पहले किसान हत्यारा अब 80 और 20 का खेल पर आई

पहले किसान हत्यारा अब 80 और 20 का खेल पर आई


जे टी न्यूज़

बेतिया:- बिहार राज्य किसान सभा के संयुक्त सचिव प्रभुराज नारायण राव ने कहा है कि पंजाब के किसान अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार फिरोजपुर जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करने जाना चाह रहे थे । जिन्हें पुलिस ने रास्ते पर जाने से रोक दिया । उधर भाजपा के कार्यकर्त्ता मोदी की स्वागत में निकले थे । इस बीच फिरोजपुर से हुसैनीवाला सभा में जाने के लिए प्रधानमंत्री का कारवां जा रहा था , तभी सूचना आई की सभा के लिए सत्तर हजार कुर्सियां लगी है । लेकिन 7 सौ भी लोग नहीं है । यह सुन मोदी का कारवां वहीं ब्रिज पर ही रुक गया । सभा में जा रहे भाजपा कार्यकर्त्ता मोदी मोदी करते हुए उनके पास चले गए ।

किसान प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा प्रदर्शनकारियों से 1 किलोमीटर की दूरी रुके हुए थे । लेकिन किसानों का एक भी कार्यकर्त्ता प्रधानमंत्री के काफिले तक नहीं गया । बावजूद इसके प्रोटोकॉल का उलंघन करते हुए प्रधानमंत्री मोदी द्वारा एक छोटे अधिकारी से यह कहना कि मुख्यमंत्री से कह देना कि मैं जिंदा लौट गया। पश्चिम बंगाल चुनावी खेल के बाद प्रधानमंत्री ने इस 5 राज्यों के चुनाव को जितने के लिए जबर्दस्त भावनात्मक खेल खेला जहां दूर दूर तक खतरा जैसी कोई बात नजर नहीं आती । जबकि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा प्रोटोकॉल को तोड़ना देश या विदेश में आम बात है । सुरक्षा कवच को लांघकर दर्शकों के बीच जाकर हाथ मिलाना , पीठ पर हाथ रखना , लोगों से बातें करना क्या यह खतरा को दावत नहीं देता । क्या यहीं कारण नहीं था की सुरक्षा कवच के अंदर एक आत्मघाती महिला के बम ब्लास्ट में स्व. प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या हुई । लेकिन यह खेल इनके जान पर खतरा नजर नहीं आता ।

देश के प्रधानमंत्री द्वारा किसानों पर जानलेवा हमला का इल्जाम लगाना , किसानों पर उनका घृणा बोल रहा है । 715 किसान की हत्या का जिम्मेदार प्रधानमंत्री को किसानों पर अविश्वास करने का और हत्यारा साबित करने का ख्याल लाना लाजमी है । किसान देश के अन्नदाता हैं। वह देश के लोगों के लिए खाने का अनाज पैदा करता है । किसान स्वाभिमान और मर्यादा का प्रतीक है । वह वादाखिलाफी से बचने के लिए आत्महत्या तक कर लेता है । लेकिन किसी की हत्या का सोच भी नहीं सकता ।

यह कितना दुखद है कि जब देश का प्रधानमंत्री ही किसानों पर अपनी हत्या करने का इल्जाम लगावे तो फिर उस देश के किसानों की रक्षा कैसे की जा सकती है । जब मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक प्रधानमंत्री से आग्रह करते हैं कि किसान आंदोलन को खत्म कराइए । हमारे 5 सौ किसानों ने जान गवां दी , तो प्रधानमंत्री ने कहा कि किसान मेरे लिए थोड़े मरे हैं । जाइए अमित शाह से मिलिए । जब वो गृह मंत्री अमित शाह से मिले तो अमित शाह ने मोदी को घमंडी कह बहुत जल्द अवकात की पता चलने को कहा । फिर राज्यपाल मलिक ने मोदी को अहंकारी एवं घमंडी कहा इसलिए आज देश के किसानों को यह समझने का जरूरत है कि दिल्ली बॉर्डर पर धरना दे रहे 715 किसान जो शहीद हो गए । उनकी हत्या का एक अदद जिम्मेदार देश का प्रधानमंत्री मोदी अपने को स्वयं मानते हैं । यही कारण है कि देश के किसान उनको हत्यारा नजर आता है।

प्रधानमंत्री मोदी का यह घृणित खेल चल ही रहा था । तबतक योगी ने सत्ता की लालच में भारतीय संविधान को तार तार कर 80 और 20 यानी हिंदू और मुस्लिम का खेल की घोषणा का कर दी। मोदी या योगी के इस राष्ट्र विरोधी खेल का समस्त देश सख्त निंदा करता है तथा तथा न्यायपालिका से आग्रह करता है कि दोनों के इस बयान पर स्वयं संज्ञान लेकर शीघ्र करवाई करे।

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