*मुजफ्फरपुर ब्लास्ट: मजदूरों ने सुनाई आपबीती, भयानक था वो दृश्य, जिसने भी कहानी सुनी वो सिहर उठा*
*मुजफ्फरपुर ब्लास्ट: मजदूरों ने सुनाई आपबीती, भयानक था वो दृश्य, जिसने भी कहानी सुनी वो सिहर उठा*
*घायलों का हाल जानने पहुंचे श्रम संसाधन मंत्री, पीड़ित परिजनों को दिया आश्वासन, मंत्रालय का दोष से पल्ला झाड़ा*
*हादसे में मरे सभी मृतक के परिजनों को चार-चार लाख रुपये दिए जाने की घोषणा, घटना की जांच के आदेश*
*ब्लास्ट के वक्त फैक्ट्री में 20 से करीब मजदूर मौजूद, धमके से बगल की चूड़ा फैक्ट्री में भी हुआ विस्फोट*
जेटी न्यूज।
मुजफ्फरपुरः:- बिहार के मुजफ्फरपुर में बीते रविवार की सुबह नूडल्स फैक्ट्री में ब्लास्ट के बाद सात मजदूरों की मौत हो गई. वहीं सात गंभीर रूप से जख्मी हैं जिनका इलाज एसकेएमसीएच में चल रहा है. इस पूरे मामले में पत्रकारों ने अस्पताल में भर्ती मजदूरों से सोमवार को बात की है. मजदूरों ने उस भयानक दृश्य को बताया जो उनकी आंखों के सामने हो रहा था. जिसने भी इस घटना के बारे में जाना वो सिहर उठा. अब इस पूरे मामले में जांच की जा रही है.
घायल मजदूरों के अनुसार कई बार उन लोगों ने बॉयलर की खराबी की जानकारी दी थी लेकिन प्रबंधन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. इस दर्दनाक घटना के बारे में मजदूर दीपेश ने बताया कि रविवार को जब नूडल्स फैक्ट्री में बॉयलर के पास काम कर रहा था तभी अचानक तेज धमाका हुआ. इसके बाद उसके शरीर पर गर्म पानी और मलबा गिरा. किसी तरह उसे स्थानीय लोगों के द्वारा बाहर निकाल कर जान बचाई गई.
दीपेश ने बताया कि उस वक्त उसके साथ बॉयलर के पास चार अन्य मजदूर काम कर रहे थे जिसमें एक की मौत हो गई. जबकि अन्य आठ मजदूर वहां बॉयलर पर काम कर रहे थे. उनके बारे में उसे जानकारी नहीं है. दूसरी ओर दीपेश ने यह भी बताया कि घटना के वक्त 20 से ज्यादा मजदूर थे. धमका इतना जोरदार था कि बगल की चूड़ा फैक्ट्री में भी विस्फोट हो गया और मलबे से कई मजदूर घायल हो गए.
हालांकि इस घटना के बाद मामला जांच के दायरे में सिमट चुका है. मजदूरों के अनुसार बॉयलर का मेंटेनेंस नहीं हो रहा था जिसकी वजह से यह हादसा हुआ है.
वहीं दूसरी ओर ऐसे में प्रदेश के श्रम संसाधन मंत्री जीवेश मिश्रा हादसे में घायल हुए मजदूरों से मिलने अस्पताल पहुंचे. यहां उन्होंने इलाजरत सभी मजदूरों से उनका हाल जाना. साथ ही पीड़ित परिजनों से मिलकर मामले में कड़ी कार्रवाई कर दोषियों को सजा दिलाने का आश्वासन दिया. श्रम मंत्री जीवेश मिश्रा ने कहा कि बॉयलर का सर्टिफिकेशन किया गया है. बॉयलर नया लगा था. 2019-20 में ही फैक्ट्री चालू हुई है. रविवार का दिन था, कहीं न कहीं ऑपरेशनल फॉल्ट है जिसके कारण यह हुआ है. एक्सपर्ट के द्वारा उसको हैंडल नहीं किया जा रहा था. ये प्रथम दृष्टया में लग रहा है. बाकी ये जांच के बाद पता चलेगा कि कैसे क्या हुआ है.
इस दौरान श्रम संसाधन मंत्री ने कहा कि प्रथम दृष्टया मामला ऑपरेशनल फॉल्ट का बताया जा रहा है, जिसके कारण ब्लास्ट हुई है. लेकिन ये जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि असल में मामला क्या है. जांच के आदेश दिए गए हैं. इस मामले में जिसकी भी लापरवाही सामने आएगी, उस पर कार्रवाई होगी. घटना को लेकर सरकार द्वारा भी कार्रवाई जा रही है. अब जांच में जो भी दोषी पाए जाएंगे, उन पर सख्त कार्रवाई होगी.
उन्होंने कहा कि 28 मई को बॉयलर को एनओसी दी गई थी. ऐसे में इसको लेकर हमारी सरकार और श्रम विभाग कहीं से भी जिम्मेदार नहीं है. ऑपरेशन फॉल्ट का मसला है. बता दें कि रविवार को हुए धमाके में सात मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई थी. जबकि हादसे में घायल सात मजदूर अब भी इलाजरत हैं. इनमें से एक की स्थिति नाजुक बनी हुआ है. सरकार की ओर से घायलों को बेहतर इलाज के लिए तमाम तरह के इंतजाम किए गए हैं. वहीं, फिलहाल हादसे में मरे सभी मृतकों के परिजनों के लिए सरकार की ओर से चार-चार लाख रुपये मुआवजा दिए जाने की भी घोषणा की गई है.