केन्द्रीय गृह सचिव ने कोविड-19 की स्थिति और मध्यप्रदेश द्वारा सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए गए उपायों की समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की

केन्द्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला को मिला सेवा विस्तार - News85 | DailyHunt
केन्द्रीय गृह सचिव श्री अजय कुमार भल्ला

नई दिल्लीः केन्द्रीय गृह सचिव श्री अजय कुमार भल्ला ने केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव श्री राजेश भूषण के साथ आज मध्यप्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा करने और स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा कोविड-19 की निगरानी, ​​रोकथाम और प्रबंधन के क्रम में उठाए गए सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़े उपायों की समीक्षा के लिए आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव, स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (डीजीएचएस) डॉ. (प्रोफेसर) सुनील कुमार, प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य), मिशन निदेशक (एनएचएम) और मध्यप्रदेश के राज्य निगरानी अधिकारियों के साथ उपस्थित थे।

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केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव श्री राजेश भूषण

मध्यप्रदेश ने कोविड के नए मामलों में सप्ताह-दर-सप्ताह लगभग 13.4% की वृद्धि दर्ज की है। पिछले दो हफ्तों में, राज्य ने साप्ताहिक रूप से नए मामलों में लगभग 79% की वृद्धि देखी है। बैठक में यह बताया गया कि पिछले 30 दिनों में मध्यप्रदेश के 44 जिलों ने मामलों की अपनी अधिकतम संख्या को पार कर लिया है। यह भी जानकारी दी गई कि भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और खंडवा सबसे अधिक प्रभावित जिले हैं। बैठक में इन जिलों के विश्लेषण के दौरान टेस्टिंग और केस एनालिसिस वीकली ट्रेंड जैसे बारीक विवरणों पर भी चर्चा की गई। मध्यप्रदेश में, 17- 23 मार्च, 2021 वाले सप्ताह के उलट 7-13 अप्रैल 2021 वाले सप्ताह के दौरान आरटी – पीसीआर जांच 67% से बढ़कर 73% हो गई हैं जबकि एंटीजन जांच 31% से घटकर 25% पर आ गई हैं। बैठक में एन-95 मास्क, पीपीई किट, एचसीक्यू टैबलेट्स की उपलब्धता, ऑक्सीजन की जरूरत के साथ वेंटिलेटर के आवंटन, वितरण एवं स्थापना से संबंधित मुद्दों और कॉन्सेंट्रेटर प्लांट्स के आवंटन की स्थिति पर विस्तार से चर्चा की गई।

केन्द्रीय गृह सचिव ने कोविड के खिलाफ राज्य की प्रतिक्रिया में आने वाली महत्वपूर्ण अड़चनों, विशेष रूप से सामान्य एवं ऑक्सीजन युक्त बिस्तरों और अस्पताल के अन्य बुनियादी ढांचे में कमी, पर प्रकाश डाला। कोविड के मामलों की वृद्धि को रोकने और मृत्यु दर को नियंत्रित करने के उद्देश्य से राज्य को लोगों के बड़े समूहों की गैर-जरूरी आवाजाही और सामाजिक समारोहों, जोकि सुपर स्प्रेडर में बदल सकते हैं, पर अंकुश लगाने के लिए कहा गया। इन कवायदों को शहरी क्षेत्रों में करने की जरूरत पर विशेष बल दिया गया।

केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव ने राज्य के अस्पतालों से जुड़े मौजूदा बुनियादी ढांचे को बेहतर करने के लिए रेलवे, श्रम (ईएसआई), सेल, कोल इंडिया आदि जैसे केन्द्र सरकार के संगठनों के अस्पतालों का उपयोग करने की संभावना का सक्रिय रूप से पता लगाने का आग्रह किया। उन्होंने राज्य के अधिकारियों को यह भी बताया कि इस संबंध में एमबीबीएस और नर्सिंग के अंतिम वर्ष के सभी छात्रों के साथ-साथ इंटर्न और जूनियर रेजिडेंट को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करके तैयार किया जा सकता है। राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों को ऑक्सीजन के तर्कसंगत उपयोग से संबंधित दिशा-निर्देश, जिसे सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ साझा किया गया है, के अनुरूप अस्पतालों में ऑक्सीजन के तर्कसंगत उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए कहा गया। एक ओर जहां अस्पताल स्तर और जिला स्तर की समितियों को ऑक्सीजन से संबंधित योजना निर्माण और उपयोग की देख-रेख करने के लिए कहा गया, वहीँ डीपीआईआईटी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा स्थापित आभासी नियंत्रण कक्ष की उपयोगिता के बारे में भी राज्य के अधिकारियों को इंगित किया गया।

