वयाप्त भ्रष्टाचार की शिकायत पर जिलाधिकारी ने कराया शिक्षा विभाग में रेड, कार्यालय में मचा हड़कंप

जेटीन्यूज़

बक्सर: शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार सिर चढ़कर बोल रहा है। यहां कार्यालय में पदस्थापित कर्मियों की बजाय दूसरे लोग काम करते नजर आते हैं तो विभागीय दलालों का भी जमावड़ा लगा रहता है। शुक्रवार को शिक्षक संगठनों ने जिलाधिकारी अमन समीर से इस तरह की शिकायत की तो डीएम आगबबूला हो गए। उन्होंने ऑन द स्पॉट न केवल उक्त आवेदन पर डीडीसी की अध्यक्षता में जांच टीम का गठन कर दिया बल्कि, त्वरित कार्रवाई करते सदर प्रखंड विकास पदाधिकारी दीपचंद जोशी एवं अंचलाधिकारी प्रियंका राय को शिक्षा विभाग के कार्यालय में रेड करने का भी आदेश दिया। इससे विभाग के कार्यालय में हड़कंप मच गया।

बताया जाता है कि पुलिस बल के साथ पहुंचे बीडीओ-सीओ ने कार्यालय में जाकर विधिवत जांच की। इस दौरान वहां मौजूद सभी लोगों के बारे में जानकारी प्राप्त की और उनकी तस्वीर लिए। अधिकारियों को वहां अनधिकृत रूप से करीब 9 लोग मौजूद भी मिले। हालांकि, अधिकारी का कहना था कि वे भी विभाग से ही संबंधित लोग थे और अपने किसी न किसी काम से वहां गए हुए थे। दूसरी तरफ सूत्रों की मानें तो विभाग के बिचौलिए किस्म के लोग इन अधिकारियों के वहां जाने के बाद वहां से खिसक लिए।

बहरहाल, जो भी हो इससे विभाग में हड़कंप मचा रहा। जाहिर हो, शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार ने गहरी जड़ें जमा ली हैं। विभाग में भ्रष्टाचार का आलम यह है कि यहां वर्षों से शिक्षकों को अनियमित भुगतान हो रहा है। बावजूद, विभाग के कोई अधिकारी उस पर रोक लगाने की जहमत नहीं उठाते। जिलाधिकारी अमन समीर ने बताया कि शिक्षा विभाग में अनावश्यक लोगों की भीड़ की शिकायत उन्हें अक्सर मिल रही थी। ऐसे में उन्होंने विभाग की जांच कराई। उन्होंने बताया कि आवेदन के बिन्दुओं पर भी जांच के निर्देश दिए गए हैं।

*जांच में सीसी कैमरे का लिया जाएगा फुटेज तो स्पष्ट होगी स्थिति*

डीएम को जांच के लिए आवेदन देने वाले प्राथमिक शिक्षक संघ के लोगों ने सीसी टीवी कैमरे की फुटेज की भी जांच करने की मांग की है। इनका कहना है कि कार्यालय में लगे सीसी कैमरे के पिछले कई दिनों के फुटेज की अगर जांच करा दी जाए तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि वहां कौन काम कर रहा है कौन-कौन लोग वहां आ रहे हैं और जा रहे हैं।

 

*कार्यालय में भ्रष्टाचार की पहले भी हो चुकी है पुष्टि*

कहते हैं, शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार का आलम यह है कि वहां अपना काम कराने के लिए चढ़ावा जरूरी होता है। सूत्रों की मानें तो इसी के अंतर्गत बुधवार को वहां सेवानिवृत्त एक हेडमास्टर ने अधिकारियों को पार्टी दी थी।
बताया जाता है कि बुनियादी विद्यालय में हुई उक्त पार्टी में विभाग के अधिकारी भी शामिल थे।

*शिकायतकर्ताओं ने क्या लगाया है आरोप*

प्राथमिक शिक्षक संघ के लालबाबू मिश्रा और संघर्ष मोर्चा के आलमगीर अंसारी ने डीएम को दिए आवेदन में कहा है कि शिक्षक नियोजन का कार्य करते हुए नियोजन की मूल संचिका गायब करने के आरोपित शिक्षक, जिन पर विभागीय एवं कानूनी कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया गया है, वह डीपीओ स्थापना के साथ कार्यालय में बैठकर काम कर रहे हैं। इन लोगों ने लिखा है कि मध्य विद्यालय कमरपुर के प्रभारी प्रधानाध्यापक ज्ञानचंद राय पर कानूनी कार्रवाई आज तक नहीं हुई है। यही नहीं, सेवानिवृत्त कई शिक्षकों के सेवांत लाभ एवं उनके अर्जितावकाश के बकाया राशि का भुगतान करीब एक वर्ष से लंबित है। और तो और लिपिक का प्रतिनियोजन, कालवद्ध प्रोन्नति में गड़बड़ी, एमजेसी के मामलों में शिथिलता आदि समेत कुल छह सूत्री मांगों से संबंधित आवेदन डीएम को दिया है और जांच की मांग की है। बताया जाता है कि इसके आलोक में डीएम ने डीडीसी की अध्यक्षता में जांच टीम का गठन कर दो दिनों में रिपोर्ट तलब की है।

 


*शिक्षा विभाग के कार्यालय में अनावश्यक लोगों की भीड़ लगी रहने की अक्सर शिकायत मिल रही थी। पता चल रहा था कि वहां दलाल किस्म के लोगों का जमावड़ा लगा रहता है। इसी को देखते हुए अधिकारियों को रैंडम जांच करने के लिए कहा गया था। आवेदन पर भी जांच के लिए डीडीसी को कहा गया है।*

*अमन समीर, जिलाधिकारी, बक्सर।*

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