कोरोना ख़ौफ़: जिले में मिला कोरोना वायरस से संक्रमित पहला मरीज

कोरोना मरीज के पाये जाने के बाद जिले में दहसत

बीते दिनों जिले को बताया गया था ग्रीन जोन.

विभागों में जारी है कोविड-19 को लेकर योजनाओं में लूट का सिलसिला

जेटीे न्यूज़

समस्तीपुर: जिला अंतर्गत विद्यापति नगर प्रखंड के बाल कृष्णापुर मरवा पंचायत में आज एक युवक का covid 19 का रिजल्ट पॉजिटिव आया है। युवक की उम्र 25 वर्ष बताई जा रही है।
उनका स्वास्थ्य अभी सामान्य है। यह युवक 26.04.20 को ट्रक से समस्तीपुर आए था।

पता चलने के बाद इसको क्वारांटिन कैंप में रखा गया था और जांच के लिए सैंपल लिया गया था। इसके द्वारा मिलने- जुलने वाले लोगों के पहचान का कार्य प्रारंभ है। फिलहाल जानकारी मिलने के बाद 3 किलोमीटर के एरिया को सेनीटाइज और सील करने का कार्य किया जा रहा है।

सूत्रों की मानें तो जिला में कई दिनों से छुप-छुपा करके बाहर से लोग आ ही रहे हैं, लेकिन जिला में कोरोना वायरस से संबंधित जांच की प्रक्रिया पूरी तरीके से लचर है। यहां लोगों के जांच की प्रक्रिया बहुत ही धीमी है। जिस कारण बीते दिनों जिला को ग्रीन जोन साबित कर दिया गया था।

लेकिन अगर यहां जांच प्रक्रिया चलाई जाए तो शायद सैकड़ों की संख्या में मरीज पाए जाएंगे। यह जिला प्रशासन के उदासीनता को दर्शाता है। आपको बता दें कि पूरे जिला में प्रशासन सिर्फ कोरोना के मद्देनजर आवंटित किए गए राशियों के बंदरबांट में जुटा हुआ है।

आपको बता दें कि पूरे जिला में कहीं भी लॉक डाउन का पालन नहीं किया गया। बैंकों में भीड़ रही है, जन वितरण प्रणाली के डीलरों के यहां भीड़ मिला ही है, पंचायतों में भीड़ दिखी ही है, सड़कों पर भी भीड़-भाड़ दिखी , यहां तक कि राजनीतिक दलों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा दिए जा रहे lराहत सामग्रियों में भी अफरा- तफरी का माहौल देखा गया।

सिर्फ और सिर्फ सरकारी अधिकारियों ने इस कोरोना महामारी को अपने कमाई का जरिया बना रखा है। हद तो देखिए कि प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारियों की बल्ले-बल्ले है। अचानक व्हाट्सएप पर डीलरों को मैसेज भेजते हैं कि आज शाम तक ही आधार ऑनलाइन हो सकता है,

जिस कारण रात में भी डीलरों के यहां अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ रहता है और कल हो कर के ऑनलाइन की प्रक्रिया चालू ही रहती है। अगर जिस तरीके से जिले में एक भी मरीज नहीं मिला था तो जिलाधिकारी को चाहिए था की पंचायतों में एक टीम गठित कर कोरोना संदिग्धों की जांच करवाते।

लेकिन उन्होंने इसे जरूरी नहीं समझा सिर्फ और सिर्फ किराना दुकानदारों के यहां छापेमारी, सड़कों पर चल रहे है गाड़ियों से रंग बिरंग की वसूली (जिसका की एक भी सही रिपोर्ट किसी भी अधिकारी ने किसी पत्रकार को नहीं बताया)।

जिलाप्रशासन को अब और अधिक सतर्क रहना होगा। अधिक स्व अधिक घरों में जाकर सैंपल कलेक्शन करे और जांच करवावें ताकि संदिग्धों की सही रिपोर्ट मिल सके अन्यथा आने वाले दिनों में इस महामारी के कारण न कितनों की जाने जाएंगी।

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