गन्ना के पाँच नये प्रभेद खोलेंगे किसानों के समृद्धि का मार्ग


कार्यालय, जेटी न्यूज।
समस्तीपुर। ईख अनुसंधान संस्थान डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के विभिन्न विभाग के वैज्ञानिकों एवं कर्मचारियों के अथक प्रयास के बाद पाँच गन्ना के नये प्रभेदों के विकसित होने से प्रदेश के किसानों के लिए कोरोना महामारी के बीच एक बड़ी खुशख़बरी है।

विवि कुलपति डाॅ० रमेश चन्द्र श्रीवास्तव एवं संस्थान के निदेशक डाॅ० ए. के. सिंह के मार्गदर्शन में संस्थान के समस्त वैज्ञानिकों ख़ासकर डाॅ० डी. एन. कामत एवं डाॅ० मिन्नातुल्लाह के लगन और अथक प्रयास के बाद सफलता मिली है।

इन पाँच प्रभेदों में रोगरोधी क्षमता होने के साथ उपज एवं चीनी की मात्रा अधिक होने से किसानों एवं चीनी मिलों के लिए काफी लाभप्रद सिद्ध होगा। इस उत्कृष्टता एवं सफलता के लिए भाकपा-माले प्रखंड सचिव अमित कुमार ने कुलपति महोदय ,संस्थान के निदेशक एवं समस्त वैज्ञानिकों एवं कर्मचारियों को इस सफलता के लिए बधाई दी है एवं आगे आने वाले प्रभेदों के लिए शुभकामनाएं भी दी है।

इन प्रभेदों की औसत उपज 100 टन प्रति हेक्टेयर से अधिक है जबकि रस में चीनी की मात्रा अगात प्रभेद में आठ महीने पर 18.18 प्रतिशत से 18.40 प्रतिशत एवं 10 महीने पर 18.83 सेे 19.79 प्रतिशत तक है। साथ ही मध्य पिछात प्रभेद में 10 महीने पर 16.61 से 16.90 एवं 12 महीने पर 16.98 से 18.07 प्रतिशत है।

नये प्रभेदों में तीन अगात प्रभेद (को०पू० 20436, को०पू० 20437, को०पू० 20438)दो मध्य पिछात प्रभेद (को०पू० 20439, को०पू० 20440) शामिल हैं। ईख अनुसंधान संस्थान में इस तरह के और नये व उन्नत प्रभेदों के विकसित होने की पूसा में अपार संभावनाएं है।

किसानों एवं चीनी मिलों की आवश्यकता की पूर्ति हेतु शोध में विस्तार की आवश्यकता है। ईख अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक डाॅ० डी. एन. कामत एवं डाॅ० मिन्नातुल्लाह को भाकपा-माले प्रखंड सचिव अमित कुमार ने अभिनंदन किया।

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