ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में कापियों की जांच के नाम पर हो रहा घोटाला

ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में कापियों की जांच के नाम पर हो रहा घोटाला

जे टी न्यूज, दरभंगा।

ललित मिथिला विश्वविद्यालय का घोटाले और भ्रष्टाचार से पुराना नाता रहा है। खासकर परीक्षा विभाग इसका माना जाता रहा है।ताजा घोटाला भी मिथिला विश्वविद्यालय का परीक्षा विभाग ही है। पहले भी उजागर कम्प्यूटर कार्यों में करोड़ों रुपए का भुगतान बेनामी खाते में किये जाने का मामला जांच के लिए लंबित है। अभी फिलहाल मामला बीए की कांपिय़ो के मूल्यांकन का है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने कुछ महीने पहले संपन्न स्नातक पार्ट तृतीय व द्वितीय की संपन्न परीक्षा की उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन के लिए राज्य या विश्वविद्यालय से बाहर भेज दिया।कहा जाता है कि बाहर से कांपियों का मूल्यांकन कराने में लाखों का बारा -न्यारा किया जाता है।साथ ही विश्वविद्यालय के शिक्षकों को मूल्यांकन से वंचित कर होने वाले हजारों के लाभ से वंचित कर दिया जाता है।

एक जानकार बताते हैं कि विश्वविद्यालय से बाहर कांपियो का मूल्यांकन ठेका पर कराया जाता है। जिसमें कापियों का मूल्यांकन शिक्षक के बजाय जूनियर छात्रों से कराया जाता है।

कहा जाता है कि इस खेल में राज भवन और विश्वविद्यालय दोनों शामिल हैं।ऐसा कर बिहार को खोखला किया जा रहा है।पार्ट 2 और पार्ट थर्ड की कॉपी मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति अवैध राशि कमाने के लिएऔर बिहार से बाहर अपने चेहते को फ़ायदा पहुंचाने के लिए विश्वविद्यालय के करोड रुपए का फर्जीवाड़ा कर रहे हैं।अप्पन पार्टी ने इसकी जांच राज्य सरकार से कराने की मांग है ।कहा है सरकार में भारतीय जनता पार्टी के गठबंधन होने के बाद यही गोलमाल विश्वविद्यालय द्वारा किया जा रहा है ।छात्रों का भविष्य खराब करने के लिए इस तरह की कार्रवाई की जा रही है। सूत्रों का कहना है कि अभी बहुत छात्र फेल हो जाते हैं इसलिए कॉपी बाहर भेजी गई है ताकि अधिक से अधिक छात्रों को पास किया जा सके।

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