गिरे लाल लहू से सने मजदूरों ने अपनी बस्तियों में उन शर्ट्स और लाल झंडों को फहराया तब से लाल झंडा मजदूरों का झंडा बन गया। वहीं भाकपा के राष्ट्रीय परिषद् सदस्य ओमप्रकाश नारायण ने कहा शिकागो के मजदूरों को नमन करते हुए कहा आज के दिन मजदूरों का महापर्व है वर्तमान की सरकार मजदूरों किसान आम आवाम विरोधी सरकार है सरकार मजदूरों के अधिकारों पर एक पर एक नए तरीके से हमला कर रहे हैं जिसके खिलाफ बड़ी आन्दोलन करने का आवाहन किया। वहीं सीपीएम के जिला मंत्री रणधीर यादव ने सभा को संबोधित करते हुए कहा हम उन सभी क्रांतिकारी को लाल सलाम करते हैं श आज उन सभी क्रांतिकारी के सपनों को केन्द्र की भाजपा सरकार दमन के जरिए मजदूरों के अधिकारों के कानून को खत्म करना चाहते हैं जो दुर्भाग्यपूर्ण हैं इसके खिलाफ आरपार की संघर्ष करने की जरूरत है उन्होंने मजदूरों के झंडे के साथ इसके बाद यह खबर दुनिया भर में फैली और आंदोलनों की झड़ी लग गई इन्ही शहादतों की वजह से काम के घण्टे 16 से 8 हुए, वरना उससे पहले 12 से 16 घण्टो की शिफ्ट होती थी और नाम मात्र की दिहाड़ी. शिफ्ट को 16 से 8 घण्टे करने का यह आन्दोलन था. 1890 में मार्क्स और ऐंगल्स ने 1 मई को मजदूर दिवस मनाने की घोषणा की और इस दिन को दुनिया भर के सारे देशों में शहीदों के सम्मान में छुट्टियां होने लगी और आप जानते है किन दो देशों में इस दिन छुट्टी नही होती थी अमेरिका और इजरायल !

और एक बात, शिकागो में जो हुआ उसके लिए मुकदमा चला, मगर किसके ऊपर? उन्हीं मजदूर नेताओं के ऊपर जिनमे से कई तो उस वक़्त वहां थे भी नही.उन्हें सार्वजनिक फांसी हुई। वे 7 लोग थे. फांसी के वक़्त वे सात भी गले मिले. ठीक उसी तरह जैसे भगत सिंह और उनके साथी मिले थे. उन्होंने भी नारे लगाए और फंदे पर झूल गए. तब फांसी बड़े क्रूड तरीके से होती थी, लिहाजा उनकी नही टूट सकी, वह देर तक झूलते रहे और धीरे धीरे उनका दम घुटता रहा और फिर शरीर शांत हुआ 8 घण्टे की ड्यूटी, छुट्टी के नियम, ओवरटाइम और अन्य सुविधाएं जो मजदूरों को मिली, वह इन्ही शहीदों की देन है लाल झंडा बाकी झंडों की तरह किसी डिज़ाइनर फर्म या आर्टिस्ट ने नही बनाया यह आन्दोलन के ड्राइंग बोर्ड पर शहीदों के खून में रंग कर बना है। उपस्थित किसान सभा की राज्य कमिटी सदस्य गणेश प्रसाद सुमन किसान सभा जिला अध्यक्ष कृष्ण दयाल यादव ई रिक्सा चालक यूनियन सीटू के संस्थापक शिवविलास मुखिया डीवाईएफआई जिला सचिव कुलानन्द कुमार,एटक के जिला मंत्री प्रभुलाल दास,मोo नसीर, निर्माण कामगार यूनियन के जिला मंत्री नसीम उद्दीन, सीपीआई के जिला मंत्री परमानंद ठाकुर, शंकर कुमार, सीटू के नसीम मिस्त्री, मनोज शर्मा गुरूदेव शर्मा ब्रहमदेव शर्मा, रामचन्द्र महतो, रमेश यादव,मोo मकसुद,दुखी शर्मा, रिक्शा यूनियन अध्यक्ष मोo अनवर , सचिव मोo अकरम साहब, कोषाध्यक्ष मोo संजय साह, कार्यकारिणी अध्यक्ष धर्मराज साह संयुक्त सचिव शुशील दास मनोज राम पूर्व अध्यक्ष मोo मुन्ना, सीपीआई के भावेश यादव, झकस यादव,मोo कबीर, एमडीएम रसोईया यूनियन के जिला सचिव व्यास प्रसाद यादव विनोद यादव कैलाश स्वर्णकार सचिन्द दास आदि मौजूद थें।

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