बिहार मे बिना छात्र के ही, शिक्षक लेते हैं लाखों रुपए महीना।

 

 

न्यूज़ डैक्स
पटना बिहार

पटना:- संपूर्ण बिहार में तमाम विश्वविद्यालयों के अंदर कई ऐसे विषय हैं जिनमें 1 छात्र का भी नामांकन नहीं है। परंतु एक- एक दर्जन शिक्षक की नियुक्तियां कर लाखों रुपए सरकार के खजाने से लूटे जा रहे हैं। ठीक इसी प्रकार गैर सरकारी कॉलेज बिहार के लगभग 250 डिग्री संबद्ध महाविद्यालय में भी ऐसी ही स्थिति बनी हुई है। बिहार के सत्ता और विपक्ष का भी नामी-गिरामी राजनेताओं द्वारा कॉलेज तो खोल रखा है। लेकिन उन कॉलेजों में राजनेता अपने चमचे बेलचे और लठैतों को नियुक्त कर आम छात्रों से ली गई राशियों को एवं सरकार द्वारा दिए जा रहे अनुदान राशियों का भी बंदरबांट करते नजर आते हैं । जिसका उदाहरण ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय ,के दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, बेगूसराय के अंगीभूत महाविद्यालयों में संस्कृत, मैथिली, उर्दू , फिलॉस्फी समेत कई ऐसे विषय है, जिनमें लगभग 10 -15 वर्षों से नामांकन तक नहीं हो सका है। यही हालत संबद्ध डिग्री महाविद्यालय की भी है.
वहीं सरकार के द्वारा पारदर्शिता लाने के लिए फिंगरप्रिंट के द्वारा हाजिरी बनाने की नियम लगा देने के कारण कॉलेजों में फिंगर मशीन लगी हुई थी, जो शायद ही नज़र आए। जिसे प्राचार्य के द्वारा अपनी अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से फिंगरप्रिंट हाजरी मशीन को खोल कर हटा दी गई है।

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