सोनाहातु में किसान नेता सह पूर्व विधायक कामरेड राजेन्द्र सिंह मुंडा का 4 था स्मृति दिवस सम्मान पूर्वक मनाया
कामरेड राजेन्द्र सिंह मुंडा का संघर्ष गाथा प्रेरणाश्रोत - सुफल महतो
सोनाहातु में किसान नेता सह पूर्व विधायक कामरेड राजेन्द्र सिंह मुंडा का 4 था स्मृति दिवस सम्मान पूर्वक मनाया / कामरेड राजेन्द्र सिंह मुंडा का संघर्ष गाथा प्रेरणाश्रोत – सुफल महतो
जे टी न्यूज, झारखंड: माकपा एवं झारखंड राज्य किसान सभा के तत्वावधान में प्रख्यात किसान नेता सह पूर्व विधायक कामरेड राजेन्द्र सिंह मुंडा का 4 था स्मृति दिवस बरसालडीह ( सोनाहातु) में सम्मान पूर्वक मनाया गया । कामरेड राजेन्द्र सिंह मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण के पश्चात संबोधित करते हुए माकपा झारखंड राज्य सचिव मंडल सदस्य सह झारखंड राज्य किसान सभा के राज्य अध्यक्ष सुफल महतो ने कामरेड राजेन्द्र सिंह मुंडा की जीवनी पर विस्तृत रूप से प्रकाश डालते हुए कहा जमींदार घर में पैदा हुए कामरेड राजेन्द्र सिंह मुंडा का पूरा जीवन किसान _ मजदूरों के लिए संघर्ष का रहा था , उनके नेतृत्व में पांचपरगना क्षेत्र में चले किसान आन्दोलन 75 से 92 तक 65 से ज्यादे साथी शहीद हो गए थे, उस आन्दोलन के दौरान सिल्ली विधानसभा से तीन बार विधायक चुने गए थे, उनके उपर 5 बार जानलेवा हमला किया गया ,19 मई 1979 में के हमले में द्वारिका महतो एवं दानी दत्ता शहीद हुए थे,सोनाहातु हमले में हाथ पैर तोड़ दिया गया था एवं फागू मुंडा शहीद हुए थे,15 मार्च 1988 में भारत बंद के दौरान सीधा हमला किया गया था,25 राउंड गोलियां पुलिस द्वारा बर्बरता के साथ चलाईं गई, जिसमें शशोधर मुंडा शहीद हुए एवं 14 लोग गंभीर रूप में घायल हुए थे,10 अप्रैल 1992 में डोरेया में हमला किया गया जिसमें गोपाल सिंह मुंडा एवं कांडे मुंडा शहीद हुए थे।हर बार जीवित बचे एवं किसान मजदूरों के लिए संघर्ष में लगे रहे लेकिन करोना के हमले में कामरेड राजेन्द्र सिंह मुंडा एवं पुत्र किसान नेता विशवदेव मुंडा का दुखद निधन पार्टी एवं किसान सभा के लिए अपूरणीय क्षति हुई। झारखंड में जब 32 वर्षों से पंचायत चुनाव नहीं हुआ कामरेड राजेन्द्र सिंह मुंडा हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट 10 वषों तक संघर्ष कर पंचायत चुनाव का दरवाजा खोलने में एतिहासिक भूमिका निभाए । आपातकाल के दौरान इन्हें जेलयातनाऐं सहना पड़ा।
राजेन्द्र सिंह मुंडा के रास्ते किसान मजदूरों के लिए संघर्ष की जरूरत है।इस अवसर पर जिला किसान कौंसिल सदस्य रतन महतो, प्रेमचंद पातर, उमेश महतो,दिनेश महतो , नौजवान सभा के जिला अध्यक्ष विकास मुंडा,अंचल कौंसिल सदस्य हरिहर महतो, विशेश्वर महतो, प्रेमानंद लोहरा,राजेन्द्र सिंह मुंडा, सोहनलाल मुंडा,छोटन मुंडा,शंकर मुंडा, लालसिंह गोझू,करम मुंडा, गणेश मुंडा,कलेवर मुंडा,बदलो मुंडा, बासुदेव महतो, बसन्त मुंडा,जगत मुंडा आदि उपस्थित थे। राजेन्द्र सिंह मुंडा अमर रहे, राजेन्द्र सिंह मुंडा हम तुम्हें भूलें है न भूलेंगे, किसान – मजदुरो के लिए संघर्ष तेज़ करो आदि नारे लग रहे थे।


