ये आशियाना किसी और का नहीं बल्कि चार बार लोक सभा सदस्य रह चुके प्रो. अजित कुमार मेहता का है
ये आशियाना किसी और का नहीं बल्कि चार बार लोक सभा सदस्य रह चुके प्रो. अजित कुमार मेहता का है
जे टी न्यूज़
समस्तीपुर : ये घर समस्तीपुर से चार बार लोक सभा सदस्य रह चुके प्रो. अजित कुमार मेहता जी का है.कुछ दिन पहले आये थे। इसी घर में रहे. फिर मैं ट्रेन में चढ़ा दिया दिल्ली चले गये उम्र तो बहुत हो ही गई है। बुढ़ापे की जो खुद में बिमारी होती है वो छोड़ कर कोई अन्य बिमारी हर्ट, सुगर ये कोई खास नहीं है।
सब दिन दांतवन से मुँह धोये , अब ब्रश करने लगे हैँ कल्ह जब फोन से मेरी बात हुई मैं अनुरोध किया कि कर्पूरी जी क़ी जयन्ती में सभा का कार्यक्रम तो नहीं हो सकेगा, किन्तु आपको पहला सम्बोधन करना है कहा ठीक है प्रो. अजित कुमार मेहता साहब एक ऐसे शख्सियत हैँ, जिन्हें कर्पूरी जी ने उस समय एम. पी. का उम्मीदवार बनाया, जब वे स्वयं समस्तीपुर के एम. पी. पद से त्याग पत्र देकर बिहार के मुख्यमंत्री बन गये थे।
इस प्रकार अजित बाबू उनके त्यागे गए पद के लिए समस्तीपुर से लोक सभा का उम्मीदवार बन गये. कांग्रेस से उम्मीदवार बनी तारकेश्वरी सिन्हा जी, राजनीति की प्रशिद्ध हस्ती.1958 से 1966 तक पहली, दुसरी, तीसरी, चौथी लोक सभा की सदस्य तथा नेहरू जी के मन्त्रीमण्डल में विक्त मंत्री रही, तारकेश्वरी सिन्हा, प्रखर, ओजस्वी, शेरो -शायरी से परिपूर्ण भाषण देने वाली अपने ज़माने की खूबसूरत महिला, जो इंग्लैंड में लन्दन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स एंड पोलिटिकल साइंस से पढ़ाई कर डिग्री पाई थी। वो प्रो. अजित कुमार मेहता जी से चुनाव हार गई वर्ष 1978. मेहता साहब बी. आई. टी मेसरा में प्रोफेसर थे, सांसद बन गये. समस्तीपुर से चुनाव हारने के बाद तारकेश्वरी जी ने कहा था…. डूबने का मुझे कोई गम ना था,कस्ती वहाँ डूबी, जहाँ पानी बहुत कम था।
ये थी समस्तीपुर की जनता का मिजाज, बोरा नहीं बक्को में वोट डालने की मजबूरी हो गई थी धमैान गाँव में इलेक्शन कराने वाले लोगों की. उस समय वहां बी. डी. ओ श्री यू. के. राय साहब को इलेक्शन कमीशन ने स्पस्टीकरण पूछा था, जबाब भी अभूतपूर्व दिया गया.वो ऑफिसर यानि यू. के. राय साहब,आई ए एस पाकर बिहार के लेबर कमिसनर बने।