टर्म एग्जाम अब ओपेन बुक सिस्टम के आधार पर होगा


जेटी न्यूज
बेगूसराय::-कोरोना संक्रमण के कारण मनुष्य के जीवन जीने के सभी क्षेत्रों में व्यापक पैमाने पर बदलाव आ गया है। ऐसी विकट स्थिति में लोग नए सिरे से अपने को बदल रहे हैं। खासकर बच्चों की पढ़ाई-लिखाई से लेकर उनके रहन-सहन में स्वतः तब्दीली आ रही है। ऑनलाइन पढ़ाई के दौर में परीक्षा की पुरानी परंपरा नहीं चल पाएगी ।

डिजिटल युग में छात्रों की पढ़ाई का सिस्टम डिजिटल आधारित हो रहा है। चूंकि कोरोना संक्रमण के कारण स्कूल कॉलेज बंद है और छात्रों की पढ़ाई ऑनलाइन चल रही है ऐसी हालत में अब छात्रों की परीक्षा भी ऑनलाइन आधारित होने वाली है। स्कूल में टर्मिनल टेस्ट और असेसमेंट में ओपेन बुक सिस्टम लागू करने की कार्ययोजना बनाई जा रही है। ओपेन बुक सिस्टम से ही अब छात्र पहला और दूसरा टर्मिनल टेस्ट देंगे।

इसकी जानकारी सीबीएसई द्वारा स्कूलों को दी जा रही है। अभी तक एग्जाम लिखित परीक्षा के आधार पर होता था, लेकिन सीबीएसई ने इसमें बदलाव कर दिया है। फिलवक्त छात्र घर में ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं और अब पढ़ाई के साथ ही परीक्षा भी ऑनलाइन ही लिया जाएगा। ऐसी सूरत में स्कूलों को ओपन बुक सिस्टम से ऑनलाइन परीक्षा लेने को कहा जा रहा है।

बोर्ड का कहना है कि चूंकि बच्चे ऑनलाइन परीक्षा देंगे इसीलिए उन पर ध्यान रखना संभव नहीं होगा। छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाई समझ में आ रही है या नहीं यह ओपन बुक सिस्टम से ही पता चल सकता है। परीक्षा वस्तुनिष्ठ प्रश्न आधारित होगा। एक प्रश्न के जवाब देने के लिए छात्रों को 1 मिनट से भी कम समय मिलेगा। इस सिस्टम के तहत बच्चों को किताबें देखने की छूट मिलेगी।

यह सिस्टम पाँचवी से बारहवीं तक के स्कूल की परीक्षा में लागू किया जा सकता है। एनसीईआरटी द्वारा हर साल शैक्षणिक कैलेंडर बनाया जाता है और उसी आधार पर स्कूली शिक्षा दी जाती है। इस साल कोरोना के चलते एनसीईआरटी द्वारा पहले के छः सप्ताह और बाद में 3 महीने के लिए शैक्षणिक कैलेंडर तैयार किया गया है। जिसमें ऑनलाइन टेस्ट सिस्टम में बदलाव किया गया है,

सीबीएसई द्वारा 2013 में नौवीं से बारहवीं तक ओपन बुक सिस्टम लागू करने की योजना का व्यापक पैमाने पर विरोध होने से इसे वापस ले लिया गया था। इस सिस्टम से रिजल्ट प्रतिशत में कमी आ गई थी। छात्र ओपन बुक सिस्टम को स्वीकार नहीं कर पाए और ऐसी स्थिति में इसे लागू नहीं किया जा सका था। आज कोरोना के कारण इस सिस्टम को छात्रों को स्वीकार करना मजबूरी है ।

ओपेन बुक सिस्टम के तहत इस में परीक्षा के दौरान छात्रों से किताब खोल कर लिखने की छूट होती है। इस सिस्टम के आधार पर बने सारे प्रश्न रिसर्च बेस्ड होते हैं। डेपथ एवं सेल्फ स्टडी करने वाले छात्र उन प्रश्नों का जवाब आसानी से दे पाते हैं। इसके तहत जो प्रश्न पूछे जाते हैं वह बिल्कुल अलग होते हैं। पटना कोऑर्डिनेटर राजीव रंजन कहते हैं कि एनसीईआरटी के शैक्षणिक कैलेंडर बच्चे की ऑनलाइन पढ़ाई को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।

एसेसमेंट अभी तक स्कूल स्तर पर लिखित परीक्षा के आधार पर होता था लेकिन अब इसमें बदलाव किया गया है । शिक्षाविद राम नंदन सिंह ने ओपन बुक टेस्ट के सवाल पर कहा कि सीमित अवधि के लिएयह सिस्टम किया जाना चाहिए, जब तक कोरोना संक्रमण का दौर जारी है,

टर्मिनल टेस्ट ओपन बुक सिस्टम के द्वारा लेना ही एक मात्र सुरक्षित तरीका है । जिन बच्चों ने तैयारी नही की होती है, किताब सामने रहने पर भी उत्तर खोजने में ही उनका टेस्ट टाइम खत्म हो जाता है । वे बच्चे ही ओपन बुक सिस्टम में भी अच्छा कर पाते है, जिनकी पहले से तैयारी होती है । बावजूद इसके ओपन बुक सिस्टम कभी भी पेन पेपर सिस्टम का विकल्प नही हो सकता है ।

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