राहुल गांधी के जन्मदिन पर केक काटा, आवास व कार्यालय का उद्घाटन

भीड़ के हुजूम के बीच जाकिर हुसैन ने कर दिया चुनावी ऐलान!

राहुल गांधी के जन्मदिन पर केक काटा, आवास व कार्यालय का उद्घाटन / भीड़ के हुजूम के बीच जाकिर हुसैन ने कर दिया चुनावी ऐलान! जे टी न्यूज, खरैयाबस्ती अररिया:
2025 के विधानसभा चुनाव से पहले बिहार की हॉट सीट अररिया विधानसभा में सियासी हलचल अपने चरम पर है।
पूर्व विधायक, सीमांचल के तेजतर्रार नेता और जनप्रिय चेहरा जाकिर हुसैन खान ने अपने नए आवास व कार्यालय के उद्घाटन और राहुल गांधी के जन्मदिन के मौके पर जनसैलाब के बीच से बिगुल फूंक दिया है।

राजनीति और राष्ट्रभक्ति का संगम — जन्मदिन से जनआंदोलन की ओर

गुरुवार को जाकिर हुसैन खान ने अररिया के खरैयाबस्ती स्थित अपने नवीन आवास सह जनसंपर्क कार्यालय का फीता काटकर उद्घाटन किया।
इस खास अवसर को और भी यादगार बनाते हुए, उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के जन्मदिन पर केक काटकर शुभकामनाएं दीं और कांग्रेस की विचारधारा से अपने अटूट जुड़ाव को सार्वजनिक रूप से दोहराया।

यह सिर्फ जन्मदिन नहीं, एक विचारधारा के पुनर्जागरण का दिन है — राहुल गांधी देश की आत्मा की लड़ाई लड़ रहे हैं और हम सीमांचल से उनका स्वर मज़बूत कर रहे हैं।” — जाकिर हुसैन खान

जनसंपर्क कार्यालय नहीं, यह बना जनआंदोलन का मंच

कार्यकर्ता सम्मेलन में उमड़ी भीड़ ने बता दिया कि जाकिर हुसैन का आधार संगठनात्मक भी है और भावनात्मक भी।
सभा का संचालन भोला शंकर तिवारी ने किया और अध्यक्षता की बांसबाड़ी के पूर्व मुखिया नदीम पप्पू ने।

सभा में अररिया ही नहीं, बल्कि फारबिसगंज, जोकीहाट, रानीगंज, नरपतगंज और सिमराही जैसे इलाकों से भी समर्थकों की भारी भीड़ उमड़ी।
धूप छांव, रिमझिम फुहारों की चिंता किए बिना लोगों ने घंटों तक इंतज़ार कर यह संदेश दे दिया — हमें चाहिए “जाकिर हुसैन।” चुनाव मैदान में उतरने का ऐलान, स्पष्ट और सीधा संदेश:- सभा के अंत में जाकिर हुसैन ने मंच से एलान किया “मैं अररिया से हर हाल में विधानसभा चुनाव लड़ूंगा। राजनीति मेरे लिए सेवा का माध्यम है, न कि सत्ता का सिंहासन।”

भीड़ में जैसे बिजली दौड़ गई — नारे लगे:
“जनता का सेवक, सीमांचल का नेता — जाकिर हुसैन!”

“अबकी बार, फिर से जाकिर सरकार!”

नेताओं की मौजूदगी ने दी स्पष्ट दिशा:

सभा को संबोधित करने वालों में सीमांचल और अररिया जिले के कई प्रतिष्ठित नाम शामिल थे:

जाबिर अंसारी, जगन्नाथ मंडल, बलराम यादव, सूर्यानंद ऋषिदेव, अफसाना हसन, प्रो. वसिक, प्रयाग पासवान, मौलाना महमूद आलम, शम्स मुर्शीद बबलू, मुमताज अंसारी, चंगेज अंसारी, तपन दा, अनवर राज, राजा, रमा सिंह सहित दर्जनों नेताओं व प्रतिनिधियों ने मंच साझा किया।

इन चेहरों ने न सिर्फ उपस्थिति दर्ज कराई, बल्कि “जाकिर को जिताओ” की मुहिम का हिस्सा बनने का संकेत भी दिया।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जाकिर हुसैन की यह वापसी सिर्फ एक व्यक्तिगत पुनरागमन नहीं, बल्कि कांग्रेस के सीमांचल पुनर्निर्माण की रणनीति का हिस्सा है।
उनकी पकड़ सभी समुदायों के अलावा अल्पसंख्यक वोट बैंक, युवा, और स्थानीय कार्यकर्ता नेटवर्क पर मजबूत है।
यदि विरोधी दलों ने इसे हल्के में लिया, तो यह चूक अररिया विधानसभा में बड़ा उलटफेर ला सकती है। अबकी बार मुकाबला चेहरों का, मुद्दों का और ज़मीन से जुड़ेपन का होगा और इस रेस में जाकिर हुसैन पहले ही जनता के दरबार में पास हो चुके हैं!

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