यूनाइटेड प्राइवेट स्कूल एसएशन एवं PSA के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित प्रेस वार्ता

जेटी न्यूज
मोतिहारी।पु0च0
हम संगठन की परिधि को तोड़ कर निजी विद्यालय निजी शिक्षक कोचिंग संचालक एवं अन्य निजी शैक्षणिक संस्थान के बुनयादी समस्या को लेकर बैठक साईं शाइनर इंस्टिट्यूट ऑफ़ एजुकेशन के प्रांगण में की गई। जिसकी अध्यक्षता निदेशक राजीव रंजन के द्वारा किया गया। वही बैठक में मुख्य रूप से चर्चा हुई की बिहार सरकार पुरे एक वर्ष से सिर्फ और सिर्फ निजी शैक्षणिक संस्थान ही बंद रखने का इरादा है और अन्य चीजों को स्वतंत्र रूप से सुचारु रखने गया है। हम लोग शिक्षित समाज के होने के वजह से लगातार 11 महीने सरकार द्वारा जारी आदेश का पालन करते रहे और आर्थिक त्रासदी और बुनियादी समस्या का दंश झेले लेकिन सरकार हमारी तरफ एक बार भी कोई सहायता अनुदान या सहयोगात्मक निति के तहत कोई मद्दद नहीं पहुचाई। फिर भी हम 11 महीना घर में बैठे रहे।

कितने स्कूल , कोचिंग आर्थिक दबाव में बंद हो गये या बिक गए या शिक्षक इस स्वरोजगार पठन -पाठन को छोड़ कर गाँव पलायन कर दूसरे कार्य या रोजगार शुरू कर दिया गया है। अब जब सभी चीजों को खोलने के बाद अंतिम में 8 फरवरी से कोबिड नियमों का पालन करते हुए शैक्षणिक संस्थान को खोलने का आदेश दिया गया तो हम लोगो में एक आशा की किरण जगी और हम लोग फिर अभिभावक एवं बच्चों को जागृत करके पढ़ना शुरू किये। विद्यालय में बच्चों की संख्या घट कर आधी हो गयी लेकिन खर्च यथावत ही चल रहे है। ज़िले के 5-7 विद्यालय को छोड़ कर कोई विद्यालय जिसका स्तर उतना बड़ा नहीं है उसे एक रुपया नहीं मिला और न ही हमलोग मांग किये।

इसके बावजूद हम आपने संसाधन को लेके अभी खड़े हो ही रहे थे की होली छूटी पहले सरकार ने कहा की बिहार में वैसी समस्या नहीं है। इसलिए अब शैक्षणिक संस्थान बंद नहीं होंगे लेकिन जैसे ही हम होली के छूटी बाद स्कूल खुलने ही वाला था की एक एक बिहार सरकार बिना सोंचे समझे , मूल्याङ्कन किये 5 अप्रैल से 11 अप्रैल तक क्राइसिस मैनेजमेंट का हवाला देकर दुबारा सत्र आरम्भ की स्तिथि में बंद करने का आदेश जारी कर दिया गया। वही एसएस राज ने बताया कि इसके विरोध स्वरुप हम सभी निज़ी विद्यालय निदेशकों के आपसी सहमति से ये निर्णय लिया की जब कोरोना का प्रोटोकॉल का हम पालन कर रहे है और बचाव ही उपाय है तो बार बार विद्यालय बंद क्यों। जबकि शिक्षा देश की रीढ़ है और शिक्षक राष्ट्र निर्माता तो ऐसा भेद भाव और दोहरी निति क्यों किया जा रहा है। कोरोना जब ट्रांसपोटेड बीमारी है तो सरकार ट्रैन , बस ,फ्लाइट इत्यादि को रोक के या वहाँ जाँच की सुबिधा बढ़ा के देश हित में निर्णय ले। लेकिन शिक्षा बंद न करे। हम सरकार के इस अवैज्ञानिक निति का विरोध करते है और निमानुशार कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए विद्यालय संचालित करेंगे और नहीं तो सरकार हम लोगो के स्तिथि पर विचार करते हुए इस निर्णय को वापस ले और हमे शिक्षा दान करने एवं हमारे स्वरोजगार को बंद न करे जिस पर हमारा परिवार एवं हमारे शिक्षक कर्मचारी का परिवार आश्रित है।

आज की बैठक साईं शाइनर इंस्टिट्यूट ऑफ़ एजुकेशन के के सराहनीये सहयोग से संपन्न हुआ। आज के बैठक में मुख्य रूप से भूषण कुमार , कार्यकारी अध्यक्ष एन.के. राही , सचिव संतोष रौशन , कुमार कृष्णनंदन , कपिलेश्वर श्रीवास्तव , राकेश कुमार सिन्हा , रौशन कुमार , मुन्ना सौरभ , बाल्मीकि कुमार , मृतुन्जय कुमार मिश्रा , UPSA महासचिव रवि रंजन ठाकुर प्रफुल्ल , UPSA कोषाध्यक्ष राजू शर्मा , मुकेश कुमार यादव , मुकेश कुमार सिंह , मदन भगत , अवधेश द्विवेदी , धीरेन्द्र गुप्ता , राजय सिंह , जय नारायण शर्मा , नितीश पांडेय , डॉ चंद्र भूषण कुमार , श्रीकांत जी , सेराज अहमद , सत्यम राणा , राकेश कुमार सहाय , रूबी सिंह , पूनम श्रीवास्तव , सुनीता श्रीवास्तव आदि अन्य लोग मौजूद थे।

Related Articles

Back to top button