विकसित भारत कि संकल्पना में किसान एवं कृषि की भुमिका अहम: कुलपति

विकसित भारत कि संकल्पना में किसान एवं कृषि की भुमिका अहम: कुलपति


जेटी न्यूज।
समस्तीपुर । भारत के प्रधानमंत्री की संकल्पना विकसित भारत में किसान एवं कृषि की भूमिका अहम होगी। जलवायू अनूकूल कृषि से विकसित भारत की ओर विषयक यह तीन दिवसीय किसान मेला आप सम्मानित किसानों के नाम समर्पित है। इस मेला को किसानों के लिए उपयोगी बनाने की हर मुमकिन कोशिश की गई है। डाॅ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविधालय स्थित खेल मैदान में तीन दिवसीय किसान मेला के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कुलपति डाॅ पीएस पांडेय ने उक्त बातें कही। उन्होंने कहा कि विवि के वैज्ञानिक हमेशा बेहतर अनुसंधान के दिशा में प्रयत्नशील है। इसी का नतीजा है कि अनुसंधान प्रसार एवं शिक्षा के क्षेत्र में सतत बेहतर कार्यों का परिणाम किसानों के बीच पहुंच रहा है। अपने संबोधन में उन्होंने मसाला, मछली मशरूम, मखाना एवं विश्वविद्यालय के मीडिया सेंटर का जिक्र भी किया। श्री पाण्डेय ने कहा कि इस तीन दिवसीय किसान मेला को तीन भागों में विभक्त कर प्रथम दिन उद्यानिकी को आकर्षण का केंद्र बनाने का प्रयास किया गया है। दूसरे दिन के मेले में जलवायु अनुकूल कृषि से किसानों को मिलने वाले लाभ पर विशेषरूप से फोकस किया जाना है। वहीं तीसरे एवं अंतिम दिन जीविका दीदियों के माध्यम से इंटरप्रेन्योरशिप पर संगोष्ठी आदि की समुचित व्यवस्था की गई है। कुलपति श्री पाण्डेय ने कहा कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में कृषि का महत्वपूर्ण स्थान है।

ऐसे में भारतीय परिपेक्ष्य में किसानों का महत्व स्वयं सिद्ध है। इसलिए विश्वविद्यालय द्वारा किसानों को नए नए तकनीकों से कृषि के क्षेत्र में दक्ष बनाने का भी कार्य किया जा रहा है। विवि के प्राध्यापकों एवं कर्मियों के सकारात्मक सहयोग से कृषि के क्षेत्र में अमूलचूल परिवर्तन देखा जा रहा है और जलवायु अनुकूल कृषि को धरातल पर लागू कर किसान को बेहतर लाभ दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। श्री पाण्डेय ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में डिजिटलाइजेशन की महत्वपूर्ण भूमिका है। अपने संबोधन में श्री पाण्डेय ने मक्का के डंठल से इथेनॉल उत्पाद बनाने, डिजिटल एग्रीकल्चर ड्रोन तकनीक, विलुप्त होते सांस्कृतिक धरोहर को भी बचाने की दिशा में विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता का उल्लेख किया। कार्यक्रम का संचालन वैज्ञानिक डाॅ कुमारी अंजनी एवं धन्यवाद ज्ञापन वैज्ञानिक डाॅ बिनीता सतपथी ने किया। मौके पर विवि के सभी अधिष्ठाता, निदेशक एवं वैज्ञानिक व कर्मचारी मौजूद थे।

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