यथार्थवादी चित्रकार थे: विनोद कुमार शुक्ला

यथार्थवादी चित्रकार थे: विनोद कुमार शुक्ला


जे टी न्यूज़, पूर्वी चम्पारण : राष्ट्रीय सेवा योजना, हिंदी विभाग एसआरपी कॉलेज वाला चकिया एवं हिंदू यूनिवर्स फाउंडेशन नीदरलैंड के संयुक्त तत्वावधान में विनोद कुमार शुक्ला की रचना संचार पर विचार विमर्श शुरू हुआ। इस विमर्श को शुरुआत करते हुए पर राजाच नरेश पंडित ने कहा विनोद कुमार शुक्ला का रचना संसार वह फलक बहुत ही विस्तृत है। फिल्मी कशिश काव्यात्मक ओज,कहानी कला नाटयत्मकता का समावेश उनकी रचनाओं में है.। बतौर उदाहरण नौकर की कमीज,दीवार में खिड़की रहती थी, बोझ., आदि देखा जा सकता है।

कार्क्रम के संयोजक डॉ रणजीत कुमार दिनकर समकालीन कविता के सशक्त हस्ताक्षर हिंदी साहित्य के सभी विधाओं पर अपनी नजर गराये रखते हैं। यथार्थवाद एवं जनसाधारण का चित्रण उनकी रचनाओं की विशेषता रही है.। उनकी रचनाओं का फीमांकन भी किया गया है जिसमें नौकर का कमीज, बोझ, आदमी की औरत, पेड़ पर कैमरा प्रमुख है। कार्यक्रम में दीपक कुमार रजक, दत्ताजी, अजय कुमार सिंह, रियाज आलम,मुशाहिद,कमलेश यादव,पप्पू ठाकुर,संजीव कुमार, रूप किरण आदि प्रमुख रूप से

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