विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही के कारण घटित घटना छात्र की मौत, छात्रों को गिरफ्तारी पर अविलंब रोक को लेकर सौपा ज्ञापन

विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही के कारण घटित घटना छात्र की मौत, छात्रों को गिरफ्तारी पर अविलंब रोक को लेकर सौपा ज्ञापन

जे टी न्यूज़

समस्तीपुर : आज अजय कुमार विधायक विभूतिपुर तथा अख्तरुल इस्लाम शाहीन स्थानीय विधायक समस्तीपुर ने संयुक्त रूप से जिला पदाधिकारी तथा पुलिस अधीक्षक समस्तीपुर से मिलकर राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा की घटना से अवगत कराए तथा विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही के कारण घटित घटना, छात्र की मौत से संबंधित तथा सही संवाद विश्वविद्यालय प्रशासन तथा छात्रों के बीच नहीं होने की घटना से अवगत कराये तथा छात्रों को गिरफ्तारी पर अविलंब रोक लगाने तथा विश्वविद्यालय का नियमित संचालन कराने से संबंधित ज्ञापन दिया तथा वास्तविक स्थिति से अवगत कराया तथा स्वयं पर्यवेक्षण कराने हेतु आवेदन सुपुर्द किये ।

जिला पदाधिकारी,
पुलिस अधीक्षक,
समस्तीपुर

राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा की घटना के संबंध में कहना है कि एक ही घटना से संबंधित विश्वविद्यालय प्रशासन तथा स्थानीय प्रशासन के द्वारा कुल तीन मुकदमा पूसा थाना कांड संख्या 43/2022, 44/2022 तथा 45/2022 दर्ज कराया गया है । पूसा थाना कांड संख्या 43/2022 सूचक वीरेंद्र कुमार सिंह का यह कहना कि जख्मी को इलाज वास्ते अस्पताल में भर्ती कराने के बजाय वापस लौटा लाए, बिल्कुल ही गलत व भ्रामक तथ्य है । असल में जख्मी को प्रसाद हॉस्पिटल मुजफ्फरपुर में ले जाया गया जहां 21 मार्च 2022 को रात्रि 10:35:44 बजे में ई.सी.जी. कराया गया तथा जांच उपरांत डॉक्टर ने वहां मृत घोषित कर दिया ।

उक्त प्राथमिकी को देखने से स्पष्ट है कि जख्मी छात्र के साथ
1. मालीराम, 2. कुमुद तिवारी, 3. अभिषेक, 4. अतुल, 5. आदित्य सेन, 6. सौरभ भारती मुजफ्फरपुर अस्पताल गए थे । जबकि सच्चाई यह है कि उक्त छात्र के अलावा 1.आशीष आनंद, 2. मंतोष कुमार, 3. दीपक कुमार, 4. सौरभ चौधरी, 5. गोपाल कुमार भी मुजफ्फरपुर अस्पताल में गए थे जो अस्पताल के सी.सी.टी.वी. फुटेज से स्पष्ट हो जाएगा । यहां यह भी उल्लेखनीय है कि कुछ छात्र जो अपने निजी वाहन से गए थे लालू यादव चौक के पास इंडियन ऑयल के प्रसाद फ्यूल पेट्रोल पंप पर तेल लिए थे जो वहां लगे सी.सी.टी.वी. फुटेज से एवं मोबाइल के द्वारा किए गए भुगतान से स्पष्ट हो जायेगा । एक और उल्लेखनीय तथ्य है कि प्रसाद हॉस्पिटल से वापस आने के क्रम में लगभग आधा घंटा तक अस्पताल के पास वाले ए.टी.एम. पर मृतक के साथ रुके थे जो भी सीसीटीवी फुटेज से स्पष्ट हो जाएगा ।

विश्वविद्यालय प्रशासन एवं स्थानीय प्रशासन के द्वारा उपरोक्त छात्रों के विरुद्ध नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई है जो गलत है विश्वविद्यालय प्रशासन समय रहते ना तो जख्मी के इलाज में भूमिका निभाई और ना ही परिसर के छात्रों से सही रूप से संवाद स्थापित कर पाए अर्थात छात्रों से विश्विद्यालय प्रशासन संवाद स्थापित करने में असफल रहे तथा मृत्यु के पश्चात एंबुलेंस को विश्वविद्यालय परिसर में लाने से मना करने पर उत्पन्न आक्रोश के कारण कुछ घटनाएं घटित हुई है ।

अतः उपरोक्त सभी घटना का स्वयं प्रवेक्षन कराना चाहेंगे तथा तब तक छात्रों के गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए परिसर में सामान्य स्थिति बहाल कर आगे की कार्यवाही किया जाना चाहिए । निर्दोष छात्रों को किसी रूप में भी प्रताड़ित नहीं किया जाना चाहिए ।

साथ ही साथ परीक्षाएं विलंब से होने से छात्रों के भविष्य अधर में होगा इसलिए विश्वविद्यालय का नियमित वर्ग संचालन तथा सामान्य स्थिति बहाल करना अति आवश्यक है ।

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