मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित।

मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित।

जे टी न्यूज़,दरभंगा

आज ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के स्नातकोत्तर भौतिकी विभाग और दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के दूसरे दिन विश्वविद्यालय परिसर स्थित जुबली हॉल में “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, फोटोनिक्स एंड रेवोल्यूशनरी स्मार्ट मैटेरियल्स” (एआईपीआरएसएम-2021) विषय पर अनेकों विद्वानों ने व्याख्यान दिया। संगोष्ठी के पहले तकनीकी सत्र में प्रो. योगेंद्र कुमार मिश्रा, डेनमार्क ने अपने उद्बोधन में उच्च तकनीकी में स्मार्ट मटेरियल पर चर्चा करते हुए कहा कि प्राध्यापकों के पढ़ाने का तरीका अब बदल गया है। स्टूडेंट को अपडेट रखने के लिए वे कंम्प्यूटर व इंटरनेट की मदद ले रहे हैं।

क्लास रूम में ब्लैक बोर्ड की जगह हाईटेक स्मार्ट बोर्ड ने ले ली है। पढ़ाने के स्मार्ट तरीके से स्टूडेंट को कोई भी विषय समझाना बेहद आसान है। विद्यार्थी पहले गूगल पर विषय का वीडियो सर्च करते हैं और उसका उपयोग पढ़ाने के दौरान करते हैं। इंटरनेट के उपयोग से स्टूडेंट अपडेट रहते हैं। किताबों में जो जानकारी नहीं होती वह भी इंटरनेट पर उपलब्ध रहती है। स्मार्ट बोर्ड ने क्लास रूम की परिभाषा बदल दी है। प्रो. मैकिएज क्रवक्जिक, पौलेंड ने मूलभूत भौतिकी के क्षेत्र में चुम्बकीय इलेक्टॉनिक्स की भूमिका के बारे में जानकारी दी। प्रो. नवीन कुमार निश्चल और प्रो. मनोरंजन कर आइआइटी, पटना के भौतिक विद्वानों ने क्रमश: सूचना इनकोडिंग में सदिश किरण पुंज की महत्ता एवं तकनीकी अनुप्रयोगों में चुम्बकीय काम्पोजाइट के उपयोगों के बारे में विस्तृत चर्चा की। इसके अतिरिक्त बनारास हिंदू विश्वविद्यालय एवं इलहाबाद विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के विषय पर प्रकाश डाला।

दूसरे तकनीकी सत्र में सिंगापुर के वैज्ञानिक प्रो. एसएन प्रिमामन्यागम ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का विस्तार हर क्षेत्र में तेजी से हो रहा है। अगामी वर्षों में आर्टिफिशियल इटेलिजेंस मानवीय जीवन का अभिन्न हिस्सा होगा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का कारोबार काफी बढ़ जायेगा। इसके अतिरिक्त प्रो. नीलम श्रीवास्तव एवं प्रो. पीसी पाण्डेय, आइआइटी बनारस हिंदू विश्वविद्यालय ने क्रमश: एकविमीय फोटानिक क्रिश्टल और प्राकृतिक पॉलिमर पर प्रकाश डाला। दूसरे सत्र में 40 प्रतिभागियों ने मौखिकी एवं पोस्टर के द्वारा कॉन्फेंस से संबंधित विषय पर शोध पत्र प्रस्तुत किया।

समापन सत्र की अध्यक्षता माननीया प्रति कुलपति प्रो. डॉली सिन्हा ने की। प्रति कुलपति महोदया ने अपनी अध्यक्षीय संबोधन में संगोष्ठी में शामिल सभी प्रतिभागियों एवं विश्वविद्यालय भौतिकी विभाग व दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के सभी सदस्यों का उत्साहवर्धन करते हुए इस दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के सफलता पूर्वक संचालन के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। प्रति कुलपति महोदया ने संगोष्ठी में शामिल प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र प्रदान किया। आगत अतिथियों का स्वागत संगोष्ठी के संयोजक डॉ. रितेश कुमार चौरसिया ने किया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन विभागीय शिक्षक विनय कुमार ने किया। अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में स्नातकोत्तर भौतिकी विभागाध्यक्ष प्रो. अरुण कुमार सिंह, दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के निदेशक प्रो. अशोक कुमार मेहता, प्रो. सुरेंद्र कुमार, डॉ. रितेश कुमार चौरसिया, विनय कुमार एवं कई विभागों के अध्यक्ष, देश-विदेश से ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से सैकड़ों रिसर्च स्कॉलर्स और 250 से ज्यादा प्रतिभागी शामिल थे।

Related Articles

Back to top button