राजेन्द्र मिश्र कॉलेज में भारतीय ज्ञान परंपरा का ‘रिवाइवल मोड’ — 17 दिसम्बर को सजेगी राष्ट्रीय संगोष्ठी
राजेन्द्र मिश्र कॉलेज में भारतीय ज्ञान परंपरा का ‘रिवाइवल मोड’ — 17 दिसम्बर को सजेगी राष्ट्रीय संगोष्ठ

जे टी न्यूज, सहरसा :
ज्ञान की धरा भारत अब अपनी विरासत को सिर्फ संजोयेगी नहीं, बल्कि ‘रि–इमेजिन’ भी करेगी। इसी सोच के साथ राजेन्द्र मिश्र महाविद्यालय, सहरसा में 17 दिसम्बर 2025 को One Day National Seminar on “Indian Knowledge System: Revival of Bhartiya Gyan Parampara” (“भारतीय ज्ञान प्रणाली : भारतीय ज्ञान परम्परा का पुनर्जीवन”) का भव्य आयोजन होने जा रहा है।
शिक्षा संकाय एवं IQAC की संयुक्त पहल यह संगोष्ठी न सिर्फ अकादमिक विमर्श का मंच बनेगी, बल्कि भारतीय ज्ञान परंपरा को भविष्य की टेक्नोलॉजी और शिक्षा व्यवस्था में कैसे पिरोया जाए—इस पर ‘हाइब्रिड विज़न’ भी पेश करेगी।
राजेन्द्र मिश्र महाविद्यालय, सहरसा के शिक्षा संकाय एवं IQAC के संयुक्त तत्वावधान में “भारतीय ज्ञान प्रणाली : भारतीय ज्ञान परम्परा का पुनर्जीवन” विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन 17 दिसम्बर 2025 को किया जाएगा।
Centre of Excellence एवं NAAC मान्यता प्राप्त यह महाविद्यालय भारतीय ज्ञान की वैदिक परम्परा को आधुनिक शिक्षा से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान कर रहा है।
*संगोष्ठी में वैदिक ज्ञान व आधुनिक शिक्षा के समन्वय पर होगा विमर्श*
आयोजन स्थल शिक्षा संकाय (बी.एड.) मिनी ऑडिटोरियम, तिवारी टोला, बायपास रोड, सहरसा निर्धारित किया गया है।
संगोष्ठी में वेद, उपनिषद, उपवेद आधारित ज्ञान–विज्ञान–जीवन-दर्शन पर चर्चा के साथ-साथ IKS की प्रमाण परंपरा—प्रत्यक्षा, अनुमान, शब्द, उपमान, अर्थापत्ति और अनुपलब्धि—की प्रासंगिकता पर विशेषज्ञ विचार रखेंगे।
*मुख्य उद्देश्य*
भारतीय ज्ञान प्रणाली के आधार पर शिक्षा के उद्देश्यों का विश्लेषण.
IKS आधारित कौशल विकास और रोजगार के अवसर.
विरासत-प्रौद्योगिकी को शिक्षा में बढ़ावा.
क्षेत्रीय भाषाओं के संवर्द्धन में IKS की भूमिका.
सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण की दिशा में नई पहल.
*उप-विषयों पर शोध-पत्र आमंत्रित*
IKS एवं डिजिटल साक्षरता • भारतीय शिक्षण परम्परा • बहुभाषिकता • सनातन परंपरा •
वैदिक शिक्षा • विरासत तकनीक • उपनिवेशवाद मुक्ति शिक्षा • IKS का व्यवहारिक उपयोग
आदि अनेक उप-विषयों पर शोधकर्ता अपने लेख भेज सकते हैं।
*महत्वपूर्ण सूचना*
शोध–सार भेजने की अंतिम तिथि : 5 दिसम्बर 2025
शोध–सार : अधिकतम 250 शब्द,शोध–पत्र : 2000–2500 शब्द केवल MS Word फ़ाइल स्वीकार्य।इस मेलआईडी पर भेजें:[email protected]
पंजीकरण शुल्क:फैकल्टी : ₹800,शोधार्थी/स्कूल शिक्षक/छात्र : ₹600 ,भुगतान विवरण :
खाता नाम : PRINCIPAL RM COLLEGE (B. ED SEMINAR)A/C No.: 5326183679
IFSC : CBIN0282835
बैंक : सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, पटुवाहा, पूर्व बाजार, सहरसा
*आयोजन के मुख्य पदधारी*
मुख्य संरक्षक – प्रो. (डॉ.) बिमलेन्दु शेखर झा, कुलपति, बी.एन.एम.यू. मधेपुरा l
संरक्षक – प्रो. (डॉ.) अशोक कुमार ठाकुर, रजिस्ट्रार
अध्यक्ष – प्रो. (डॉ.) गुलरेज़
रौशन रहमान, प्राचार्य
सचिव – डॉ. ललित नारायण मिश्र,संयोजक – डॉ. प्रतिष्टा कुमारी,आयोजन सचिव – डॉ. बाबर खान, डॉ. राजेश कुमार
*पंजीकरण लिंक*
https://forms.gle/TEy5NooXftTjCqVE9
संपर्क सूत्र डॉ. बाबर खान – 7464045696,श्री सरोज कुमार – 9334195883,
डॉ. बृजेश शरण यादव – 9455210341डॉ. राजेश कुमार – 8252854795
आयोजन समिति के अनुसार, भारतीय ज्ञान परंपरा केवल ऐतिहासिक दस्तावेज़ भर नहीं, बल्कि आज की शिक्षा और शोध व्यवस्था का नया आधार बन सकती है। इसलिए संगोष्ठी में भारतीय ज्ञान-विज्ञान के उन पहलुओं पर चर्चा होगी जिनकी प्रासंगिकता आज भी उतनी ही महत्वपूर्ण है।आयोजक बताते हैं कि देश भर के प्राध्यापक, शोधार्थी, विषय-विशेषज्ञ और विद्यार्थी इसमें शामिल होंगे।
*“अतीत की जड़ों से भविष्य की दिशा”*
आयोजकों का कहना है कि यह संगोष्ठी भारतीय ज्ञान परंपरा की वैज्ञानिक और शैक्षणिक महत्ता को नई पीढ़ी के सामने स्थापित करने का एक मंच है।
यह साबित करेगी कि भारतीय ज्ञान परंपरा आधुनिक शिक्षा की प्रतिस्पर्धी दुनिया में एक मजबूत वैचारिक शक्ति है।




