वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना ही संघ की पहचान
जेटी न्युज
मोतिहारीlपु०च०
हिन्दू समाज को संगठित कर भारत माता को परम वैभव के सर्वोच्च शिखर पर स्थापित करना ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का मुख्य लक्ष्य है। संघ समरस समाज की स्थापना के लिए सतत कार्यशील है। वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना ही संघ की पहचान है। संघ यह मानता है कि हिन्दुत्व एक जीवन पद्धति है। संघ की शाखा संस्कारों के निर्माण की एक अद्वितीय पाठशाला है। मानसिक,बौद्धिक और शारीरिक रूप से दक्ष होने का हर प्रशिक्षण संघ की शाखा में होता है। अतः नित्य शाखा जाने वाले स्वयंसेवकों के भीतर कार्यकर्ता का गुण स्वतः विकसित होता है।उक्त विचार शनिवार की रात महर्षिनगर स्थित आर्षविद्या शिक्षण प्रशिक्षण सेवा संस्थान-वेद विद्यालय में गायत्री प्रभात शाखा द्वारा आयोजित शरद् पूर्णिमा कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला संघचालक सुशील कुमार पाण्डेय ने व्यक्त किया। उन्होंने शरद् पूर्णिमा के महत्व पर विस्तृत चर्चा करते हुए कहा कि वर्ष में केवल इसी दिन चन्द्रमा षोडश कलाओं से युक्त होता है। इस दिन चंद्रमा की चाँदनी अमृत से युक्त होती है। इस दिन खीर बनाकर उसे खुली चाँदनी में रखना चाहिए।
ऐसा करने से खीर में चन्द्रमा की किरणों से अमृत मिल जाता है। शरद् पूर्णिमा की अमृतमय चाँदनी से सिक्त खीर ग्रहण करने से धन,ऐश्वर्य और बल में वृद्धि होती है। कार्यक्रम के अन्तर्गत स्वयंसेवकों के बीच खेल व संगीत आदि का आयोजन किया गया तथा प्रार्थना के बाद सभी ने प्रसाद स्वरूप खीर ग्रहण कियाl मौके पर जितेन्द्र त्रिपाठी,शैलेन्द्र गिरि,राकेश कुमार तिवारी,पृथ्वी नारायण श्रीवास्तव,रवि भूषण सिन्हा,नरेन्द्र झा,वेद प्रकाश पाण्डेय,अभिषेक कुमार,सूर्य प्रकाश,रितिक पाण्डेय,अभिजित आनन्द,खुशहाल कुमार आदि स्वयंसेवक मौजूद थे।
Website Editor :- Neha Kumari