बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था की खुली पोलः ना लोगों को बेड नसीब हो रहे, ना ऑक्सीजन, ना ही समुचित इलाज की कोई व्यवस्था
बिहार: इन दिनों अपने दूसरे लहर में कोरोना संक्रमण का खतरा काफी तेजी से बड़ रहा है। बिहार की स्थिति भी काफी चिंताजनक बनी हुई है। बिहार के स्वास्थ्य मंत्री माननीय मंगल पांडेय के सारे दावे सुपर फ्लॉप सावित हुए, जिन्होंने कहा था बिहार में समुचित व्यवस्था है कोरोना संक्रमण से लेकर अन्य बीमारियों के लिए।
अभी बिहार के हालात इतने बदतर है कि इलाज तो दूर की बात है मरने के बाद लाशों को एम्बुलेंस तक नसीब नही हो रहा है । ऑक्सीजन सप्लाई की भारी कमी है, ICU की व्यवस्था काफी खराब है, रोगियों को सही इलाज नहीं मिल रहा है, और हमारे स्वास्थ्य मंत्री केवल डींगें हांक रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में भारतीय जनता पार्टी के स्वास्थ्य मंत्री के जिममें दी गई थी जहां किसी भी बिहार के अस्पतालों में ऑक्सीजन की व्यवस्था नहीं ना ही छोटे-मोटे जांच की भी कोई व्यवस्था है।
व्यवस्था केवल बड़े बड़े अक्षरों में मोटे मोटे अक्षरों में हवा हवाई स्लोगन देखे जा रहे हैं। इलाज इलाज के अभाव में प्रत्येक दिन सैकड़ों लोग बिहार के विभिन्न कोने में अपनी जीवन लीला समाप्त कर रहे हैं।
पिछले 1 सप्ताह से बिहार सरकार के मंत्री और जिला प्रशासन बड़े-बड़े दावे करते नजर आ रहे हैं लेकिन किसी भी सरकारी अस्पताल में कोरोना से लड़ने के लिए कोई व्यवस्था देखा नहीं जा रहा है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल क्या स्वास्थ्य मंत्री बिहार आम जनता को केवल बेवकूफ बना रहे हैं,आखिर कबतक आम जनता बेवकूफ बनती रहेगी।
क्या माननीय मुख्यमंत्री बिहार को यह नही दिख रहा है कि स्वास्थ्य व्यवस्था कितनी खराब हो चुकी है। वही सूत्रों की माने तो लगातार कोरोना संक्रमण के आंकड़े दवाएं जा रहे हैं सरकारी तंत्र द्वारा,आखिर क्यों ? प्रदेश सरकार आखिर ऐसा खेल क्यों कर रही है,अभी पिछले दिन मोकामा ब्लॉक की घटना को भूलना नही चाहिए। बरहाल, ये तो आने वाला वक्त ही तय करेगा।
संपादिकृतः ठाकुर वरूण कुमार