अखिल भारतीय अभिभावक-शिक्षक संघ की हुई बैठक

मोतिहारी।पु.च :-

अखिल भारतीय अभिभावक शिक्षक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीष कुमार शेखर ने मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर पूर्वी चम्पारण जिला के 30 वित्तरहित माध्यमिक विद्यालयों के समीप मध्य विद्यालय से उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालयों का उत्क्रमण रद्द करने की मांग की है।शेखर ने अपने पच्र में लिखा है कि बिहार की एनडीए सरकार शिक्षक हितैषी सरकार है लेकिन वित्त रहित विद्यालयों को कमजोर करने की साजिश की जा रही है जो बिहार के विकास के हित में नहीं है । उच्च विद्यालय में उत्क्रमण के लिए न्यूनतम 75 डिसमील जमीन होना सरकार के नियमानुसार आवश्यक है लेकिन उसकी अनदेखी की गई है । जनसहयोग से करोड़ो-करोड़ की जमीन दान देकर एवं भवन का निर्माण करा कर शिक्षादान दे रहे तपस्वी वितरहित शिक्षकगण बिहार के शिक्षा के विकास में अपना अहम योगदान देते आ रहे है जिनके हितों की अनदेखी करते हुए समीप के मध्य विद्यालयों को उतक्रमित किया गया है । वित्तरहित विद्यालयों को सरकार अनुदान देती है ऐसी स्थिति में उन्हें अपना नहीं समझ कर बगल में करोड़ों रुपये लगा कर मध्य विद्यालय को उत्क्रमित करना वित्तरहित शिक्षकों की अनदेखी तथा बिहार की जनता की गाढ़ी कमाई की बर्वादी है । शेखर ने लिखा है कि सरकार सभी पंचायतों में उच्च विद्यालय खोलना चाहती है वैसी स्थिति मे जिस पंचायत में पहले से वित्तरहित विद्यालय सरकार के मानदंड के अनुसार जमीन, भवन एवं शिक्षक के साथ संचालित है उस पंचायत में मध्य विद्यालयों का माध्यमिक विद्यालय में उत्क्रमण बिहार एवं वित्तरहित शिक्षक हित में नहीं है ।शिक्षा विभाग बिहार सरकार ने अपने पत्रांक 832 दिनांक 26.06.2020 के द्वारा नावादा जिला में 75 डिममील से कम जमीन वाले 15 उत्क्रमित मध्य विद्यालयों का उत्क्रमण रद्द किया है।

शेखर ने अखिल भारतीय अभिभावक शिक्षक संघ के द्वारा पूर्वी चम्पारण जिला में वितरहित विद्यालयों के समीप 75 डिसमिल से कम जमीन वाले उत्क्रमित विद्यालयों की सूची तैयार करा कर बिहार के मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री से उत्क्रमण को निरस्त करने की मांग की है।

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