सीएम नीतीश का ड्रीम प्रोजेक्ट जल, जीवन व हरियाली योजना पृथ्वी के संरक्षण में अहम:- प्रधानाचार्य, प्रो. मो. रहमतुल्लाह*

पेड़ लगाने के साथ-साथ उसका संरक्षण भी जरूरी, बोले मुख्य अतिथि, प्रो. रमेश कु. यादव

सीएम नीतीश का ड्रीम प्रोजेक्ट जल, जीवन व हरियाली योजना पृथ्वी के संरक्षण में अहम:- प्रधानाचार्य, प्रो. मो. रहमतुल्लाह*/ पेड़ लगाने के साथ-साथ उसका संरक्षण भी जरूरी, बोले मुख्य अतिथि, प्रो. रमेश कु. यादवजे टी न्यूज, ल.ना.मि.वि. दरभंगा:-* आज दिनांक 22 अप्रैल 2025 को स्थानीय महारानी कल्याणी महाविद्यालय, लहेरियासराय में राष्ट्रीय सेवा योजना व भूगोल विभाग के संयुक्त तत्वावधान में पृथ्वी दिवस के अवसर पर वृक्षारोपण सह लेक्चर कार्यक्रम का आयोजन प्रधानाचार्य प्रो. मो. रहमतुल्लाह की अध्यक्षता में आयोजित हुआ। पृथ्वी का संरक्षण व हरित पर्यावरण के लिये आनेवाली पीढ़ियों को करना होगा प्रेरित -डॉ. रीता कुमारी | वृक्षारोपण धर्म महान, एक वृक्ष दस पुत्र समान, बोले भूगोल विभागाध्यक्ष, डॉ. संजय कुमार*
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रधानाचार्य प्रो. मो. रहमतुल्लाह ने कहा कि आज पृथ्वी दिवस है। पृथ्वी का बढ़ता तापमान आज वैश्विक चिंता का विषय है। इस दिशा में सीएम नीतीश का ड्रीम प्रोजेक्ट जल, जीवन व हरियाली योजना पृथ्वी के संरक्षण में अहम है और आज विश्व को राह दिखा रहा है। सीएम नीतीश के दूरदर्शी सोच से आज जल, जीवन व हरियाली योजना बिहार में फलीभूत हो रहा है। जल चक्र को बनाए रखने में मदद करता है, जो पृथ्वी के तापमान को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण है। वहीं मानव, पौधों और जानवरों के जीवन के लिए आवश्यक है। वहीं जीवन जैव विविधता को बनाए रखने में मदद करता है, जो पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन के लिए आवश्यक है। पौधे और जानवर वायुमंडलीय ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड के संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वहीं पेड़-पौधे वायुमंडलीय कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करते हैं और ऑक्सीजन छोड़ते हैं, जो वायु गुणवत्ता में सुधार करते हैं। मिट्टी के क्षरण को रोकने और जल संचयन में मदद करते हैं। इसलिए, जल जीवन और हरियाली को संरक्षित करना पृथ्वी के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है।
बतौर मुख्य अतिथि महाविद्यालय के पूर्व प्रधानाचार्य प्रो. रमेश कुमार यादव ने कहा कि बात जब पृथ्वी दिवस की हो रही है तो वायुमंडल संतुलन के लिये पेड़ों का होना बहुत जरूरी है। इसीलिए आप पेड़ जरूर लगाएं लेकिन इस बात का भी ध्यान रखें कि साथ-साथ लगाये हुए पेड़ों का संरक्षण भी हो। पेड़ों का संरक्षण होगा तो यकीनन पृथ्वी पर हरियाली बनी रहेगी और बढ़ते तापमान को कुछ हद नियंत्रित किया जा सकता है।बतौर राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम पदाधिकारी सह मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. रीता कुमारी ने कहा कि भौतिक सुखों के लालसा में पृथ्वी पर मानव द्वारा वायुमंडल के साथ छेड़छाड़ ग्लोबल वार्मिंग का सबसे बड़ा कारण है। ग्लोबल वार्मिंग आज वैश्विक समस्या है जिसके समाधान के दिशा में त्वरित एक्शन नहीं लिया गया तो वो दिन दूर नहीं जब पृथ्वी पर मानव जीवन संकट में आ जायेगा और मानव, पशु-पक्षी व पेड़-पौधों का अस्तित्व खत्म हो जायेगा। इसीलिए पृथ्वी को संरक्षित करने के लिये हमें शपथ लेना होगा और हरित पर्यावरण के लिये आनेवाली पीढ़ियों को प्रेरित करना होगा।
बतौर भूगोल विभागाध्यक्ष डॉ. संजय कुमार ने कहा कि आज का यह पृथ्वी दिवस का कार्यक्रम मानव में जागरूकता लाने के लिये किया जा रहा है। एक ओर शहरीकरण को ले अंधाधुंध पेड़ों की कटाई चिंता का सबब बन गया है तो वहीं दूसरी ओर ऐसी व फ्रीज हर घर में अपना स्थान बना रहा है जिससे निकलने वाली गैस मानव जीवन पर संकट पैदा कर रहा है। सभी प्रमुख शहरों का कचरा नदी में प्रवाहित किया जा रहा है जिससे जलीय जीव पर भी संकट मंडरा रहा है। पेट्रोल, डीजल यहां तक की सीएनजी गैस भी वायुमंडल के लिये खतरनाक है। अब ज्यादा से ज्यादा सोलर गाड़ी का निर्माण होना चाहिये जिससे उसके खपत को न्यूनतम क्या पूरी तरह खत्म किया जाना चाहिये। पॉलीथिन के प्रयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगना चाहिये। अनुकूल वातावरण के लिये उपरोक्त सभी तथ्यों पर विचार करना चाहिये और ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाना चाहिये। अंत में बस यही कहूंगा कि वृक्षारोपण धर्म महान, एक वृक्ष दस पुत्र समान।इस अवसर पर महाविद्यालय में पेड़ लगाया गया और उपस्थित सभी शिक्षकों, कर्मियों व छात्र-छात्राओं ने शपथ लिया कि वो अपने जीवन में ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएंगे और अपने आस-पड़ोस के लोगों को प्रेरित करेंगे। इस अवसर पर इंग्लिश विभागाध्यक्ष प्रो. परवेज अख्तर, बर्सर डॉ. शम्से आलम, परीक्षा नियंत्रक डॉ. आलोक प्रभात, खेल पदाधिकारी डॉ. सुरेश चंद्र सहित महाविद्यालय के सभी शिक्षक, कर्मी व दर्जनों छात्र-छात्रा उपस्थित थे।

Related Articles

Back to top button