दिल्ली के दंगों में येचुरी सहित बुद्धिजीवियों के नामांकन के खिलाफ प्रवासी कार्यकर्ताओं ने पुतला फूंका


जेटी न्यूज
रायकोट, ::-मोदी सरकार के इशारे पर, दिल्ली पुलिस ने माकपा महासचिव कामरेड सीता राम येचुरी, स्वराज अभियान के निदेशक योगेंद्र यादव, अर्थशास्त्री जयंती घोष, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्व नंद और फिल्म निर्माता राहुल राय को गिरफ्तार किया। दिल्ली दंगों के मामले की पूरक चार्जशीट में बीजेपी को शामिल करने के खिलाफ आज प्रवासी श्रमिकों ने रायकोट की सब्जी मंडी में धरना दिया। विजय कुमार और गोमती प्रसाद के नेतृत्व में श्रमिकों, उत्तर प्रदेश और बिहार सहित अन्य राज्यों के प्रवासी श्रमिकों के नेताओं ने दिल्ली पुलिस के खिलाफ नारे लगाए।
प्रदर्शनकारियों ने फासीवादी ताकतों के खिलाफ नारे लगाए, जिनमें दिल्ली के दंगों में नामजद बुद्धिजीवियों के चित्र भी शामिल थे और सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ नारे लगाए गए थे। सीटू के राज्य सचिव दलजीत कुमार गोरा ने अपने संबोधन में कहा कि सत्ता में सांप्रदायिक और फासीवादी ताकतों ने अब राजनीतिक प्रतिशोध की आड़ में तानाशाही और बल-प्रयोग का सहारा लिया है। दिल्ली पुलिस की पक्षपातपूर्ण भूमिका पर नेताओं ने कहा, जो लोग खुली गोलीबारी के नारे लगाते थे, वे खुलेआम घूम रहे थे, जबकि जो लोग एकता, अखंडता, सांप्रदायिक सद्भाव और संविधान की रक्षा के लिए लड़ रहे हैं, उन्हें झूठे और मनगढ़ंत आरोपों के तहत फंसाया जा रहा हैं।

सत्ताधारी कार्यकर्ताओं को के साथ संविधान,न्याय के लिए आवाज उठाने वालो के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि जिन लोगों ने जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को निरस्त करने के खिलाफ आवाज उठाई, उनमें नागरिकता संशोधन अधिनियम और महीनों से लाखों लोगों की नजरबंदी को चुनिंदा निशाने पर रखा गया। यह भारत के पहले अघोषित आपातकाल के जैसा प्रतीत होता हैं। इस अवसर पर उपस्थित अन्य लोगों में सनी रायकोट, गुरनाम, सोहन लाल, तलविंदर कुमार, खेदन, संतोष कुमार और राज कुमार शामिल थे।

फोटो कैप्शन: रायकोट सब्जी मंडी में दिल्ली पुलिस का पुतला फूंकते प्रवासी कार्यकर्ता।

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