जिला प्रशासन को गुमराह कर रहा है विश्वविद्यालय प्रशासन आर.के.राय


पूसा/ समस्तीपुर::- डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा समस्तीपुर परिसर मे लगातार क्रोरोना का विस्फोट होने की खबर से दहल गया है, विश्वविद्यालय परिसर। आज देर रात एक वरिष्ठ मेडिकल अधिकारी ने झंझट टाइम्स के संपादक से बात करते हुए कहा कि विश्व विद्यालय में कार्यरत अधिकारी, कर्मचारी एवं छात्रों की कुल संख्या 1658 की जांच युद्ध स्तर पर पूरा कर लिया गया है ।जिसके जांच रिपोर्ट आनी है।

उन्होंने कहा कि 26 मार्च को मिली सूचना के आधार पर उड़ीसा से आए छात्रों की जांच कराया गया ,तो कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि होने के बाद से विश्वविद्यालय प्रशासन चैन की नींद सोया रहा। उन्होंने कहा कि अपने स्तर से इसकी जांच पड़ताल नहीं की जाती तो विश्वविद्यालय में कोरोना पर काबू पाना जिला प्रशासन के लिए मुश्किल हो जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा न केवल जिला प्रशासन को गुमराह किया जाता रहा है बल्कि झूठे आरोप भी लगाए जाते हैं कि कोरोना टेस्ट की जाने वाली किट उपलब्ध नहीं है।

उन्होंने दावे के साथ कहा कि अगर इसकी सूचना पहले दी गई होती तो कोरोना पर काबू कर लेना प्रशासन के लिए मामूली बातें थी। उन्होंने यह भी दावा किया कि उड़ीसा से आए छात्र की जांच शुरुआती दौर में किया जाता तो इतनी बड़ी संख्या शिकार नहीं होते। उन्होंने समस्तीपुर से प्रकाशित झंझट टाइम्स हिंदी सप्ताह के संपादक समेत पत्रकारों को भी धन्यवाद दिया की। जिला प्रशासन को सही जानकारी देने के कारण जिला को कोरोना के व्यापक चपेट में आने से रोक दिया। विश्वविद्यालय के क्रियाकलापों की जांच कराने की मांग कई राजनीतिक दल के नेताओं ने की है’ और कहा है कि सरकार की छवि धूमिल करने का भी एक प्रयास किया गया है।

यह भी चर्चा है कि कुलपति के कारण बिहार से बाहर से आए छात्रों को आर्थिक, मानसिक शोषण ही नहीं बल्कि जातीय बोध किए जाने की भी जांच कराने की मांग केंद्र सरकार और राज्य सरकार से की गई है। कई छात्रों ने यह भी आरोप लगाया है कि मानसिक शारीरिक; शोषण कर छात्रों को छात्रवृत्ति दी राज्य सरकार या केंद्र सरकार द्वारा दिए गए जाते हैं, उसका भी भुगतान भी कई वर्षों से नहीं किए जाने की सूचना है।

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