संविधान और देश के आत्मा की हुई हत्या, पीएम को पद पर बने रहने का अधिकार नहीं


कार्यालय, जेटी न्यूज
बेतिया। 5 अगस्त को अयोध्या मंदिर शिलान्यास में संवैधानिक मर्यादाओं की धज्जियां उड़ाते हुए प्रधानमंत्री मोदी का शामिल होना , इस देश एवं संविधान की आत्मा धर्मनिरपेक्षता का खुल्लम खुल्ला उलंघन है । जिस प्रधानमंत्री ने शपथ लेते हुए संविधान एवं धर्मनिरेक्षता की रक्षा की कसमें खाई थी । वह सांप्रदायिक सदभाव एवं गंगा यमुनी तहजीब को तार तार कैसे कर सकता है। यदि कोई ऐसा करता है तो उसे प्रधानमंत्री के पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है ।
आज कोरोना से सारा देश संक्रमित है । इस संक्रमण से देश को बचाने का कोई ठोस योजना नहीं है । बल्कि प्रधानमंत्री मोदी ने देश से थाली , शंख , बैंडबाजा बजवाया , सड़कों पर फूल बिछवाया , दीप जलवाया । इनका मंत्री अठावले ने कोरोना गो बैक का नारा लगवाकर पूरे देश को मुख्य संकट से भटकाने का काम किया । कोरोना संक्रमित गरीब इलाज के अभाव में रोज मर रहे हैं। कोई पूछने वाला नहीं है ।

जबकि कोरोना संक्रमित गृह मंत्री अमित शाह का इलाज सभी सरकारी अस्पतालों को छोड़ कर सबसे महंगी गुरु ग्राम के एक निजी अस्पताल मेदांता में सरकारी पैसे से हो रहा है ।
ऐसी गम्भीर परिस्थिति में हर जनवाद पसंद लोगों के ऊपर देश की एकता वो अखंडता , देश की सभ्यता वो संस्कृति को बचाये रखने का दायित्व बढ़ जाता है । इसलिए सीपीएम और सी पी आई ने माकपा जिला कार्यालय ,मीना बाजार में सामूहिक उपवास रखकर विरोध जताया गया।

इस कार्यक्रम में सीपीएम के राज्य सचिव मण्डल सदस्य प्रभुराज नारायण राव ,सी पी आई जिला मंत्री ओमप्रकाश क्रांति, चांदसी प्रसाद यादव कार्यकारी जिला मंत्री माकपा,प्रभुनाथ गुप्ता, म0हनीफ जिला सचिवमंडल सदस्य, बी के धरेला, जग्रनाथ यादव, शंकर कुमार राव, नीरज बुधवार, म0वहीद,अवधबिहारी प्रसाद, वशिष्ठ राय,उमेश यादव सी पी आई एम तथा राधामोहन यादव, योगेन्द्र शर्मा, बबलू दुबे, तुलसी शर्मा, सुबोध मुखिया, म0अंजारूल,कमरूजमा सी पी आई आदि ने उपवास कार्यक्रम को सम्बोधित किया। सभा की अध्यक्षता माकपा के जिला मंत्री प्रभुराज नरायण राव ने की।

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