ठाकुर अनुकूलचंद्र जी ने कहा है कि एक साथ एक थाली में भोजन करने व एक बोतल से पानी पीने से कई ऐसे रोग हैं जिसे हम संक्रमित हो सकते हैं:नीरज निराला जेटी न्यूज

ठाकुर अनुकूलचंद्र जी ने कहा है कि एक साथ एक थाली में भोजन करने व एक बोतल से पानी पीने से कई ऐसे रोग हैं जिसे हम संक्रमित हो सकते हैं:नीरज निराला
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डी एन कुशवाहा

रामगढ़वा पूर्वी चंपारण- कल्कि अवतार व अवतारी पुरुष श्री श्री ठाकुर अनुकूल चंद्र जी ने अपने पवित्र पुस्तक नारी नीति की वाणी संख्या 56 में कहा है कि कई लोग मिलकर एक थाली में भोजन न करें। बल्कि अलग-अलग थाली में निकालकर भोजन करें। भोजन करते समय बातें करें और खुलकर बातें करें। उक्त बातें सत्संग नेपाल बीरगंज द्वारा सह प्रति ऋत्विक अशोक कुमार चौरसिया दादा के नेतृत्व में आयोजित ऑनलाइन सत्संग को संबोधित करते हुए ठाकुर जी के परम भक्त व पुलिस विभाग के मुंसी नीरज निराला दादा ने कही। साथ ही उन्होंने कहा कि एक साथ एक थाली में भोजन करने से कई ऐसे रोग हैं जिसे हम संक्रमित हो सकते हैं। यह वायरल फीवर में भी देख सकते हैं। आप घर के हर सदस्य पीड़ित हो जाते हैं। कोरोना जैसे रोग ने आकर दिखा दिया है एक व्यक्ति के कारण कितना लोग संक्रमित हुए और जीवन से हाथ धो बैठे। अगर आप रक्षा पाना चाहते हैं और दूसरों की रक्षा करना चाहते हैं तो स्वस्थ और सदाचार का पालन करना जीवन में अत्यंत जरूरी है, नहीं तो जिससे प्यार करते हैं आपकी छोटी सी गलती के कारण हो सकता है उन्हें खोना भी पड़ जाए। स्वास्थ्य ,आनंद और जीवन को नीचे गिराना है पाप है। हिंदुओं के स्वास्थ्य सदाचार ग्रंथ में भी लिखा गया है कि स्वस्थ गुरुजनों के सिवा किसी का जूठा नहीं खाना चाहिए। यहां तक कि हिंदू ही क्यों वैज्ञानिकों ने भी विशेष रूप से निंदा की है। एक बोतल में पानी भी नहीं पीना चाहिए। हो सकता है उन्हें खोना भी पड़ जाए। स्वास्थ्य आनंद और जीवन को नीचे गिराना ही पाप है। हिंदुओं के स्वास्थ्य सदाचार ग्रंथ में भी लिखा गया है कि स्वस्थ गुरुजनों के सिवा किसी का जूठा नहीं खाना चाहिए। यहां तक कि हिंदू ही क्यों वैज्ञानिकों ने भी विशेष रूप से निंदा की है। एक बोतल में पानी भी नहीं पीना चाहिए, हो सकता है आप उठाकर भी पीते होंगे फिर भी और बर्तन में मुंह लगाकर पानी तो पीना ही नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि फल को अच्छी तरह धोकर ही खाना चाहिए, क्योंकि केमिकल का छिड़काव से त्वचा प्रभावित हो सकता है। एक साथ नहीं खाने से आपकी दोस्ती में दरार नहीं आएगा। संबंध इस चीज को बुरा नहीं मानेगा। जब आप उनको स्वास्थ्य व सदाचार के बारे में बेहतर ढंग से समझा देंगे। हर व्यक्ति जीना और बढ़ना चाहता है, और मरना कोई नहीं चाहता। इसलिए स्वास्थ्य कैसे बेहतर होगा ,वैसा खानपान जरूर करें। जिससे जीवन में आनंद का उपभोग कर पाएं। जीवन की रक्षा कर पाएं। दूसरे के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बन जाएंगे। जैसे-तैसे जीवन जीने से बेहतर ढंग से जीना सर्वोपरि है।

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