प्रखंड में फर्जी राशनकार्ड बनाने का हुआ खुलासा

रिश्तेदार तो रिश्तेदार खुद कंम्प्युटर ऑपरेटर अमित कुमार के नाम पर है दो-दो विभिन्न पंचायत में राशनकार्ड

राज्य सरकार और केन्द्र सरकार की पोल खोल रही फर्जी राशनकार्ड बनाने का धंधा

फर्जीवाड़ा का मामला सामने आने के बाद होगा कोई बड़ा कार्रवाई या मामला को डाला जायेगा ठंडे बस्ते में

कहीं ऐसे सैंकड़ों राशनकार्ड तो नहीं बनवा चुके हैं कंम्प्युटर ऑपरेटर

अनुमंडल वासियों के लिए बढ़ी दिलचस्पी फर्जी राशनकार्ड बनाने में कौन-कौन से अधिकारी करतें हैं कंम्प्युटर ऑपरेटर अमित कुमार को सहयोग

जेटी न्यूज कार्यालय

तेघरा (बेगूसराय) एक ओर राज्य सरकार और केन्द्र सरकार गरीबों को राशनकार्ड बनाकर सहायता करने का भरोसा दिलवाते हैं दूसरी ओर गरीबों को सहायता नहीं मिल अगर अनुमंडल में मौजूद कर्मियों को मिलें तो आश्चर्य अवश्य होगा। ऐसा ही मामला प्रकाश में आया है बेगूसराय जिलें की तेघड़ा प्रखंड से जहां राशनकार्ड बनाने में बड़ा फर्जीवाड़ा देखने को मिल रहा है।

गौरतलब हो कि जहां गरीबों को एक राशनकार्ड बनाने के लिए प्रखंड के सैकड़ों बार चक्कर लगाने पड़ते हैं वहीं वहां मौजूद संविदा पर कार्यरत कंम्प्युटर ऑपरेटर के लिए चुटकियों का काम हो चुका है। हम बात कर रहें हैं तेघड़ा अनुमंडल और प्रखंड में राशनकार्ड को कंम्प्युटर पर चढ़ाने वाले ऑपरेटर अमित कुमार की जिसका प्रखंड स्थित ही पिपरा दोदराज पंचायत अंतर्गत नोनपुर गांव में घर है जिसमें आप खुद देख सकते हैं कि ऑपरेटर अमित कुमार ने खुद के नाम पर दो-दो राशनकार्ड निर्गत किया ही साथ ही अपने परिवार में सभी सदस्यों का दो-दो राशनकार्ड बनाने का मामला प्रकाश में आया।

उसमें भी आश्चर्य तो और हुआ वो भी राशनकार्ड एक पंचायत में नहीं बनाकर दो पंचायत में राशनकार्ड बनवाया। अब हम राशनकार्ड नंबर देते हैं जिससे हमारे पाठक खुद ही देख सकते हैं कि कैसे दो-दो राशनकार्ड बनाया गया पहला RC1020080110028420180 और FPS Id:122200500240 , जो कि अमित कुमार, शारदा रानी, शिवानिशी के नाम से निर्गत है। दूसरा RC10200080105026219998 और FPS Id : 122200500481 जो कि शारदा रानी, और अमित कुमार के नाम से निर्गत है। और देखें कंप्यूटर ऑपरेटर अमित कुमार के कारनामा जिसमें अपने भाई को भी दो राशनकार्ड निर्गत किया जिसका RC102220131123789100000978 और FPS Id : 122200500240 जो कि सुजीत कुमार, और सरिता कुमारी के नाम से निर्गत किया गया है। केवल इसमें सरिता कुमारी को महिला के स्थान पर पुरूष डाल दिया गया है।

