विश्व पर्यावरण दिवस पर बीएनएमयू का हरियाली संकल्प

सभी महाविद्यालयों में पौधारोपण, प्लास्टिक उन्मूलन पर केंद्रित होंगे कार्यक्रम

विश्व पर्यावरण दिवस पर बीएनएमयू का हरियाली संकल्प / सभी महाविद्यालयों में पौधारोपण, प्लास्टिक उन्मूलन पर केंद्रित होंगे कार्यक्रम जे टी न्यूज, मधेपुरा:
भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय मधेपुरा द्वारा आगामी 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर एक महत्त्वाकांक्षी पहल की जा रही है। विश्वविद्यालय के सभी अंगीभूत और संबद्ध महाविद्यालयों में इस दिन प्लास्टिक प्रदूषण उन्मूलन और पर्यावरण संरक्षण को लेकर विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।इस संबंध में भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय लालूनगर मधेपुरा के कुलपति प्रो. बी. एस. झा और राष्ट्रीय सेवा योजना के क्षेत्रीय निदेशक गिरधर उपाध्याय के निर्देशानुसार, कार्यक्रम समन्वयक डॉ. सुधांशु शेखर ने सभी महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यों को पत्र जारी किया है। पत्र में कार्यक्रमों के आयोजन के साथ उनकी रिपोर्ट, फ़ोटो और प्रेस कवरेज डॉ. शेखर ने बताया कि इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस की थीम है — “प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करना” । इसका उद्देश्य प्लास्टिक की खपत को कम करना, पुनर्चक्रण (रीसाइक्लिंग) की व्यवस्था को सशक्त बनाना और टिकाऊ विकल्पों को अपनाने के लिए प्रेरित करना है। उन्होंने कहा कि, “सरकार, समाज और शिक्षण संस्थानों की संयुक्त जिम्मेदारी है कि हम इस दिशा में ठोस कदम उठाएं। छात्र केवल पर्यावरण के छात्र नहीं, बल्कि उसके संरक्षक भी बनने चाहिए।” पर्यावरण शिक्षा और चेतना का समन्वय विश्वविद्यालय के निर्देशानुसार महाविद्यालयों में निम्नलिखित कार्यक्रम होंगे:*पौधारोपण अभियान
*भाषण प्रतियोगिता व परिचर्चा
*सिंगल यूज़ प्लास्टिक के खिलाफ जन-जागरूकता अभियान ।
*‘सेलिब्रेशन विद प्लांटेशन’ मुहिम के तहत पौधों के साथ सेल्फी अपलोड करने की अपील ।
अखिल भारतीय सन्देश: “विकास नहीं, विनाश है प्लास्टिक” विश्वविद्यालय की यह पहल न केवल पर्यावरण शिक्षा को बल दे रही है, बल्कि छात्रों को हरियाली के सच्चे दूत के रूप में तैयार कर रही है। बी एन एम यू की यह सोच कि “उत्सव अब पौधारोपण से होगा” आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मजबूत संदेश छोड़ रही है। विश्व पर्यावरण दिवस 2025 पर बी एन एम यू का यह कार्यक्रम केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि हर छात्र, शिक्षक और संस्था को जिम्मेदारी सौंपने की एक ठोस पहल है। यह शिक्षा और चेतना का संगम है—जिसका लक्ष्य है “स्वस्थ पर्यावरण, समृद्ध जीवन”।

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