चैत्र नवरात्रि 2021: आज नवरात्रि का नवमॉं दिन है, इस विधि और आरती से करें मां सिद्धिदात्री की आराधना
चैत्र नवरात्रि के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा का विधान है। मां सिद्धिदात्री दुर्गा माता का अंतिम अवतार मानी जाती हैं। मां सिद्धिदात्री ने असुरों के अत्याचार से पृथ्वी को मुक्त कराने के लिए अवतार लिया था। मार्कण्डेय पुराण के अनुसार, मां सिद्धिदात्री आठ सिद्धियों से परिपूर्ण हैं। शास्त्रों में इन्हें कष्ट, रोग, शोक और भय से भी मुक्ति दिलाने वाली देवी माना गया है।
मां सिद्धिदात्री की पूजा विधि
- नवरात्रि की नवमी तिथि को मां को विदा किया जाता है।
- प्रात: स्नान करने के बाद चौकी पर मां सिद्धिदात्री को स्थापित करें।
- इसके बाद मां को पुष्प अर्पित करें।
- मां को अनार का फल और नैवेध चढ़ाएं।
- मिष्ठान, पंचामृत और विशेष पकवान का भोग लगाएं।
- फिर विधि विधान से हवन करें।
अंत में मां सिद्धिदात्री की आरती गाएं।
मां सिद्धिदात्री की आरती
जय सिद्धिदात्री मां तू सिद्धि की दाता ।
तू भक्तों की रक्षक तू दासों की माता ।।
तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धि ।
तेरे नाम से मन की होती है शुद्धि ।।
कठिन काम सिद्ध करती हो तुम ।
जभी हाथ सेवक के सिर धरती हो तुम ।।
तेरी पूजा में तो ना कोई विधि है ।
तू जगदंबे दाती तू सर्व सिद्धि है ।।
रविवार को तेरा सुमिरन करे जो ।
तेरी मूर्ति को ही मन में धरे जो ।।
तू सब काज उसके करती है पूरे ।
कभी काम उसके रहे ना अधूरे ।।
तुम्हारी दया और तुम्हारी यह माया ।
रखे जिसके सिर पर मैया अपनी छाया ।।
सर्व सिद्धि दाती वह है भाग्यशाली ।
जो है तेरे दर का ही अंबे सवाली ।।
हिमाचल है पर्वत जहां वास तेरा ।
महा नंदा मंदिर में है वास तेरा ।।
मुझे आसरा है तुम्हारा ही माता ।
भक्ति है सवाली तू जिसकी दाता ।।
(पं. रामानंद झा)
संपादिकृतः ठाकुर वरूण कुमार