वहीं दूसरी राशनकार्ड जिसका नंबर RC10200080105026219999 FPS Id :122200500481 के रूप में बनाया गया। जिसमें मुखिया के रूप में छोटे को दिखाया गया।जो कि राशनकार्ड संगीता कुमारी , और सुजीत कुमार के नाम पर निर्गत किया गया। और तो और अपने माता-पिता का भी दो राशनकार्ड बनाने से पीछे नहीं रहा ये भ्रष्ट कंम्प्युटर ऑपरेटर अमित कुमार जिसमें RC10200080105026219997 , और FPS Id:122200500481 बनाया जिसमें गुलाबी देवी मुखिया तो परिवार के अन्य सदस्य के रूप में सोनेलाल महतो, और कल्पना देवी को बनाया गया। वहीं दूसरी राशनकार्ड RC10200080110028410026 और FPS Id:122200500240 के रूप में निर्गत किया जिसमें कल्पना‌ देवी को मुखिया तो सोनेलाल महतो को घर के सदस्य की रूप में दिखाया गया।

विदित हो कि जहां राशनकार्ड बनवाने को लेकर सैकड़ों गरीब गुरबों को प्रखंड के चक्कर के साथ भूखें प्यासें रहने के साथ शपथपत्र बनाकर देना पड़ता था जिसमें गरीबों की सैकड़ों की राशि बर्बाद होने के बाद भी राशनकार्ड बनना लगभग नामुमकिन दिखता है जहां प्रखंड में चढ़ावा चढ़ाने के बाद राशनकार्ड निर्गत किया जाता था, चढ़ावा नहीं देने पर किसी कारण को लगाकर फार्म को रिजेक्ट कर दिया जाता था। वहीं सूत्र बताते हैं कि अनुमंडल और प्रखंड में राशनकार्ड को कंम्प्युटर पर इंट्री करने का काम अमित कुमार का है l

वहीं जो भी चढ़ावा के रूप में धनराशि मिलती है मिलजुलकर आपस में बंटवारा भी किया जाता है जिनकी जैसा योगदान राशनकार्ड बनाने में उनको उतना ज्यादा कमीशन फिक्स है। वहीं इस मामले के संज्ञान में आते ही कई राजनीतिक दलों के नेता जांच की मांग कर बैठे। अब देखना दिलचस्प होगा कि आला अधिकारी को इस मामले की जानकारी मिलने पर कोई कार्रवाई की जाती है या गरीबों का खून पसीने का हक का कमाई लूटने वाले पर मेहरबान रहेंगे आलाकमान। बुद्धिजीवी वर्ग की मानें तो ऐसी बातें प्रखंड में कोई बड़ी बातें नहीं है भ्रष्टाचारियों का गढ़ बन चुका है तेघड़ा प्रखंड। इस प्रखंड में आये दिन कोई ना कोई फर्जीवाड़ा उभरकर सामने आते रहते हैं।

जहां कुछ विभागों में कमीशन तय किया रहता है जो कि मिलने के बाद ही आवेदन को आगे बढ़ाया जाता। इस मामले की जानकारी लेने के लिए अंचलाधिकारी जो कि फिलहाल प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी से बात किया गया जो कि मामले पर स्पष्ट बताने से बचते दिखे। कहीं फर्जी राशनकार्ड बनाने में अधिकारी और कर्मचारी की मिली भगत से प्रखंड और अनुमंडल में सैकड़ों राशनकार्ड तो निर्गत नहीं किया गया ? जिसका जांच के बाद बड़ी रैकेट खुलने की बातें सामने आ रही है।

इस फर्जी राशनकार्ड बनने से कई सवाल अवश्य खड़े कर दिए आखिर दो पंचायत के पंचायत सचिव ने आवेदन को जांच कैसे किए कहीं चंद चढ़ावा के कारण बड़ी फर्जीवाड़ा को बढ़ावा तो नहीं दें रहें हैं।आप खुद तय किजिए आखिर जो भी हो इस राशनकार्ड फर्जीवाड़ा का दोषी कौन और जिला आर्पूति पदाधिकारी कैसे इस मामले में दोषी को देंगे सजा?

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