तेजस्वी यादव ने अतिथि सहायक प्राध्यापकों की सेवा नियमित करने की सरकार से की अपील
तेजस्वी यादव ने अतिथि सहायक प्राध्यापकों की सेवा नियमित करने की सरकार से की अपील

जे टी न्यूज, पटना:
बिहार राज्य विश्वविद्यालय अतिथि सहायक प्राध्यापक संघ द्वारा पटना के गर्दनीबाग में आयोजित धरने के दूसरे दिन राज्यभर के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के अतिथि सहायक प्राध्यापकों ने अपनी सेवाओं को नियमित करने की मांग की। इस धरने में नेता प्रतिपक्ष सह पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव समेत विधान परिषद सदस्य और संघ के विभिन्न नेता शामिल हुए। धरने में राज्यभर के अतिथि प्राध्यापकों ने अपनी समस्याओं को सरकार तक पहुंचाने के लिए आवाज उठाई।
*नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का समर्थन*
धरने को संबोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा, “अतिथि प्राध्यापक वर्षों से बिहार के विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। इनकी नियुक्ति यूजीसी गाइडलाइंस के अनुसार हुई है और ये लगातार कुशल अध्यापन कार्य से छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दे रहे हैं। सरकार को इनकी सेवा तत्काल नियमित करनी चाहिए ताकि इनकी मेहनत का सम्मान हो और राज्य की शिक्षा व्यवस्था को और मजबूती मिले।”

*एमएलसी डॉ. संजीव कुमार और डॉ. संजय कुमार सिंह का समर्थन*
विधान परिषद सदस्य डॉ. संजीव कुमार ने कहा, “अतिथि प्राध्यापक लगातार उच्च शिक्षा को गति प्रदान कर रहे हैं और उनकी सेवाएं गुणवत्ता सुनिश्चित करने में सहायक हैं। इनकी नियुक्ति यूजीसी के मानदंडों के अनुसार हुई है, इनकी सेवाओं का नियमितीकरण समय की मांग है। हम इस मुद्दे को सदन में उठाएंगे और सरकार से शीघ्र कार्रवाई की अपील करेंगे।”
वहीं, डॉ. संजय कुमार सिंह ने भी इस मुद्दे की गंभीरता पर बल देते हुए कहा, “इन प्राध्यापकों का योगदान अनमोल है। वे उच्च शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। सरकार को इनकी सेवा नियमित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए।”
विधान परिषद सदस्य डॉ. अजय कुमार सिंह, जीवन सिंह और सर्वेश कुमार का समर्थन:
विधान परिषद सदस्य डॉ. अजय कुमार सिंह ने कहा, “अतिथि प्राध्यापकों का काम सिर्फ पढ़ाई नहीं, बल्कि छात्रों को सही दिशा और मार्गदर्शन देने का है। इनकी सेवाओं के नियमितीकरण के लिए हमें अपनी आवाज उठानी चाहिए। यह कदम राज्य की शिक्षा प्रणाली को और अधिक सशक्त बनाएगा।”
डॉ. जीवन सिंह ने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाते हुए कहा, “अतिथि प्राध्यापक पिछले कई वर्षों से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। इनकी सेवा नियमित होनी चाहिए ताकि शिक्षा व्यवस्था को और मजबूती मिले। हम इस मुद्दे को विधानसभा में उठाएंगे और सरकार से इसे शीघ्र हल करने की मांग करेंगे।”
सर्वेश कुमार ने भी कहा, “अतिथि प्राध्यापक शिक्षा प्रणाली के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। इनकी सेवा का नियमितीकरण उच्च शिक्षा की दिशा में एक सकारात्मक कदम होगा। हमें इस दिशा में प्रभावी कदम उठाने होंगे।”
*65 वर्ष तक सेवा नियमित करने की मांग*
धरने में शामिल प्राध्यापकों ने राज्य सरकार से यह अपील की कि उनकी सेवा को 65 वर्ष तक नियमित किया जाए। इन प्राध्यापकों का कहना है कि राज्य में स्थायी शिक्षकों की कमी के बावजूद उन्होंने शिक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखा है और छात्रों को उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान की है। अतिथि प्राध्यापकों के नियमितीकरण से राज्य की शिक्षा व्यवस्था को मजबूती मिलेगी और हजारों शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित होगा।
*संघ का संघर्ष जारी रखने का संकल्प*
संघ के प्रांतीय संयोजक डॉ. सतीश कुमार दास, बीएनएमयू मधेपुरा के अध्यक्ष डॉ. ललित किशोर, टीएमबीयू भागलपुर के अध्यक्ष डॉ. आनंद आजाद, जेपीयू छपरा के अध्यक्ष डॉ. हरिमोहन कुमार, वीकेएसयू के अध्यक्ष डॉ. आदित्य आनंद, एलएमएनयू दरभंगा के अध्यक्ष डॉ. बच्चा कुमार रजक, केएसडीएसयू दरभंगा के अध्यक्ष डॉ. मुकेश कुमार निराला और पटना विश्वविद्यालय संघ के अध्यक्ष डॉ. विद्यानंद विधाता ने एकजुट होकर कहा, “हमारी मांग पूरी होने तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा। हम चाहते हैं कि हमारी सेवा का नियमितीकरण किया जाए ताकि हमें सम्मानजनक सेवा का अवसर मिले।”
संघ ने स्पष्ट किया है कि जब तक अतिथि सहायक प्राध्यापकों के नियमितीकरण की मांग पूरी नहीं होती, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा। यह धरना यह साबित करता है कि बिहार में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने और अतिथि प्राध्यापकों के अधिकारों को सम्मानित करने के लिए सरकार को तत्काल कदम उठाने होंगे।