राज्य में मृत्यु दर के आंकड़ों सहित कोविड​​-19 की स्थिति की विस्तृत और व्यापक समीक्षा के बाद, मामलों में आए हालिया उछाल से निपटने के लिए निम्नलिखित 5-सूत्री रणनीति पर प्रकाश डाला गया और उस पर चर्चा की गई:

  1. जांच के मोर्चे पर, राज्य को निम्नलिखित सलाह दी गई-
  • न्यूनतम 70% आरटी-पीसीआर जांच और घनी आबादी वाले क्षेत्रों के साथ-साथ उन क्षेत्रों, जहां ताजे क्लस्टर उभर रहे हैं, में स्क्रीनिंग परीक्षणों के तौर पर रैपिड एंटीजन टेस्ट के उपयोग के साथ सभी जिलों में जांच में उल्लेखनीय रूप से वृद्धि की जाये।
  • रैपिड एंटीजन टेस्ट (आरएटी) में निगेटिव पाये गये लोगों का अनिवार्य रूप से आरटी-पीसीआर टेस्ट कराया जाए।
  1. संक्रमण के प्रसार की खोज, नियंत्रण और निगरानी
  • प्रत्येक संक्रमित व्यक्ति के कम से कम 25 से 30 नज़दीकी संपर्कों का पता लगाएं और 72 घंटों में उनका आइसोलेशन करें।
  • उसके बाद सभी नज़दीकी संपर्कों की टेस्टिंग और फॉलोअप करें।
  • मामलों और उनके संपर्कों के समूहों के समुचित मानचित्रण के अनुरूप कंटेनमेंट जोन का निर्धारण करें।
  1. राज्य को घर/देखभाल सुविधा के लिए नैदानिक ​​देखभाल, उपचार एवं सहायता के प्रोटोकॉल का पालन करने के संबंध में निम्नलिखित सलाह दी गई:
  • जरूरत के अनुसार आइसोलेशन बेड, ऑक्सीजन बेड, वेंटिलेटर/आईसीयू बेड, एम्बुलेंस के बेड़ों की संख्या बढ़ाएं।
  • ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति की योजना बनाएं।
  • जल्दी से मामलों की पहचान और उपचार संबंधी प्रोटोकॉल का अनुपालन करके मृत्यु दर में कमी पर ध्यान दें।

4. कोविड के सुरक्षित व्यवहार के मोर्चे पर राज्य को निम्नलिखित सलाह दी गई:

  • सही तरीके से मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के बारे में जानकारी देने के लिए स्थानीय स्तर पर राजनीतिक, सांस्कृतिक, खेल और धार्मिक क्षेत्र में प्रभावशाली हस्तियों की मदद लें।
  • दिशा-निर्देशों के कारगर और सख्त प्रवर्तन के लिए पुलिस अधिनियम, डीएम अधिनियम और अन्य कानूनी/प्रशासनिक प्रावधानों का उपयोग करें।

5. टीकाकरण के संबंध में, राज्य को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी गई-

  • टीके की पात्रता रखने वाले स्वास्थ्यकर्मियों (एचसीडब्ल्यू), अग्रिम मोर्चे के कार्यकर्ताओं (एफएलडब्ल्यू) और पात्र आयु वर्ग के लोगों के 100% टीकाकरण की समयबद्ध योजना बनाएं।

 

(साभारः पीआईबी)

संपादिकृतः ठाकुर वरूण कुमार

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