176 दिन बाद विक्रमशिला एक्सप्रेस खुलने से लोगों ने जताई खुशी

जेटीन्यूज़
*भागलपुर :* रेलवे स्टेशन से कोविड स्पेशल स्पेशल बनकर दिल्ली के लिए विक्रमशिला एक्सप्रेस शनिवार को 176 दिन बाद रवाना हुई। इतने लंबे दिनों के बाद लोग इस ट्रेन में सवार हुए। इलेक्ट्रॉनिक इंजन के साथ एलएचबी की लाल कोच वाली स्पेशल ट्रेन की आवाज ने यात्रियों और रेल कर्मियों के चेहरे पर खुशियां बिखेर दी। अब भागलपुर के लोगों में जल्द ही दूसरी और ट्रेनों के भी चलने की उम्मीदें जग चुकी हैं। स्टेशन पर स्टॉल संचालकों के चेहरों पर भी रौनक दिखी। विक्रमशिला एक्सप्रेस आखरी बार 22 मार्च को आनंद विहार टर्मिनल से खुली थी। तत्पश्चात 12 सितंबर दिन शनिवार को यह ट्रेन भागलपुर रेलवे यार्ड से खुलकर सुबह 10 बजे प्लेटफार्म संख्या एक पर खड़ी हुई।

ट्रेन में भागलपुर से सफर करने वाले यात्री घेरे में खड़े होकर अपने-अपने कोच में प्रवेशें ली,इस दौरान आरपीएफ और जीआरपी के जवान चौकस होकर यात्रियों को शारीरिक दूरी बनाते हुए कोच में सवार होने की सलाह देते दिखे। पहले दिन स्पेशल ट्रेन निर्धारित समय पर दिल्ली के लिए रवाना हुई और यात्री आराम से ट्रेन में सवार हुए। सिग्नल हरा होने के बाद गार्ड ने हरी झंडी दिखाई और ट्रेन दिल्ली के लिए खुल गई। पूछताछ काउंटर पर पहले की तरह लगातार घोषणाएं की जा रही थी।

दरअसल, लॉकडाउन के बाद 23 मार्च से ट्रेनों का परिचालन बंद था और लोग जहां-तहां फंसे हुए थे। अब पहली ट्रेन भागलपुर दिल्ली के बीच चल चुकी है, लेकिन जल्द ही दूसरे ट्रेनों का परिचालन होंगे। ट्रेनों के चलने की जानकारी मात्र से यात्रीगण काफी खुश नजर आ रहे थे। लोग टिकटों की बुकिंग वापसी के लिए भी करा रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार भागलपुर से 28 सितंबर तक इस स्पेशल ट्रेन में कोई जगह नहीं है, वहीं दिल्ली से 26 सितंबर तक इसे फूल बताया जा रहा है। पहले दिन सफर करने वाले कई ऐसे पैसेंजर थे, जो महीनों से भागलपुर में फंसे हुए थे।

चेहरे पर सफर करने की खुशी, यात्रियों ने कहा, थैंक्स रेलवे

साढ़े पांच महीने बाद भागलपुर से पहली स्पेशल ट्रेन शनिवार को यात्रियों को लेकर दिल्ली के लिए रवाना हुई। पहले दिन सफर करने वाले कई यात्री ऐसे थे जो होली के बाद वापस नहीं जा सके। स्पेशल ट्रेन चलने पर यात्रियों ने रेलवे को धन्यवाद दिया। यात्रियों ने कहा कि स्पेशल ट्रेन चलाकर वापसी का रास्ता सुलभ कर दिया। भागलपुर से और ट्रेनों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है।

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