आज होगी भगवती दुर्गा के सातवें स्वरूप माता कालरात्रि की उपासना
जेटी न्युज
मोतिहारीlपु०च०
माता दुर्गा के सातवें स्वरूप का नाम कालरात्रि है। नवरात्र पूजन के सातवें दिन इनकी उपासना की जाती है। हिन्दू धर्मग्रंथों के अनुसार माता कालरात्रि के शरीर का रंग घने अंधकार की तरह एकदम काला है। सिर के बाल बिखरे हुए हैं। गले में विद्युत् की तरह चमकने वाली माला है। इनके तीन नेत्र हैं,ये तीनों नेत्र ब्रह्माण्ड के सदृश गोल हैं। इनकी नासिका के श्वास-प्रश्वास से अग्नि की भयंकर ज्वालाएँ निकलती रहती हैं। माँ कालरात्रि का वाहन गर्दभ है। इनका स्वरूप देखने में अत्यंत भयानक है,परन्तु ये सदैव शुभ फल हीं देने वाली हैं।उक्त जानकारी महर्षिनगर स्थित आर्षविद्या शिक्षण प्रशिक्षण सेवा संस्थान-वेद विद्यालय के प्राचार्य सुशील कुमार पाण्डेय ने दी। उन्होंने बताया कि माँ कालरात्रि दुष्टों का विनाश करने वाली हैंl दानव,दैत्य,राक्षस,भूत,प्रेत आदि इनके स्मरण मात्र से ही भयभीत होकर भाग जाते हैं। ये ग्रह-बाधाओं को भी दूर करने वाली हैं। इनके उपासक अग्नि भय,जल भय,रात्रि भय से निर्भय होते हैं। इनकी कृपा से भक्त सर्वथा भय-मुक्त हो जाता है। इनकी आराधना से भक्तों के समस्त पाप और विघ्नों का नाश हो जाता है। उसे अक्षय पुण्य लोकों की प्राप्ति होती है।