आर्थिक चक्र की गति को बनाए रखने के लिए शिक्षा व शैक्षणिक गुणवत्ता में स्थिरता एक आवश्यक घटक – निशंक, परीक्षा प्रणाली में बदलाव के दिए प्रबल संकेत9431406262


कार्यालय, जेटी न्यूज,
दरभंगा। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो राजेश सिंह, अध्यक्ष छात्र कल्याण प्रो रतन कुमार चौधरी, विकास पदाधिकारी प्रो के के साहू समेत‌ कई संकायाध्यक्षों, विभागाध्यक्षों, प्रधानाचार्यों एवं शिक्षकों ने नैक बैंगलोर द्वारा आयोजित वेबनार में मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक का ” टर्न द चैलेंजेज टू आपरचुनिटीज: कोविड-19 पैंडेमिक एण्ड मेजर्स टू काम्बैट इन हायर एजुकेशन इन इंडिया” विषय पर दिये गये व्याख्यान में भाग लिया।

वेबनार नैक‌ बैंगलोर द्वारा उच्च शिक्षण संस्थानों के कुलपतियों, प्रधानाचार्यों एवं शिक्षकों को शिक्षा मंत्री द्वारा संबोधित करने हेतु आयोजित किया गया था। कई दिनों से यू जी सी एवं नैक द्वारा उच्च शिक्षण संस्थानों के शिक्षकों को इस वेबनार में भाग लेने हेतु पंजीकरण कराने के लिए प्रेरित किया जा रहा था।

चूंकि तीस करोड़ छात्रों से सोशियल मीडिया पर सम्वाद स्थापित करना सम्भव नहीं था इसीलिए इन लोगों के माध्यम से उन तक बात पहुंचाने हेतु इस वेबनार का आयोजन किया गया था।

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बुधवार दिनांक 28-05-2020 को तीन बजे अपराह्न में लगभग 45 हजार से ज्यादा हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स ( उच्च शिक्षण संस्थानों) के साथ लाइव वेबिनार किया।

इस दौरान ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय सहित देश के शिक्षा संस्थानों के कई कुलपतियों, प्रोफेसरों ने वेबनार में भाग लिया एवं श्री निशंक के प्रति आभार व्यक्त किया। शिक्षा मंत्री ने इस दौरान कई अहम जानकारियां सभी के साथ साझा की।

सेमिनार की शुरुआत करते हुए, मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि शिक्षा अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और आर्थिक चक्र की गति को बनाए रखने के लिए शिक्षा व शैक्षणिक गुणवत्ता में स्थिरता एक आवश्यक घटक है। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा पीएम मोदी के भारत को यूंएसडी 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनाने के सपने का एक बहुत ही अभिन्न और महत्वपूर्ण हिस्सा है।

शर निशंक ने कहा कि वैश्विक स्तर पर कोविड-19 संकट के मद्देनजर सरकार ने ऐसे चुनौतीपूर्ण समय में शिक्षा की सुविधा के लिए जो पहल की है उसे कई देश भारत की ओर देख रहे हैं। श्री निशंक ने विश्वविद्यालय परीक्षा को लेकर भी बात की तथा देश में नई शिक्षा नीति को लागू करने का कार्य कहां तक पहुंचा, इसकी भी जानकारी दी।

वेबनार को सम्बोधित करते हुए छात्रों को प्रमोट किए जाने के सम्बन्ध में उन्होंने बताया कि किन विश्वविद्यालयों के फर्स्ट व सेकंड ईयर के छात्रों को प्रोमोट किया जायेगा एवं प्रोमोट करने का आधार क्या होगा। उन्होंने कहा,कि देश भर के विश्वविद्यालयों में फाइनल ईयर के एग्जाम तो आयोजित किए ही जाएंगे, लेकिन फर्स्ट व सेकंड ईयर के छात्रों को इंटरनल में प्राप्त अंक के आधार पर प्रमोट कर दिया जाएगा।

इसके तहत विश्वविद्यालय फर्स्ट ईयर के छात्रों को इस साल के इंटरनल असेस्मेंट के आधार पर प्रमोट करेगी। वहीं सेकंड ईयर के स्टूडेंट्स का रिजल्ट उनके पिछले साल के नतीजे और इस साल के इंटरनल असेस्मेंट के आधार पर घोषित किया जाएगा। जिसका अनुपात 50—50 फीसदी होगा।यानी 50 प्रतिशत नंबर पिछले साल के नतीजे के आधार पर मिलेंगे तो बाकी के 50 प्रतिशत इस साल के इंटरनल असेस्मेंट के आधार पर प्रदान किये जाएंगे।उन्होंने जोर देकर कहा कि फाइनल ईयर के एग्जाम आयोजित होंगे।

शिक्षा मंत्री ने यह भी साफ कर दिया कि यह व्यवस्था केवल उन्हीं जगहों पर लागू ​की जाएगी, जहां सुरक्षा की दृष्टि से परीक्षाएं कराना मुश्किल होगा। हालांकि निशंक ने करीब एक हजार विश्वविद्यालयों के प्रमुखों से बातचीत में यह भी कहा कि फाइनल ईयर के एग्जाम आयोजित कराए जाएंगे। अगर जुलाई तक हालात काबू में नहीं आते हैं तो फिर जल्द ही नई तारीखों का ऐलान कर दिया जाएगा।

नई शिक्षा नीति लागू करने के सम्बन्ध में उन्होंंने बताया कि नई शिक्षा नीति का मसौदा तैयार कर लिया गया है। अब इस मसौदे पर संसद की मुहर लगनी ही सिर्फ बाकी रह गई है। जैसे ही संसद से ग्रीन सिग्नल मिल जाता है, नई शिक्षा नीति को पूरे देश में लागू कर दिया जाएगा।

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