अवैतनिक प्रभारी प्रधानाध्यापक का भी एक दिन का वेतन काटेंगे डीपीओ (स्थापना)
प्रधानाधयपक के रिक्ति की जानकारी नहीं देने पल जारी किया फरमान
अवैतनिक प्रभारी प्रधानाध्यापक का भी एक दिन का वेतन काटेंगे डीपीओ (स्थापना) / प्रधानाधयपक के रिक्ति की जानकारी नहीं देने पल जारी किया फरमान
जे टी न्यूज, समस्तीपुर: सावन के अंधे को रेगिस्तान में भी चारो ओर हरियाली दिखती है। ऐसा ही कुछ चल रहा है जिले के शिक्षा विभाग में। जहां पिछले दिनों जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) कुमार सत्यम ने जिले के सैकडों विद्यालयों में प्रधानाध्यापक की रिक्तिया उपलब्ध नही कराने वाले प्रभारी प्रधानाध्यापकों का एक दिन का वेतन काटने का आदेश जारी किया गया है।पत्रांक 2009 दिनांक 04.04.2025 द्वारा जारी पत्र के साथ संलग्न सूची मे जिले के इकलौते अल्पसंख्यक उच्च माध्यमिक विद्यालय मिल्लत एकेडमी स्टेशन रोड समस्तीपुर का नाम क्रम संख्या 236 में अंकित है। मजे की बात यह है कि उक्त विद्यालय के प्रधानाध्यापक को वेतन मिलता ही नहीं है। क्योंकि यह विद्यालय शिक्षा विभाग के तमाम कायदे कानून से उपर है। सरकारी अभिलेख के मुताबिक मिल्लत एजुकेशनल सोसाइटी द्वारा संचालित जिले का यह एकलौता अल्पसंख्यक उच्च माध्यमिक विद्यालय विगत कई सालों से सिर्फ एक आदेशपाल सह रात्रि प्रहरी के भरोसे चल रहा है। फिर भी इस विद्यालय को सरकार द्वारा देय सभी संस्थानिक सुविधा का लाभ मिल रहा है। इस तथ्य से शिक्षा महकमे से जुड़ा बच्चा भी वाकिफ है। मगर उक्त आदेश पत्र को देख कर प्रतीत होता है कि कार्यक्रम पदाधिकारी को या तो इस बाबत कोई जानकारी नहीं है या फिर पूर्ववर्ती पदाधिकारियों के तरह उनके द्वारा भी विभाग के सबसे पुराने कर्मी के प्रभाव में उक्त तथ्य की अनदेखी कर खानापूर्ती की गई है।
गौरतलब है कि इस विद्यालय में वर्षों से कोई नियुक्ति नहीं हुई। साल दर साल शिक्षक प्रधानाध्यापक बनते गये और सेवानिवृत्त होते चले गये। अंतिम प्रधानाध्यापक के सेवानिवृत्त हुए भी 15 साल से अधिक हो गये। सोसाइटी के सचिव सह उच्च माध्यमिक विद्यालय खतुआहा के प्रभारी प्रधानाध्यापक एजाज हुसैन द्वारा तत्कालीन मिल्लत बालिका उच्च विद्यालय के अवैतनिक प्रभारी प्रधानाध्यापक धर्मेंद्र कुमार को मिल्लत एकेडमी का प्रभारी प्रधानाध्यापक मनोनित कर दिया गया। तब से यह विद्यालय उनकी देख रेख में सिर्फ एक सरकारी आदेशपाल के दम पर संचालित है। श्री हुसैन ने दबंगई और मनमानी करते हुए लाखों रुपए की हेराफेरी कर मिल्लत बालिका उच्च विद्यालय को बंद कर दिया। श्री हुसैन की मनमानी का आलम है कि जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय के उक्त कर्मी की मदद से अवैध तरीके से विज्ञापन निकाल कर आये दिन शिक्षकों की भर्ती करते रहते हैं। मगर इन शिक्षकों की नियुक्त्ति अवैध होने के कारण उनको वेतन नहीं दिया जाता है। यहां प्रश्न यह उठता है कि जिसे वेतन मिलता ही नहीं उसका वेतन डीपीओ स्थापना कहां से और किस मद से काटेंगे? बताते चलें कि मिल्लत एकेडमी के वर्तमान प्रभारी अनुसूचित जाति समुदाय से आते हैं।

